शुगर होने के लक्षण | Symptoms of Diabetes
दोस्तों! डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो महामारी की तरह हमारे विश्व में फैल रही है। अगर बात करें अपने भारत की तो आज की डेट में करीब 8 करोड लोग डायबिटीज से पीड़ित है। सिर्फ हिंदुस्तान के अंदर और यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। वैसे तो सभी बीमारियां बुरी होती है लेकिन जो चीज डायबिटीज को सबसे ज्यादा बड़ा बनाती है वह है डायबिटीज के अंदर जो शुरुआती लक्षण होते हैं। वह इतने धीरे-धीरे प्रोग्रेस करते हैं कि इंसान को पता ही नहीं चलता कि उसकी बॉडी के अंदर ब्लड शुगर बढ़ चुकी है और जब तक पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
दोस्तों! इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि डायबिटीज से होने वाले कुछ शुरुआती ऐसे लक्षण जो इशारा करते हैं कि आपकी बॉडी के अंदर जो ब्लड शुगर है। वह बढ़ रही है। अगर डायबिटीज का पता हमें समय रहते शुरुआती दौर में ही चल जाए तो हम काफी हद तक सक्सेसफुली मैनेज कर सकते हैं। अपनी लाइफ स्टाइल को चेंज करके हल्की-फुल्की दवाइयां लेकर हम इसे कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीस से जुडे हुए शुरुआती लक्षण जो पहचाना आपके लिए बहुत ज्यादा जरुरी है।
शुगर होने के लक्षण | Symptoms of Diabetes
ये शुरुआती लक्षण निम्नलिखित हैं:
थकावट और भूख (Fatigue and Hunger):
यह दोनों ही लक्षण ऐसे हैं जो बिल्कुल शुरुआती दौर में जब हमारा ब्लड शुगर बढ़ने लगता है तो हमको दिखाई पड़ते हैं हमारी बॉडी इन दोनों ही रूपों में हमें सिग्नल देना शुरू कर देती है लेकिन शुरू में हम इन दोनों ही लक्षणों को बीमारी से जोड़कर नहीं देखते हैं। जब हम कोई भी खाना या पीना खाते हैं, तो उस खाने को हमारी बॉडी ग्लूकोस में बदल देती है। यह ग्लूकोस ब्लड के जरिए हमारे पूरे शरीर में घूमता रहता है, जहां हमारी सेल्स इस ग्लूकोस को अंदर लेती हैं और उससे एनर्जी प्राप्त करती हैं। यह एनर्जी हमें ताकत देती है।
ग्लूकोस को सेल्स के अंदर जाने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है। इंसुलिन एक हार्मोन है। जिन लोगों को डायबिटीज होती है, उनके शरीर में या तो इंसुलिन कम बनता है या फिर उनके शरीर में इंसुलिन के लिए रेजिस्टेंस विकसित हो जाती है। इन दोनों ही कारणों से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है क्योंकि यह शुगर सेल्स के अंदर नहीं जा पाती। जब सेल्स को पर्याप्त मात्रा में शुगर नहीं मिलती, तो एनर्जी नहीं बनती और व्यक्ति को कमजोरी और थकावट महसूस होने लगती है।
ज्यादा प्यास और बार-बार पेशाब आना (Increased Thirst and Urination):
दूसरा जो लक्षण डायबिटीज़ के शुरुआती दौर में मिलता है, वह है अधिक पेशाब आना और बहुत ज्यादा प्यास लगना। आमतौर पर यह दोनों लक्षण ऐसे होते हैं जिनके बारे में लोगों को सामान्य रूप से जानकारी होती है। यह समस्या अब इतनी कॉमन हो गई है कि अगर किसी को बार-बार पेशाब आ रहा है या बार-बार प्यास लग रही है, तो वह इसे डायबिटीज़ का संकेत मान लेते हैं। हालांकि, यह लक्षण थोड़ा लेट शुरू होते हैं।
जब आपके ब्लड शुगर लेवल बढ़ना शुरू होता है, तब इसके छह महीने या साल भर के बाद यह समस्या दिखने लगती है।यह सवाल उठता है कि ब्लड शुगर बढ़ने पर अधिक पेशाब और प्यास क्यों लगती है। हमारी किडनी का काम ब्लड से अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालना भी होता है।
जब किसी को डायबिटीज़ होती है, तो ब्लड में शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। किडनी की एक सीमा होती है कि वह एक समय में कितनी शुगर फिल्टर कर सकती है। जब शुगर का स्तर किडनी की क्षमता से ज्यादा हो जाता है, तो किडनी ज्यादा मेहनत करने लगती है और अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने के लिए बार-बार पेशाब बनने लगता है।जैसे ही पेशाब की मात्रा बढ़ने लगती है, शरीर से अधिक मात्रा में लिक्विड बाहर निकलने लगता है। इसकी वजह से शरीर में पानी की कमी होने लगती है, जिससे अधिक प्यास लगती है।
ज्यादा प्यास लगने पर जब आप अधिक पानी पीते हैं, तो यह एक चक्र बन जाता है। अधिक पानी पीने से पेशाब की मात्रा फिर से बढ़ती है और यह सिलसिला चलता रहता है।
सूखी त्वचा और मुँह (Dry Skin and Mouth):
एक और कॉमन लक्षण, जो हमें डायबिटीज़ के शुरुआती दौर में देखने को मिलता है, वह है मुंह और त्वचा का सूखा रहना। इसका मतलब है कि आपका मुंह हमेशा सूखा-सूखा महसूस कर सकता है। जैसा कि पहले बताया गया, डायबिटीज़ में प्यास अधिक लगती है। इसका एक कारण यह भी है कि बार-बार पेशाब आने के चलते शरीर से अधिक मात्रा में लिक्विड या पानी निकल जाता है।जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, तो इसका असर बाकी हिस्सों पर भी पड़ता है। इस कारण आपका मुंह सूखा महसूस करने लगता है। इसके अलावा, त्वचा भी धीरे-धीरे रूखी और शुष्क होने लगती है।
जब त्वचा सूखी हो जाती है, तो खुजली भी होने लगती है, और हमें त्वचा में खिंचाव और असुविधा का अनुभव होता है।इस प्रकार, ड्राई माउथ और ड्राई स्किन दो ऐसे सामान्य शुरुआती लक्षण हैं, जो डायबिटीज़ की ओर संकेत कर सकते हैं।
धुंधला दिखना (Blurred Vision)
इसके अलावा, पानी की कमी और इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन के कारण एक और समस्या हो सकती है, जिसे ब्लर्ड विजन कहते हैं। इसका मतलब यह है कि चीजें साफ़ और स्पष्ट दिखने के बजाय धुंधली नजर आ सकती हैं। जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो हमारी आंखों के अंदर मौजूद लेंस का वॉटर कंटेंट भी कम हो जाता है।इसकी वजह से लेंस का आकार बदल सकता है। कभी-कभी यह लेंस फूल जाता है या सिकुड़ जाता है, जिससे उसकी फोकसिंग क्षमता प्रभावित होती है। यह फोकसिंग पावर की कमी ही है जो हमें धुंधला या अस्पष्ट दिखाई देने का कारण बनती है।
ब्लर्ड विजन भी डायबिटीज़ के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता है, लेकिन आमतौर पर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। यह समझना आवश्यक है कि अगर आपकी दृष्टि धुंधली हो रही है, तो यह केवल आंखों की समस्या नहीं हो सकती; यह डायबिटीज़ की ओर भी इशारा कर सकती है।
घावों का धीमे भरना (Delayed Healing):
ब्लड शुगर के उच्च स्तर की वजह से जख्मों का ठीक होना धीमा हो सकता है। जिन लोगों का ब्लड शुगर अधिक होता है, उनके शरीर में छोटे-मोटे कट और घाव जल्दी ठीक नहीं होते। इसका कारण यह है कि जब ब्लड शुगर ज्यादा होती है, तो यह बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को बढ़ावा देने के लिए एक खाद्य स्रोत का काम करती है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी के शरीर में किसी जगह पर छोटा सा कट हो और वहां बैक्टीरिया आ जाए, तो वह बैक्टीरिया अधिक शुगर मिलने के कारण अधिक तेजी से बढ़ता है, जिससे संक्रमण लंबे समय तक कायम रहता है। इसी कारण जख्म ठीक होने में अधिक समय ले सकते हैं, भले ही व्यक्ति एंटीबायोटिक दवाइयां ले रहा हो।यह एक आम लक्षण है जो संकेत देता है कि शरीर का ब्लड शुगर स्तर बढ़ा हो सकता है।
अगर आपको यह महसूस हो रहा है कि आपके कट या घाव जल्दी ठीक नहीं हो रहे हैं, तो यह भी एक संकेत हो सकता है कि आपके ब्लड शुगर में वृद्धि हो रही है। ऐसे लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है और डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
स्किन इन्फेक्शन (Skin Infection):
ब्लड शुगर के उच्च स्तर के कारण स्किन इंफेक्शन भी हो सकता है, खासकर उन हिस्सों पर जहां त्वचा का संपर्क आपस में होता है, जैसे कि अंगूठे, जांघ, कूल्हे और त्वचा की अन्य सिलवटों में। जब शरीर में ब्लड शुगर बढ़ जाता है, तो बैक्टीरिया और अन्य पैथोजन इन हिस्सों पर इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। इससे त्वचा के रंग में बदलाव आता है, जो अक्सर काला पड़ने या डीसकलरेशन के रूप में दिखाई देता है।
यह इंफेक्शन आमतौर पर उन इलाकों में होता है जहां त्वचा आपस में रगड़ती है, जैसे अंडरआर्म्स, पेट और जांघों के बीच। यदि आप बार-बार स्किन इंफेक्शन का सामना कर रहे हैं या स्किन के फोल्ड्स में किसी तरह की समस्या महसूस कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपका ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है। इस स्थिति में डॉक्टर से जांच करवा कर उचित उपचार करना बहुत जरूरी है।
अचानक वजन घटना (Unplanned Weight Loss):
अनप्लांड वेट लॉस (अचानक वजन में कमी) डायबिटीज के प्रारंभिक लक्षणों में से एक हो सकता है। यदि आप अपनी सामान्य डाइट और आहार से भी वजन घटते देख रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर उच्च हो गया है।जब शरीर के सेल्स तक सही मात्रा में ग्लूकोस नहीं पहुंच पाता है, तो वह अन्य स्रोतों, जैसे फैट और मसल्स से ऊर्जा प्राप्त करने की कोशिश करता है।
इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप शरीर का वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है।यदि आप बिना किसी योजना या जान-बूझकर वजन कम होते महसूस कर रहे हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आपकी शुगर लेवल्स असंतुलित हो रही हैं। ऐसे में आपको अपने ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए और डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
हाथ और पैरों में जलन या सुन्नता (Burning or Numbness):
न्यूरोपैथी, जो खासतौर पर हाथ और पैर के तलवों में जलन या झनझनाहट का कारण बनती है, डायबिटीज़ का एक सामान्य लक्षण हो सकता है। यह तब होता है जब उच्च ब्लड शुगर स्तर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे पैरों और हाथों में असुविधा और जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।अगर आपको लगातार पैरों के तलवों में जलन या झनझनाहट महसूस होती है, तो यह डायबिटीज़ के संकेत हो सकते हैं, खासतौर पर अगर यह लंबे समय तक जारी रहती है। इसमें समय के साथ न्यूरोवस्कुलर सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे इस प्रकार के लक्षण सामने आते हैं। यदि ऐसे लक्षण मौजूद हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि उचित इलाज किया जा सके।
डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जिसकी शुरुआत में लक्षण साफ दिखाई नहीं देते हैं। जैसा कि मैंने आपको पहले बताया, डायबिटीज़ के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि हर मरीज को सभी लक्षणों का सामना करना पड़े। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं होते और फिर अचानक चेकअप के दौरान पता चलता है कि उनका ब्लड शुगर बढ़ चुका है।
इसलिए, डब्ल्यूएचओ और डॉक्टर सलाह देते हैं कि सभी लोगों को हर 6 महीने में या अधिकतम साल में एक बार अपना ब्लड शुगर चेक करवाना चाहिए। इससे आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि आपका ब्लड शुगर स्तर सही है या नहीं।
जो लक्षण मैंने आपको बताए, यदि ये शुरुआती दौर में आपको महसूस हो रहे हैं और आप इन्हें नोटिस करते हैं, तो यह एक अच्छा संकेत हो सकता है। क्योंकि इस समय पर आप अपनी डायबिटीज़ को सही तरीके से मैनेज कर सकते हैं। शुरुआती दौर में ध्यान देकर आप इससे होने वाले विभिन्न कॉम्प्लिकेशंस को रोक सकते हैं।
विशेषकर अगर आपकी फैमिली में डायबिटीज़ की हिस्ट्री है, तो आपको इन लक्षणों पर और भी ध्यान रखना चाहिए। यदि आपके माता-पिता, दादा-दादी, या परिवार के किसी अन्य सदस्य को डायबिटीज़ है, तो आपको इस बीमारी का खतरा ज्यादा हो सकता है।
इसलिए, इन लक्षणों का ध्यान रखना और समय-समय पर चेकअप करवाना आपके लिए बहुत ज़रूरी है।
दोस्तो! मुझे उम्मीद है कि इस लेख से आपने कुछ नया सीखा होगा और यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। आपको यह जानकरी कैसी लगी? हमे कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। स्वस्थ रहिए ,मस्त रहिए। हमेशा कुछ नया सीखते रहिए।
राधे राधे🙏🙏
Disclaimer : यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रदान की गई है। कृपया अपने स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले एक योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। इस जानकारी का उपयोग किसी पेशेवर चिकित्सीय सलाह या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।