दोस्तों! जैसा कि आजकल आप देख ही रहे हैं, मौसम का कोई भरोसा नहीं रह गया है। सर्दी में गर्मी और गर्मी में बरसात होने लगी है। जैसे ही मौसम बदलता है, खांसी और सर्दी हमें अपनी जकड़ में ले लेते हैं। चाहे वह सर्दी की पहली बारिश हो या गर्मी की पहली धूप, सबसे पहले जो हमारा स्वागत करती है, वह खांसी होती है।
हम सभी जानते हैं कि खांसी मुख्य रूप से दो तरह की होती है – सूखी खांसी (Dry Cough) और बलगम वाली खांसी (Productive Cough)। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ नेचुरल इंग्रेडिएंट्स के गुण इस आम-सी समस्या से राहत दिलाने में बहुत प्रभावी होते हैं?
खांसी में तुरंत आराम के लिए क्या करें
आज मैं आपको कुछ ऐसी जादुई चीजों के बारे में बताने वाली हूं, जो आपके किचन में ही मौजूद हैं। इन चीजों को मिलाकर आप एक अद्भुत आयुर्वेदिक खांसी की दवा बना सकते हैं, जो सूखी और बलगम वाली दोनों ही तरह की खांसी में जबरदस्त फायदा देगी।
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चाहे आपको कितनी भी पुरानी खांसी हो, कुछ ही दिनों में इससे जबरदस्त आराम मिलना शुरू हो जाएगा। सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह नेचुरल है, बिना किसी साइड इफेक्ट के और बिना किसी नींद की परेशानी के।
आयुर्वेद और खांसी का संबंध
आयुर्वेद के अनुसार, खांसी और सर्दी कफ दोष के बढ़ने की वजह से होती है। इसलिए, आयुर्वेद में ऐसे नेचुरल इंग्रेडिएंट्स का उपयोग किया जाता है, जो कफ को बैलेंस कर सकें।
इसके लिए हमें किसी लैब या महंगी दवाइयों की जरूरत नहीं है। हमारी रसोई में ही वे सभी चीजें मौजूद हैं, जो इस समस्या को जड़ से ठीक कर सकती हैं।
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खांसी क्या है और क्यों होती है?
खांसी अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह हमारे शरीर का एक सुरक्षा तंत्र है। जब हमारे श्वसन तंत्र (Respiratory Tract) या फेफड़ों (Lungs) में कोई अनचाहा बाहरी तत्व प्रवेश करता है, तो शरीर उसे बाहर निकालने के लिए खांसी का सहारा लेता है।
यह बाहरी तत्व बैक्टीरिया, वायरस, धूल, पॉल्यूशन या पोलन (परागकण) कुछ भी हो सकते हैं।
रिसर्च क्या कहती है?
एक रिसर्च, जो कि ‘द लांसेट’ में प्रकाशित हुई थी, बताती है कि खांसी हमारे फेफड़ों को संक्रमण और वहां जमा बाहरी कणों से मुक्त कराने में मदद करती है। यानी, यह एक साफ-सफाई करने वाली प्रक्रिया है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। तो क्या खांसी सही है या इसे रोकना जरूरी है? अब आप सोच सकते हैं कि अगर खांसी हमारे शरीर के लिए अच्छी है, तो इसे ठीक करने की जरूरत ही क्या है?
दरअसल, जब खांसी ज्यादा दिनों तक बनी रहती है या फिर इतनी ज्यादा हो जाती है कि यह असहजता (Discomfort) देने लगती है, तो इससे छुटकारा पाना जरूरी हो जाता है।
खांसी का आयुर्वेदिक समाधान
इसीलिए, आज हम आपके लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक नुस्खा लेकर आए हैं, जो आपकी खांसी को जड़ से खत्म कर देगा।
अब आइए जानते हैं उन जादुई चीजों के बारे में, जो आपकी रसोई में ही मौजूद हैं और आपकी खांसी को ठीक कर सकती हैं।
पहला सुपर इंग्रेडिएंट – शहद (Honey)
सबसे पहले मिलिए हमारे ‘स्वीट फ्रेंड’ हनी से! जी हां, यह यो यो हनी सिंह नहीं, बल्कि शहद है।
शहद सिर्फ मीठा ही नहीं होता, बल्कि यह एक पावरफुल कफ सप्रेसेंट (Cough Suppressant), थ्रोट सूदिंग एजेंट (Throat Soothing Agent) और हीलर (Healer) भी है।
यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने का उपाय
जब आप शहद का सेवन करते हैं, तो यह गले के चारों ओर एक सुरक्षात्मक कोटिंग बना देता है, जिससे गले में होने वाली जलन और सूखी खांसी में राहत मिलती है।
शहद में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले के इंफेक्शन को दूर करने और खांसी को कम करने में मदद करते हैं।
दूसरा सुपर इंग्रेडिएंट – अदरक (Ginger)
अदरक न केवल आपकी चाय का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह नेचुरल एक्सपेक्टोरेंट (Natural Expectorant) और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट (Anti-Inflammatory Agent) भी है।
यह गले को आराम देता है, इंफ्लेमेशन (सूजन) को कम करता है और खांसी के कारण होने वाली जलन को शांत करता है।
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अब जब आप इन सुपर इंग्रेडिएंट्स के बारे में जान चुके हैं, तो अगला कदम है इनका सही तरीके से उपयोग करना। मैं आपको बताऊंगा कि इनका सेवन कैसे करें ताकि आपकी खांसी जल्दी से जल्दी ठीक हो जाए।
तो बिना देरी किए, आइए जानते हैं इस अद्भुत आयुर्वेदिक खांसी की दवा को बनाने और उपयोग करने का सही तरीका!
हल्दी | Turmeric
हमारा तीसरा इंग्रेडिएंट हल्दी घर का डॉक्टर भी कहलाता है। इसके अंदर एंटीसेप्टिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। यह रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में आई सूजन को दूर करता है और खांसी में आराम दिलाता है।
दालचीनी | Cinnamon
चौथा इंग्रेडिएंट दालचीनी है, जो अपनी गर्माहट से गले की जलन को शांत करती है। इसके माइल्ड एनाल्जेसिक प्रभाव के कारण गले में दर्द दूर होता है और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण सर्दी-खांसी में राहत देते हैं।
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दालचीनी के अलावा, काली मिर्च, बड़ी इलायची के बीज, मुलेठी और लौंग भी इस नुस्खे में शामिल किए जाते हैं। ये सभी चीजें रेस्पिरेटरी हेल्थ को सपोर्ट करती हैं, फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं, गले को आराम देती हैं और बलगम निकालने में मदद करती हैं।
Ingredients
इस नुस्खे को बनाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि किन चीजों की कितनी मात्रा लेनी है।
1 कप खालिस शहद
2 टेबलस्पून पिसी हुई सोंठ
1टीस्पून हल्दी पाउडर
1 टीस्पून दालचीनी पाउडर
1/2 टीस्पून पिसी हुई काली मिर्च
1 टीस्पून पिसी हुई बड़ी इलायची के बीज
1 टीस्पून मुलेठी पाउडर
1/4 टीस्पून पिसी हुई लौंग
इसके लिए आपको एक कप खालिस शहद लेना होगा। इसके अलावा, 2 टेबलस्पून पिसी हुई सोंठ चाहिए। सोंठ, सूखा हुआ अदरक ही होता है, इसलिए इसमें कोई खास अंतर नहीं होता।
इसके अलावा, आपको 1 टीस्पून हल्दी पाउडर लेना है। ध्यान दें कि हल्दी बाजार से खरीदी हुई पिसी हुई नहीं होनी चाहिए। बल्कि अच्छी क्वालिटी की साबुत हल्दी लेकर उसे घर पर पीसकर इस्तेमाल करें।
इसके बाद, 1 टीस्पून दालचीनी पाउडर, आधा टीस्पून पिसी हुई काली मिर्च, 1 टीस्पून पिसी हुई बड़ी इलायची के बीज, 1 टीस्पून मुलेठी पाउडर और 1/4 टीस्पून पिसी हुई लौंग लेनी है।
इन सभी सूखी चीजों को एक बर्तन में डालकर अच्छी तरह मिला लें। फिर धीरे-धीरे शहद डालें और इसे लगातार मिलाते रहें। अगर आपको लगे कि मिश्रण ज्यादा गाढ़ा हो रहा है, तो उसमें थोड़ा और शहद मिला सकते हैं।
इस नुस्खे की फाइनल कंसिस्टेंसी च्यवनप्राश जैसी होनी चाहिए। यह न तो बहुत ज्यादा गाढ़ी हो और न ही बहुत ज्यादा पतली।
खांसी के इस नुस्खे का सेवन कैसे करें
आपका होममेड खांसी का यह नुस्खा बहुत ही आसानी से तैयार हो जाता है, लेकिन इसका सही तरीके से सेवन करना भी जरूरी है। दिन में केवल तीन बार एक छोटा चम्मच इस पेस्ट को लेना है और उसके ऊपर से गुनगुना पानी पीना है। बाजार में मिलने वाली खांसी की सिरप की तुलना में यह घरेलू उपाय अधिक फायदेमंद है।
यह नुस्खा बुजुर्ग, युवा और बच्चे सभी उपयोग कर सकते हैं, लेकिन 12 साल से छोटे बच्चों को नहीं देना चाहिए। 12 से 14 साल के बच्चों के लिए खुराक आधी कर देनी चाहिए, यानी सिर्फ आधा चम्मच ही देना है। किसी भी चीज की अधिकता हानिकारक हो सकती है, इसलिए इस पेस्ट का सेवन दिन में तीन या अधिकतम चार बार करें, इससे ज्यादा नहीं।
सावधानियां और विशेष ध्यान देने योग्य बातें
इस नुस्खे को इस्तेमाल करने से पहले कुछ सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो ध्यान दें कि 1 साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे बोटुलिज़्म नामक दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है, जिससे बच्चों में न्यूरोलॉजिकल इश्यूज हो सकते हैं।
अगर आप गर्भवती हैं या किसी अन्य मेडिकल कंडीशन से ग्रसित हैं, तो इस नुस्खे का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। गर्मियों में इस नुस्खे का उपयोग सावधानीपूर्वक करें, क्योंकि इसमें उपयोग की गई सारी चीजें गर्म तासीर वाली हैं। अगर आपकी प्रकृति गर्म है, तो इसका सेवन करने से समस्या हो सकती है, इसलिए इसे गर्मियों में ना लें या बहुत कम मात्रा में लें।
अगर खांसी लंबे समय से बनी हुई है और इस नुस्खे को लेने के बावजूद आराम नहीं मिल रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक चेकअप करवाएं। अगर आप डायबिटिक हैं, तो इस नुस्खे को ना लें, क्योंकि इसमें शहद होता है, जो डायबिटिक पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
इस नुस्खे का सेवन कितने दिन तक करें
आमतौर पर इस नुस्खे से 8 से 10 दिनों के अंदर किसी भी प्रकार की खांसी में आराम मिल जाता है। अगर इतने दिनों में राहत नहीं मिलती, तो इसे 15 दिन या अधिकतम एक महीने तक लिया जा सकता है।
अगर एक महीने तक सेवन करने के बाद भी खांसी में कोई सुधार नहीं होता, तो डॉक्टर से संपर्क करें। यह जरूरी है कि आपकी खांसी की असली वजह जानी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई गंभीर समस्या तो नहीं है।
दोस्तो! उम्मीद करती हूं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो और आपको इससे लाभ होगा। इसी तरह हंसते रहें, मुस्कुराते रहे और हर दिन कुछ नया सीखते रहे।
राधे राधे🙏🙏
Disclaimer : यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रदान की गई है। कृपया अपने स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले एक योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। इस जानकारी का उपयोग किसी पेशेवर चिकित्सीय सलाह या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
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