60 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए | What should be the sugar level at the age of 60?
दोस्तो! जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है। हमारे शरीर में कई बदलाव सारे बदलाव होते हैं। जो ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं। 60 साल की उम्र में ब्लड शुगर का सही स्तर बनाए रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि उम्र के इस पड़ाव पर डायबिटीज़ और उससे जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक होता है। आइए जानते हैं कि इस उम्र में शुगर का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए, और इसे नियंत्रित रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
60 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए
ब्लड शुगर के सामान्य स्तर को तीन मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
1. Fasting ब्लड शुगर (खाली पेट):
– नॉर्मल स्तर: 70-100 mg/dL
– प्री-डायबेटिक: 101-125 mg/dL
– डायबेटिक: 126 mg/dL या उससे अधिक
2. खाने के दो घंटे बाद (Postprandial Blood Sugar):
– नॉर्मल स्तर: 140 mg/dL से कम
– प्री-डायबेटिक: 140-199 mg/dL
– डायबेटिक: 200 mg/dL या उससे अधिक
3. HbA1c (पिछले तीन महीनों का औसत):
– नॉर्मल: 5.7% से कम
– प्री-डायबेटिक: 5.7% से 6.4%
– डायबेटिक: 6.5% या उससे अधिक
उम्र बढ़ने पर ब्लड शुगर पर असर
60 साल की उम्र में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, और इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो सकती है। इसका मतलब है कि शरीर में शुगर को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो सकती है। इस उम्र में शुगर को नियंत्रित रखना जरूरी है, क्योंकि उच्च शुगर का स्तर हृदय रोग, किडनी की समस्या और आंखों की बीमारियों का कारण बन सकता है।
उम्र बढ़ने पर शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, जिससे कैलोरी और ग्लूकोज का उपयोग कम होता है। यह भी ब्लड शुगर बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण बन सकता है।
बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों की मात्रा कम हो जाती है, जो ग्लूकोज स्टोरेज का मुख्य स्थान होती हैं। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रखना मुश्किल हो सकता है।
उम्र बढ़ने पर शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे ग्लूकोज मेटाबोलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के उपाय
1. संतुलित आहार: Balenced Diet
– उच्च फाइबर युक्त भोजन जैसे सब्जियां, फल और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।
– कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खाएं, जो ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने नहीं देते।
– मीठे और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें।
2. नियमित व्यायाम: Regular Exercise
– रोजाना कम से कम 30 मिनट तक हल्की वॉक या योग करें।
– वजन नियंत्रित रखने के लिए हल्की-फुल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी फायदेमंद हो सकती है।
3. तनाव प्रबंधन: Stress Management
– तनाव ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें।
– पर्याप्त नींद लें, क्योंकि अच्छी नींद का शुगर लेवल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
4. नियमित जांच: Regular Checkup
– हर तीन महीने में HbA1c टेस्ट कराएं।
– ब्लड शुगर मॉनिटरिंग डिवाइस से घर पर ही ब्लड शुगर की नियमित जांच करें।
5. डॉक्टर से सलाह: Docter ‘S Advice
– ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।
– सही समय पर दवाएं लें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार जीवनशैली में बदलाव करें।
डायबिटीज़ के लक्षणों पर ध्यान दें
अगर आपको अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना, वजन घटना या आंखों में धुंधलापन दिखना जैसे लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये डायबिटीज़ के लक्षण हो सकते हैं।
निष्कर्ष Conclusion
60 साल की उम्र में शुगर का सामान्य स्तर बनाए रखना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच से शुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है। अगर आप अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे, तो न केवल शुगर नियंत्रित रहेगा, बल्कि आप एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकेंगे। डायबिटीज़ के शुरुआती लक्षण इतने धीरे-धीरे प्रगति करते हैं कि व्यक्ति को यह पता ही नहीं चलता कि उसके शरीर में ब्लड शुगर बढ़ चुका है। और जब तक यह पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। डायबिटीज़ से प्रभावित व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी सिस्टम्स को नुकसान पहुंच चुका होता है।
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राधे राधे🙏🙏
Disclaimer : यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रदान की गई है। कृपया अपने स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले एक योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। इस जानकारी का उपयोग किसी पेशेवर चिकित्सीय सलाह या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।