Pet me Gas bane to Kya Kare
राधे राधे 🙏🙏
दोस्तों ! आज इस लेख में मैं आपके लिए गैस और एसिडिटी का एक परमानेंट सॉल्यूशन लाई हूं। आज के इस लेख में मैं आपको दो चीज़ें बताऊंगी। पहली चीज़ है एक ब्रीदिंग टेक्निक और दूसरी चीज़ है एक होम रेमेडी। इन दोनों चीज़ों को अगर आप अपना लेंगे तो इससे आप किसी भी तरह की और कितनी भी पुरानी गैस और एसिडिटी को हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं। कभी अचानक से आपको गैस या एसिडिटी हो जाती है और इस चीज़ को आप कर लेते हैं, तो उससे आपको 2 मिनट के अंदर फ़ौरन आराम भी मिलना शुरू हो जाएगा।
Pet me Gas bane to Kya Kare | एसिडिटी और गैस आखिर क्यों होती है?
दोस्तों, एसिडिटी यानी पेट में एसिड का बनना। आखिर यह प्रॉब्लम होती ही क्यों है? जो खाना हम लोग खाते हैं, उसको पचाने के लिए हमारे पेट के अंदर एक एसिड बनता है – हाइड्रोक्लोरिक एसिड। यह एसिड का काम होता है हमारे खाने को हजम करना, उसको गलाना। लेकिन अगर यह एसिड ज़्यादा क्वांटिटी में बनने लगता है, तो उसकी वजह से हमारे अंदर एसिडिटी बढ़ जाती है और सारी प्रॉब्लम्स – जैसे कि पेट में दर्द, अफ़रा आना, गैस की शिकायत या सीने में जलन – हमारे अंदर हो सकती है।
अब यह ज़्यादा एसिड क्यों हो जाता है हमारे अंदर? दोस्तों, बहुत सारी आदतें हमारे अंदर ऐसी होती हैं जिनके कारण से अक्सर यह प्रॉब्लम हमारे अंदर क्रिएट होनी शुरू हो जाती है। अगर आप ज़्यादा स्पाइसी फूड खाते हैं, मिर्च-मसालेदार खाना ज़्यादा खाते हैं तो ऐसे केस में आपके अंदर यह एसिड ज़्यादा बनने लगता है। अगर आप ज़्यादा स्ट्रेस में रहते हैं, तो उसकी वजह से भी आपके अंदर एसिड ज़्यादा बनता है।

अगर आप सुबह-सुबह खाली पेट चाय-कॉफी का इस्तेमाल करते हैं या दिनभर चाय-कॉफी का ज़्यादा इस्तेमाल करते रहते हैं, तो उसकी वजह से भी आपके अंदर यह एसिड ज़्यादा बन सकता है। ज़्यादा देर तक खाली पेट रहने से भी एसिड ज़्यादा बनता है। या कई बार खाना स्किप करने की वजह से – बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो सुबह नाश्ता करके जाते हैं और रात को आकर खाना खाते हैं – तो ऐसे लोगों का सारा दिन पेट खाली रहता है, बीच-बीच में वो चाय भी पीते रहते हैं। तो इन सब चीज़ों की वजह से अक्सर हमारे अंदर एसिड ज़्यादा बनने लगता है।
एसिड को कम करने के लिए अक्सर हम लोग एंटासिड मेडिसिन्स लेते हैं – यानी ऐसी दवाइयां जो कि या तो डाइजीन की शक्ल में होती हैं या फिर खाली पेट खाने वाले कैप्सूल्स जैसे कि ओमेप्रेज़ोल या पैंटोप्राज़ोल की शक्ल में होती हैं। इस तरह की दवाइयां हमें तात्कालिक तौर पर आराम दे देती हैं। वे एसिड को कम कर देती हैं लेकिन लॉन्ग टर्म में आराम नहीं मिलता है। जब तक आप इनको खाते रहते हैं, आपको सुकून रहता है। जैसे ही आप इनको छोड़ते हैं, आपकी प्रॉब्लम वहीं वापस लौट आती है।
इसका परमानेंट सॉल्यूशन क्या है?
देखिए, अगर आप एसिडिटी और गैस से परमानेंट राहत चाहते हैं तो सबसे पहले तो आपको इसके कारणों को बदलना होगा। इन कारणों से बचना होगा। सबसे पहला काम आपको करना है अपनी लाइफस्टाइल को सुधारने का। क्योंकि जब तक कारण नहीं जाएगा, तब तक बीमारी नहीं जाएगी।
अब बात करते हैं उन दो चीज़ों की, जो अगर आप अपना लें, तो आप हमेशा-हमेशा के लिए 100% अपनी गैस और एसिडिटी की प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते हैं।
इनमें से पहली चीज़ है ब्रीदिंग तकनीक
दूसरी चीज़ है एक होम रेमेडी, जिसको बनाने का तरीका और खाने का तरीका भी मैं आपको अभी बताऊंगी।
सबसे पहले बात करते हैं ब्रीदिंग टेक्निक के बारे में।
ब्रीदिंग तकनीक
दोस्तों, बहुत सारी ब्रीदिंग टेक्निक्स होती हैं जो कि आपको अलग-अलग तरह की प्रॉब्लम्स में राहत प्रदान करती हैं। ऐसी ही एक ब्रीदिंग तकनीक है जो कि आपके पेट के अंदर बनने वाली एक्स्ट्रा गैस को और एसिडिटी को रिलीव करने का काम करती है। इस ब्रीदिंग तकनीक को आपको रोज़ाना दिन में दो से तीन बार ट्राई करना है। और अगर आप इसे एक्यूट कंडीशन में करते हैं – यानी मान लीजिए अचानक से आपको बहुत ज़्यादा एसिडिटी और गैस हो रही है – उसी समय अगर आप इसे करते हैं, तो फ़ौरन आराम भी इससे आपको मिलना शुरू हो जाएगा।
इस तकनीक को करने के लिए आपको क्या करना है?
आपको सबसे पहले एक कम्फर्टेबल पोजिशन में बैठ जाना है। उदाहरण के लिए आप पहले एक चेयर पर बैठ जाइए। जैसे ही आप एक चेयर पर बैठ जाएं, उसके बाद आपको क्या करना है?
आपको इन्हेल करना है अपने मुंह से और एक्सहेल करना है अपनी नाक से।
अब यह इन्हेल जो करना है उसका एक ख़ास तरीका है – वो मैं आपको बताती हूं। इन्हेल आपको करना है अपनी ज़बान (tongue) के थ्रू। अपनी ज़बान को आपको ऐसे राउंड करके एक पाइप की शक्ल में बनाना है और उसके थ्रू आपको इन्हेल करना है।

तो चलिए साथ-साथ करते हैं। सबसे पहले अपनी ज़बान को राउंड कर लीजिए…
अपनी ज़बान के थ्रू – और उसको धीरे-धीरे अपनी नाक से फिर वापस निकाला। इसको दो-तीन बार रिपीट करते हैं।
इस तरह से चार-पांच बार आपको यह इन्हेल और एक्सहेल करना है। और दिन में दो से तीन बार आप इसको कम से कम ज़रूर करिए। किसी समय आपको ज़्यादा एसिडिटी हो रही हो, तो उसी समय भी आप इसको कर सकते हैं।
अगर आपने इसको अभी मेरे साथ किया है दोस्तों, तो आपने फील किया होगा कि जो आपका गला है, यहां से लेकर पेट तक, आपको ठंडक का एहसास होने लगता है। यह ठंडक बेसिकली इसलिए होती है क्योंकि इस तरह से जब आप इन्हेल करते हैं तो यह एयर आपके पेट की और साइन की खाने की नली के अंदर मौजूद नर्व एंडिंग्स को सूद कर देती है। जो कि आपके एसिड को बनने से रोकती है। और इसकी वजह से तुरंत आपका एसिड बनना कम हो जाता है और ठंडक का एहसास होता है।
अजवाइन और काला नमक का चमत्कारी नुस्खा
इस होम रेमेडी को बनाना बहुत ही ज़्यादा आसान है। सिर्फ दो चीज़ों की ज़रूरत आपको इसके लिए पड़ेगी – पहली चीज़ है अजवाइन और दूसरी चीज़ है काला नमक।
आपको क्या करना है?
आपको एक टीस्पून अजवाइन लेनी है और इसको तवे पर डाल के हल्का सा रोस्ट कर लेना है। इसके बाद इसके अंदर आपको मिलाना है एक चुटकी काला नमक। और इस एक चम्मच अजवाइन और काले नमक को मुंह में डालिए और ऊपर से आप पानी पी लीजिए।
यह एक बहुत ही बढ़िया नुस्खा है दोस्तों – जो कि आपको अचानक से ज़्यादा एसिडिटी हो रही है, तो उसी समय के लिए भी और लॉन्ग टर्म यूज़ के लिए भी बहुत ही ज़्यादा इफेक्टिव रिज़ल्ट्स देता है।
इसको अगर आप रेगुलर इस्तेमाल करेंगे तो पुरानी से पुरानी गैस, एसिडिटी, अफ़रा और पेट दर्द की जो शिकायत है – इनडाइजेशन की जो आपकी शिकायत हो सकती है – वो ठीक होनी शुरू हो जाएगी। और इन दोनों ही चीज़ों को – यानी इस ब्रीदिंग तकनीक को और इस होम रेमेडी को – अगर आप साथ में इस्तेमाल करते हैं, तो बल्ले-बल्ले हैं आपकी! क्योंकि बहुत ही ज़्यादा बढ़िया रिज़ल्ट्स आपको मिलेंगे, बहुत ही जल्दी आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा। और रेगुलरली इस्तेमाल कर लेंगे 15-20 दिन या एक महीना भर, तो परमानेंटली आपकी प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी – बशर्ते कि आप उन कारणों से भी बचें जिनके बारे में हमने इस वीडियो में बात की थी।
इस नुस्खे को आपको दिन में दो बार इस्तेमाल करना है – खाना खाने के बाद। दोपहर का खाना खाने के बाद इसको आप ले सकते हैं एक टाइम, और एक टाइम इसको आप रात का खाना खाने के बाद ले सकते हैं।
दोस्तों, अजवाइन के इस नुस्खे को इस्तेमाल करने से बहुत सारे लोग डरते भी हैं। बहुत सारे लोग सोचते हैं कि अजवाइन गर्म होती है, तो इसको गर्मी के मौसम में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। या बहुत से लोगों का मिजाज थोड़ा गर्म होता है – उन्हें लगता है कि अजवाइन खाएंगे तो और गर्मी बॉडी में बढ़ेगी। तो अगर आपको इस तरह की कोई प्रॉब्लम है, तो ऐसे केस में आप अजवाइन की मात्रा को भी कम कर सकते हैं। इसको आप किसी भी मौसम में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपको प्रॉब्लम होती है, गर्मी ज़्यादा लगती है या अजवाइन खाने से कोई प्रॉब्लम हो रही है, तो उस केस में आप अजवाइन को आधा चम्मच या उससे कम भी कर सकते हैं – डिपेंड करता है आपकी बॉडी उस पर कैसे रिएक्ट करती है।
इसके अलावा, यह पूरी तरह से सेफ और इफेक्टिव होम रेमेडी है। तो कोई भी इसको आराम से इस्तेमाल कर सकता है और 12 महीने इस्तेमाल कर सकता है।
मुझे उम्मीद है दोस्तों, आज की यह जानकारी आपको ज़रूर पसंद आई होगी और इससे आपने कुछ न कुछ नया ज़रूर सीखा होगा।
राधे राधे!