तेज पत्ता क्या होता है | तेज पत्ता के फायदे
दोस्तो! क्या आप आपने खाने में तेज पत्ते का उपयोग करते है ? खाना खाते समय अक्सर हम सबने तेजपत्ते को थाली से बाहर कर दिया होगा पर जब आप इसके औषधीय मूल्य को जानेंगे तो इसको थाली से बाहर न करके बड़े चाव से इसका सेवन शुरू कर देंगे..!
हमारे भारत में तेजपत्ता को तेजपत्र, तेजपान, तमालका, तमालपत्र, तेजपात, इन्डियन केसिया आदि आदि नामों से भी जाना जाता है।तेजपत्ता की खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू- कश्मीर, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में की जाती है। ये हमेशा हरा रहने वाले तमाल वृक्ष के पत्ते हैं जो कई सालों तक लगातार उपज देता रहता है। इस पेड़ को यदि एक बार लगाया गया तो यह 50 से 100 सालों तक उपज देकर सेवा करता रहता है।

रोपण करने के 6 साल बाद जब इसका पेड़ पूरी तरह से विकसित हो जाता है तो इसकी पत्तियों को इक्कठा कर लिया जाता है। पत्तियों को इक्कठा करने के बाद इन्हें छाया में सुखाया जाता है। तब ये पत्तियां उपयोग करने के लिए तैयार हो जाती है। फसल की कटाई करने का बाद, इसकी पत्तियों को छाया में सुखाया जाता है। तेज पत्ते का तेल निकालने के लिए आसवन यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
इसकी पत्तियों से हमे 0.6% खुशबूदार तेल की प्राप्ति होती है। इसका तेल भी एक बहुआयामी बहुकीमती औषधि है।
औषधीय गुण
तेजपत्ता मधुमेह, अल्ज़ाइमर्स, बांझपन, गर्भस्त्राव, स्तनवर्धक, खांसी जुकाम, जोड़ो का दर्द, रक्तपित्त, रक्तस्त्राव, दाँतो की सफाई, सर्दी जैसे अनेक रोगो में अत्यंत उपयोगी है।

-तेजपत्ता में दर्दनाशक, एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। आयुर्वेद में अनेक गंभीर रोगो में इसके उपयोग किये जाते रहे हैं।
-चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम, छींकें आना, बुखार, नाक बहना, जलन, सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है।
-तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है।
-तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है।
-एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।

-तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है।
-कपड़ों के बीच में तेजपात के पत्ते रख दीजिये, ऊनी, सूती, रेशमी कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे।
-अनाजों के बीच में 4-5 पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे लेकिन उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी।
-अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है, वे लोग तेजपात का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न।

-तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए, आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा, कभी हृदय रोग नहीं होंगे।
-इसके पत्ते को जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
-इसका धुँआ मिर्गी रोगी के लिए काफी लाभदायक होता है।
तेज पत्ता क्या होता है | तेज पत्ता के फायदे
तेजपत्ता विभिन्न रोगों में अत्यंत लाभकारी है, जैसे:
चाय के रूप में
– चाय-पत्ती की जगह तेजपात का चूर्ण उपयोग करें।
– यह सर्दी-जुकाम, छींक, बुखार, सिरदर्द, और नाक बहने में लाभकारी है।

दांतों की सफाई
– तेजपात के पत्तों का चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलें।
– इससे दांत चमकदार और स्वस्थ रहते हैं।
हकलाहट में उपयोगी
– तेजपात के पत्तों को नियमित रूप से चबाने से हकलाहट में लाभ मिलता है।
खांसी में आराम
– तेजपात का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।
पेट की समस्याओं में
– तेजपात का काढ़ा पीने से पेट फूलना और अतिसार जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
कपड़ों की सुरक्षा
– कपड़ों के बीच तेजपात के पत्ते रखने से कीड़े नहीं लगते।
– अनाजों में 4-5 पत्ते डालने से अनाज सुरक्षित रहता है और उसमें सुगंध आती है।
दुर्गंध दूर करने में
– मोज़ों की दुर्गंध को दूर करने के लिए तेजपात का चूर्ण तलवों पर मलें।
हृदय की मजबूती
– भोजन में नियमित तेजपत्ता शामिल करने से हृदय मजबूत रहता है और हृदय रोग नहीं होते।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए
– तेजपात को जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
– इसका धुआं मिर्गी रोगियों के लिए लाभदायक होता है।
तेजपत्ता: प्रकृति का अमूल्य उपहार
तेजपत्ता न केवल हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और इसके लाभों का आनंद लें।
दोस्तों! आशा करते है। आपको यह जानकारी बहुत पसंद आई होगी।
राधे राधे 🙏🙏