Moringa Leaves on an empty stomach
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Toggleसहजन के पत्ते खाली पेट खाने से क्या होता है : Moringa Leaves on an empty stomach
सहजन के पत्तों का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं:
- पत्तों का रस: 10-15 ताजे सहजन के पत्तों को पानी में उबालकर उसका रस निकालें और इसे सुबह-सुबह खाली पेट पिएं।
- पाउडर: आप सहजन के पत्तों को सुखाकर उसका पाउडर बना सकते हैं। इस पाउडर का आधा चम्मच गुनगुने पानी या शहद के साथ लें।
- काढ़ा: सहजन के पत्तों का काढ़ा बनाकर भी इसे पी सकते हैं।
सहिजन (मोरिंगा) – एक जादुई पौधा
सहिजन, जिसे मोरिंगा (Moringa Oleifera) भी कहा जाता है, भारत के प्राचीन औषधीय पौधों में से एक है। इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है – कहीं इसे “ड्रमस्टिक” कहा जाता है, तो कहीं इसे “सहजन” के नाम से पहचाना जाता है। यह पौधा अपने पोषण और औषधीय गुणों के कारण अत्यधिक लोकप्रिय है। सहिजन का पेड़ विशेष रूप से उत्तर भारत और दक्षिण भारत में पाया जाता है और इसके विभिन्न हिस्सों का उपयोग भोजन से लेकर दवाओं तक में किया जाता है।
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सहिजन के पोषक तत्व
सहिजन के पत्तों में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरमार होती है। 100 ग्राम सहिजन के पत्तों में पांच नींबू के बराबर विटामिन सी पाया जाता है और कैल्शियम की मात्रा इतनी होती है जितनी एक गिलास दूध में होती है। इसके पत्तों में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन बी2, आयरन और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। इन पोषक तत्वों की वजह से सहिजन को ‘सुपरफूड’ का दर्जा प्राप्त है।
सहिजन के औषधीय गुण
सहिजन के औषधीय गुण इसे एक प्राकृतिक उपचार के रूप में बहुत प्रभावी बनाते हैं। इसके पत्ते, छाल, बीज और फलियाँ सभी का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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1. विटामिन और कैल्शियम का स्रोत
सहिजन के पत्ते विटामिन सी और कैल्शियम का प्रचुर स्रोत होते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपकी हड्डियाँ मज़बूत होती हैं और शरीर में विटामिन सी की कमी भी पूरी होती है। हड्डियों से संबंधित बीमारियों जैसे आर्थराइटिस में इसका सेवन विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है।
2. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
सहिजन के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। यह शरीर को संक्रमण और अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। जिन लोगों की इम्यून सिस्टम कमजोर है, वे इसका नियमित रूप से सेवन करके खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं।
3. ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है
सहिजन के पत्तों में एक विशेष प्रकार का यौगिक होता है जिसे “आइसोथियोसाइनेट” कहा जाता है। यह यौगिक शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जिन लोगों को डायबिटीज़ की समस्या है, अगर आप डायबिटिक पेशेंट हैं या डायबिटीज के जोखिम पर हैं, तो आपको इसका सेवन ज़रूर करना चाहिए।
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4. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करता है
सहिजन के पत्तों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज़ करते हैं। ये फ्री रेडिकल्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे कई बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं जैसे कि हृदय रोग, कैंसर और डायबिटीज़। सहिजन के नियमित सेवन से इन बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
ये पत्तियां आपकी बॉडी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती हैं। दोस्तों, आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस आखिर होती क्या चीज़ है। दरअसल, हमारी बॉडी में जितने भी प्रोसेसेस होते हैं, उनके दौरान कई केमिकल रिएक्शन होते हैं।
इन रिएक्शनों से कुछ फ्री रेडिकल्स उत्पन्न होते हैं, जो हमारी अपनी ही बॉडी की सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। बहुत सी बीमारियां, जैसे कि गठिया (अर्थराइटिस), डायबिटीज़, और दिल की बीमारियां, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण ही उत्पन्न होती हैं।
मोरिंगा यानी सहजन के पत्तों में जबरदस्त एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो इन फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज़ कर देते हैं, जिससे हमारी बॉडी में कई तरह की क्रॉनिक बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साथ ही, आपको उम्र के साथ अपनी स्किन में भी फर्क नजर आने लगेगा, और आप ज़्यादा जवान दिखने लगेंगे।
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5. कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं। सहजन की पत्तियां आपकी बॉडी में बढ़े हुए एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, जो नसों में जमकर ब्लॉकेज पैदा करता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देता है। सहजन की पत्तियों के नियमित सेवन से यह खतरा काफी कम हो जाता है।
6. पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज
सहिजन के पत्तों का रस पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है। इसे सुबह-सुबह खाली पेट पीने से कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा, पेट की सूजन और संक्रमण जैसी समस्याओं में भी यह फायदेमंद होता है।
7. महिलाओं की समस्याओं का समाधान
सहिजन के पत्तों का रस महिलाओं में लिकोरिया (सफेद पानी) की समस्या का इलाज करता है। इसे काली मिर्च और मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से इस समस्या में राहत मिलती है। साथ ही, सहिजन का सेवन स्त्रियों की मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है।
8. पीलिया और अन्य बीमारियों का इलाज
सहिजन के पत्तों का रस पीलिया रोग में अत्यधिक फायदेमंद होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है और लीवर की सफाई करता है। पीलिया के रोगियों को इसका रस सुबह और शाम दोनों समय लेना चाहिए। इसके अलावा, सहिजन का रस बवासीर, शीघ्रपतन, और अन्य यौन समस्याओं में भी फायदेमंद होता है।
सहिजन का सेवन कैसे करें?
सहिजन के पत्तों को कई तरीकों से सेवन किया जा सकता है। इसे काढ़े के रूप में, सब्जी बनाकर, या पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- काढ़ा: सहिजन के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से इसका असर जल्दी होता है। इसके लिए 10-12 पत्तों को पानी में उबालकर पी सकते हैं।
- पाउडर: सहिजन के पत्तों को सुखाकर पाउडर बना सकते हैं। इस पाउडर का आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जा सकता है।
- सब्जी: सहिजन की फलियों का इस्तेमाल सब्जी में किया जा सकता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषण से भरपूर होती है।
सहिजन के कुछ अन्य फायदे
- घाव भरने में सहायक: सहिजन की छाल और पत्तों का लेप चोट और घावों पर लगाने से उनका जल्दी इलाज होता है।
- लकवा में उपयोगी: सहिजन का काढ़ा लकवा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसे सुबह, दोपहर और शाम पिलाने से लकवा में जल्दी आराम मिलता है।
- बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद: सहिजन का तेल बालों और त्वचा के लिए एक बेहतरीन टॉनिक होता है। यह बालों को मज़बूत करता है और त्वचा को नमी प्रदान करता है।
निष्कर्ष
सहिजन एक जादुई पौधा है जो पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके पत्तों, फलियों, छाल और बीजों का सही ढंग से उपयोग करने से आप कई प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं। सहिजन को अपने आहार में शामिल करने से आप अपने शरीर को न केवल बीमारियों से दूर रख सकते हैं, बल्कि अपनी जीवनशैली को भी स्वस्थ बना सकते हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer)
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से प्रदान की गई है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। सहजन (मोरिंगा) या किसी अन्य हर्बल उपचार का उपयोग करने से पहले कृपया अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें, खासकर यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है या आप गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं, या किसी दवा का सेवन कर रहे हैं। लेख में दी गई जानकारी लेखक के व्यक्तिगत अनुभव और सामान्य अनुसंधान पर आधारित है, जिसकी सटीकता और पूर्णता की गारंटी नहीं दी जा सकती।
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