chanakya neeti in daily life-आप सभी ने चाणक्य का नाम तो सुना ही होगा दी ग्रेट थिंकर। कई लोग इन्हें राजकाज और रणनीति यानी स्ट्रेटजी में योग्य समझते हैं। लेकिन चाणक्य तो एडमिनिस्ट्रेशन ही नहीं, बल्कि फिलासफी से लेकर पॉलिटिक्स ,आयुर्वेद से लेकर योग, और इकोनॉमिक्स से लेकर वाॅरफेयर तक का ज्ञान था। शायद ही कोई विषय रहा हो, जिसमें चाणक्य ने अध्ययन ना किया हो।
चाणक्य की लिखी गई प्रसिद्ध किताबें आज भी लोगों द्वारा पढ़ी जाती है क्योंकि उनकी नीतियां उनकी स्ट्रेटजी आज के दौर की भी हर एक परेशानी से निपटने में लोगों की मदद करती है। चाणक्य की लिखी गई किताब “चाणक्य नीति” को लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इसमें जिंदगी जीने के उपयोगी टिप्स, आइडिया और सुझाव इसमें शेयर किए गए हैं। वही अर्थशास्त्र को भी चाणक्य की सर्वश्रेष्ठ किताबों की गिनती में रखा जाता है। जिसमें राजा और राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण बातें लिखी गई है
हमारी यह पोस्ट चाणक्य की इन्हीं नीतियों के बारे में है।कैसे सदियों पहले लिखी गई यह बातें हमें आज भी अपनी जिंदगी को खुश और कामयाब बनाने में मदद कर सकती हैं।
1-chanakya neeti in daily life दिन की शुरुआत
अगर हम अपनी पहचान को कुछ देर के लिए अलग कर दें, तो हम सारे इंसान बिल्कुल एक जैसे हैं राइट? अच्छा आप बताइए! कि आप सुबह उठकर सबसे पहले क्या सोचते हैं? क्या आप उठाते ही काम की दौड़ में लग जाते हैं? या फिर कुछ देर अपने दिमाग को सकारात्मक सोच से भर कर दिन भर के लिए उसे तैयार करते हैं। चाणक्य कहते हैं कि हम सभी के लिए दिन की शुरुआत अच्छी होना बहुत जरूरी है।
इसलिए हमें दिन की शुरुआत तनाव में नहीं बल्कि शांत दिमाग, मधुर संगीत और अच्छे मन के साथ करनी चाहिए। लेकिन सुबह शांत दिमाग के साथ बैठने के लिए यह जरूरी है कि आप एक रात पहले अपना सारा काम खत्म करके और अगले दिन को प्लान करके सोए। साथ ही आपकी 6 से 8 घंटे की नींद का भी पूरा होना जरूरी है। चाणक्य ने एक अच्छे दिन के लिए संगीत का बहुत इंपॉर्टेंट महत्वपूर्ण रोल बताया है। संगीत आपकी संगीत आपके दिमाग को और आपकी भावनाओं को कंट्रोल करता है।
इसीलिए आपको अपने आसपास के संगीत और अपनी रिंगटोन यहां तक की अपने अलार्म क्लॉक के साउंड को भी केयरफुल चूज करना चाहिए। अगर आपका अलार्म मधुर होगा तो आपकी सुबह भी वैसी ही होगी। म्यूजिक के साथ ही आपको अपनी सोच को भी कंट्रोल करना आना चाहिए। आपका पूरे दिन का मूड सुबह के दो-तीन घंटा में किए गए काम पर डिपेंड करता है। इसीलिए इस समय में आप क्या सुन रहे हैं, क्या सोच रहे हैं, इन सब बातों पर आपको ध्यान देना चाहिए।
सुबह की शुरुआत अगर आप कोई धार्मिक भजन या कोई अच्छी किताब या ऐसा कोई काम जिससे आपका पूरा दिन अच्छा जाता है। सुबह का यह समय आप अपने दिन भर के काम को प्लान करने में भी बिता सकते हैं। बस याद रखिए कि आप अपनी प्लानिंग करते वक्त ,एक घंटा फ्री रखिए, ताकि बीच में अगर कोई काम आ जाए तो ,आप अपनी बाकी की चीजों को मैनेज कर सके।
2-chanakya neeti से जाने लाइफ का अल्टीमेट गोल
दिन का समय तो हम सभी मोस्टली अपने काम में ही बिताते हैं। लेकिन यहां भी चाणक्य का कहना है कि हमें दोपहर का का समय, कुछ नया सीखने में, किसी दोस्त से मिलने में ,या फिर बुक पढ़ने में ,बिताना चाहिए। दिन में अगर आपको थकान या आलस महसूस होता है तो आप एक पावर नैप लीजिए। इससे दिमाग फ्रेश हो जाता है और आपको आगे काम करने की ताकत मिलती है।
चाणक्य ने अपनी बुक में लिखा है कि सभी को थोड़ा समय अध्ययन में भी देना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि आप कोई कोर्स ज्वाइन करें या कोई सब्जेक्ट ही पढ़े ,आप कुछ भी पढ़ सकते हैं। बस इसे अपनी एक हैबिट बना लीजिए। जैसे हम अपनी बॉडी को चलाने के लिए खाना देते हैं वैसे ही मेडिटेशन हमारे दिमाग के लिए खाने का काम करती है। मेडिटेशन को भी इसी तरह का माना गया है, जब आप बहुत काम करके थक जाते हैं, तो आप अपने शरीर को आराम देते हैं।
लेकिन आपके दिमाग को भी अच्छे से काम करने के लिए थोड़े आराम की जरूरत है। जो इसे ध्यान करने से मिलता है। चाणक्य के अनुसार हम जो भी काम करते हैं। उसे हम 90 मिनट के अलग-अलग पार्ट्स में डिवाइड कर लेना चाहिए। यानी 90 मिनट में आप अपने काम को करिए और फिर एक छोटा सा ब्रेक लीजिए। इससे आप बोर नहीं होंगे और आपको थकान भी नहीं लगेगी। दुनिया में जितनी भी संरचनाएं हैं उनमें सबसे ज्यादा ज्ञान और योग्यता हम इंसानों के पास है इसीलिए हमें इसका उपयोग सही जगह करना चाहिए।
अगर आप पैसे पैसे कमा कर उससे अपना गुजारा कर रहे हैं और भविष्य के बारे में नहीं सोच रहे हैं तो आप में और बाकी संरचनाओं में कोई अंतर नहीं रह जाएगा इसलिए जीवन को सही से प्लेन करना और उसके अनुसार चलना बहुत जरूरी है। जीवन में हमेशा हमारा अल्टीमेट गोल हैप्पीनेस होना चाहिए, और इसके लिए हमें सन्यासी बनने की बिलकुल जरुरत नहीं है बल्कि हम सही रास्ते पर चलकर अपनी फैमिली का ध्यान ख्याल रख के लोगों के साथ अपनी चीज शेयर करके अपनी जिम्मेदारियां पूरी करके आंतरिक खुशी को महसूस कर सकते हैं।
ध्यान रखिए की बस अपनी जिंदगी पूरी करना आपका मकसद नहीं है। बल्कि लोगों के लिए एक उदाहरण सेट करना उनके लिए एक इंस्पिरेशन बन कर और अपने ज्ञान को उन तक पहुंचाना यह आपका गोल है।
3-वर्कप्लेस पर chanakya neeti के रूल्स
चाणक्य ने अर्थशास्त्र में राजा और उसके राज्य के कामकाज के बारे में बताया है। जिसे आज हम अपने वर्कप्लेस में रिलेट कर सकते हैं। प्रोफेशनल लाइफ में सबसे इंपोर्टेंट है कि आप अपने काम और अपनी जिम्मेदारियां को लेकर क्लियर रहे। आपकी नौकरी में आपका क्या रोल है? आपको अपने काम को कब करना है? कैसे करना है? यह सब आपके ऑफिस पहुंचते ही प्लान कर लेना चाहिए ताकि आपसे कोई काम मिस ना हो सके।
आप जहां काम करते हैं, आपकी डेस्क,आपका केबिन या आपके ऑफिस उस जगह को साफ और ऑर्गेनाइज्ड व्यवस्थित रखना आपका काम है। आपको दिन के 7 से 8 घंटे इसी जगह बिताने होते हैं इसलिए आपको अपने हिसाब से इसे सजाना चाहिए। जब आप ऑफिस जाते हैं, तो आपको कई नए लोग मिलते हैं। यह जरूरी है कि आप उन लोगों की रिस्पेक्ट करें, उनसे मुस्कुरा कर बात करें और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद करें।
किसी भी काम में सक्सेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कठिन परिश्रम, हमारा टीमवर्क और ईश्वर का आशीर्वाद, यानि भगवान की कृपा। जिसे हम लक भी कहते हैं शुरुआत में भले ही आप पर टीम को संभालने की रिस्पांसिबिलिटी ना हो, जिम्मेदारी ना हो लेकिन एक सीनियर पोजीशन पर पहुंचने के बाद, आपको कई लोगों से मिलना जुलना पड़ेगा। उनके काम को मैनेज करना पड़ेगा इसलिए आपको इस जिम्मेदारी को अच्छे से संभालना आना चाहिए।
4-chanakya neeti से जाने सफलता का मंत्र
सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अपना काम बेहतर तरीके से करना होगा। तभी तो आप, उसके बाद उस पोजीशन पर आने वाले लोगों के लिए, एक स्टैंडर्ड सेट कर पाएंगे। प्रोफेशनल लाइफ को लेकर अगर हम चाणक्य की लिखी बातों को देखे , तो उसमें हमें फाइनेंस और गोल को लेकर कुछ उपयोगी बातें जानने को मिलती है। चाणक्य के अनुसार हमें अपने फाइनेंस को लेकर हमेशा क्लियर और केयरफुल होना चाहिए।
हम सब नौकरी पैसों के लिए ही करते हैं इसलिए अपनी सैलरी को सही ढंग से उपयोग करना और उसे सही जगह इन्वेस्ट करना भी प्रोफेशनल लाइफ का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके लिए आपको महीने के आखिरी में अपने खर्चों को लिखना और उनके हिसाब लगाना होगा, ताकि आप यह जान सके कि महीने में कौन से ऐसे खर्चे हैं जिनकी जरूरत नहीं थी। ऐसा करने से आप अपने फाइनेंस को बेहतर मैनेज कर पाएंगे। आप जितना भी कमाते हैं उसमें से कुछ हिस्सा इन्वेस्ट जरूर कीजिए, ताकि अगर दुर्भाग्य वाश अगर आप पर कोई फाइनेंशियल परेशानी आ जाए, आपकी नौकरी चली जाए, तो आप अपनी बचत को उपयोग में ला सके।
आपके पास हमेशा इतनी सेविंग्स होनी चाहिए कि आप नौकरी के बिना भी 6 महीने अपना खर्चा चला सके। आपको अपने लाभ के साथ, आप जिस जगह काम करते हैं, उनके लाभ के बारे में भी सोचा आपकी ही जिम्मेदारी है। आपको जब भी कोई हायर करता है तो वह इसलिए करता है ताकि आप उसकी कंपनी के लिए कम करें और उसकी कंपनी को आपसे मुनाफा मिल सके। इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जितनी सैलरी आपको दी जाए, आप उससे ज्यादा का काम कंपनी को दें तभी तो कंपनी को फायदा होगा।
5-chanakya neeti से जाने परिवार और आपकी जिम्मेदारियां
पारिवारिक जीवन को हमारी संस्कृति में गृहस्थ आश्रम कहा गया है। गृहस्थ आश्रम, ब्रह्मचर्य आश्रम के बाद आता है। जब इंसान को शादी करके अपना परिवार शुरू करना होता है और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होती है। परिवार को एक अच्छा जीवन देने के लिए हमें काम करना पड़ता है। ताकि हम पैसे कमा सके और सभी की ज़रूरतें पूरी कर सके।
चाणक्य कहते हैं कि पैसे कमाने के लिए हमें वह काम करना चाहिए,जिसमें हमारा मन लगता हो ऐसा करने से हम अपने काम को इंजॉय कर पाएंगे और हमें अपना काम बोझ नहीं लगेगा। परिवार की शुरुआत शादी के बाद होती है। लेकिन शादी को लेकर चाणक्य ने कहा है कि यह कोई मजबूरी नहीं है। यानी हर किसी को शादी करना जरूरी नहीं है। बल्कि यह इंसान की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह अपना जीवन कैसे बिताना चाहता है।
हमें शादी हमेशा सोच समझकर करनी चाहिए और तभी करनी चाहिए, जब हमें एक सही जीवन साथी मिल जाए, जो हमें समझ सके और उसके साथ हम खुश रह सके। चाणक्य के अनुसार शादी हमेशा एक जाति लेकिन विभिन्न गोत्र में की जानी चाहिए। लेकिन आज के समय में जाति सिस्टम को इतना महत्व नहीं दिया जाता इसीलिए हमें जाति की जगह आपसी तालमेल पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
आपका घर वह जगह होता है जहां आपको सबसे ज्यादा सुकून मिलता है और अगर ऐसा नहीं है तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप उसे एक कंफर्टेबल प्लेस बनाएं जहां आपको शांति और प्यार मिल सके। इंसान दिन भर काम के लिए घर से बाहर रहता है और जब वह शाम को थक कर घर आता है तो उसे अपने जीवन साथी अपने बच्चों और अपने परिवार के साथ वक्त गुजारना चाहिए है। हंसी मजाक करना चाहिए ताकि उसकी दिनभर की थकान और तनाव दूर हो सके।
घर में कमाने वाले इंसान की यह जिम्मेदारी है कि वह घर के बड़ों को और बच्चों को अपने खर्चे के लिए पैसे दे। अगर उसकी पत्नी घर संभालती है तो अपनी पत्नी को सम्मान दे क्योंकि उसका काम भी, अपने पति के काम जितना ही मुश्किल है। आज के व्यस्त जीवन में किसी के पास अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करने का वक्त नहीं होता। इसीलिए हम सभी को एक फैमिली प्रेयर टाइम के लिए समय निकालना चाहिए। जहां परिवार के सारे सदस्य मिलकर प्रार्थना कर सके। जरूरी नहीं है कि आप प्रार्थना करते हुए भगवान से कुछ मांगे, बल्कि आप इसमें ईश्वर को शुक्रिया अदा कर सकते हैं।
जो चीज आपके पास है उसके लिए धन्यवाद बोल सकते हैं। अगर फैमिली प्रेयर टाइम मुश्किल हो तो, फैमिली ब्रेकफास्ट टाइम या फ़ैमिली डिनर टाइम भी बना सकते हैं। बाकी सभी परिवार के सदस्य, एक साथ मिलकर खाना खा सके और थोड़ा समय साथ में व्यतीत कर सके। इससे आपको अपने बच्चों के साथ बात करने का, उन्हें समझने का समय मिल जाएगा। लोगों को अक्सर लगता है कि बच्चों को संभालना, उन्हें संस्कार देना, सिर्फ मां का काम होता है लेकिन असल में यह जिम्मेदारी सभी घरवालों की होती है।
चाणक्य का कहना है कि बच्चों को शुरुआत के 5 साल तक बहुत प्यार से संभालना चाहिए, उन्हें समझना चाहिए क्योंकि इन शुरुआती सालों में, उन्हें मां-बाप के प्यार की जरूरत होती है। लेकिन 5 साल से लेकर 15 साल की आयु तक, प्यार के साथ मां-बाप को अनुशासन पर भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इस उम्र में बच्चे सबसे ज्यादा बिगड़ते हैं। इसलिए उन्हें सही गलत सिखाना बहुत जरूरी है। जब आपका बच्चा 15 साल की उम्र पार कर ले तो उसे डांटना और कठोर होना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि अगर इस उम्र में आप उसके साथ कठोर होंगे, तो उसके मन में आपके लिए गलत विचार आने लगेंगे। इस उम्र में बच्चों को स्वतंत्र छोड़ देना चाहिए।
6-Chanakya neeti आपको समझती है “जिंदगी आसान है”
कई बार हम देखते हैं कि परिवार में संपत्ति को लेकर बहुत झगड़े होते हैं। चाणक्य का मानना है कि इस तरह के झगड़े परिवार के लिए नुकसानदायक होते हैं इसीलिए उन्होंने इन झगड़ों से बचने के लिए के लिए कुछ बातें लिखी हैं।
परिवार में अगर कोई ऐसी संपत्ति है, जो आपके पूर्वजों की है, तो इसका फैसला सभी लोगों को बुलाकर और सलाह मशविरा करके लिया जाना चाहिए। क्योंकि इस पर सभी का हक होता है। अगर परिवार में लड़ाई झगड़ा चल रहा हो तो, कभी भी रिश्तों को खत्म मत कीजिए। खुद को थोड़ा समय दीजिए। ताकि आपके बीच का गुस्सा शांत हो सके। गुस्से में दी गई प्रतिक्रिया से हमेशा हमारा ही नुकसान होता है। इसीलिए जब भी आपको गुस्सा आए तो शांत हो जाइए। अपने आप को थोड़ा समय दीजिए। ताकि आपके बीच का गुस्सा शांत हो सके।
फिर इस बारे में सोचिए, परिवार के सदस्य होने के नाते, आपको हमेशा परिवार के सदस्यों के बारे में सोचना चाहिए। उनका ख्याल रखना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। चाणक्य ने यहां एक बहुत अच्छी बात बताई है कि हमें अपने परिवार के लिए एक चैरिटी प्लान बनाना चाहिए। जिसमें परिवार के हर सदस्य को कुछ ना कुछ कंट्रीब्यूट करना चाहिए और फिर इस चैरिटी को आप अपनी फैमिली की तरफ से जरूरतमंद लोगों को दीजिए। कई बार ऐसा भी होता है कि आपकी फैमिली पर कोई फाइनेंशली परेशानी आ जाती है, ऐसे में आप खुद भी इन पैसों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जिस तरह आपके पूर्वज आपके लिए संपत्ति छोड़कर गए हैं। इस तरह एक दिन आपको भी अपनी संपत्ति, अपने परिवार को देनी होगी। आपकी संपत्ति का उत्तर अधिकारी उत्तराधिकारी आपका बेटा ही हो ,ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है। आप अपनी बेटी या अपनी बहन को भी अपना उत्तराधिकारी बना सकते हैं। कभी भी अपने बच्चों से भेदभाव मत कीजिए। बेटा हो या बेटी हर एक को काबिलियत के हिसाब से अवसर मिलना ही चाहिए, उसकी उम्र के हिसाब से नहीं।
आखिर में चाणक्य ने हमेशा ग्रेटफुल रहने को कहा है। आपकी जिंदगी में चाहे कैसी भी परेशानी आए, कैसी भी स्थिति आए, हमेशा अपने भगवान को धन्यवाद कहिए। क्योंकि इतनी परेशानियों के बाद भी, आपका जीवन उन लोगों से अच्छा है जिनके पास रहने को घर नहीं है, मां-बाप भी नहीं है, कोई ख्याल रखने वाला नहीं है, और खाने को रोटी नहीं है। अगर आपके पास दो वक्त का खाना है, रहने के लिए घर है, और आपका परिवार आपके साथ है, तो यकीन मानिए आप इस दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर व्यक्ति हैं।
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