Ayodhya ram mandir latest update | अयोध्या राम मंदिर

Contents

Ayodhya ram mandir latest update | अयोध्या राम मंदिर

जानिए कौन हैं मोहित पांडेय?, जिन्‍हें अयोध्‍या राम मंदिर का पुजारी चुना गया।

राम मंदिर के मुख्‍य पुजारी का भी चयन हो गया है. इन्‍हीं से एक हैं लखनऊ के मोहित पांडेय. तो आइये जानते हैं कौन है मोहित पांडेय?

कौन है मोहित पांडेय

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहित पांडे मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. वह तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम की ओर से संचालित श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय तिरुपति में एमए (आचार्य) का कोर्स कर रहे हैं. बताया गया कि अयोध्या मंदिर में पुजारी बनने के लिए देशभर से 3 हजार आवेदन आए थे. इनमें से शिक्षा और अनुभव के आधार पर 200 अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट किया गया. इसके बाद उनका इंटरव्यू करके सूची को 50 टॉप उम्मीदवारों तक छोटा किया गया. इसके बाद उन उम्मीदवारों का इंटरव्यू करके उन्हें मंदिर में पुजारी पद का नियुक्ति पत्र दिया गया.

कितने पढ़े लिखे हैं मोहित पांडे

राम मंदिर में पुजारी पद की ट्रेनिंग ले रहे मोहित पांडे ने सामवेद में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. वहां से आचार्य की डिग्री हासिल करने के बाद अब वे पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं. मोहित (Mohit Pandey) पिछले सात वर्षों से दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के धर्म और अनुष्ठानों का अध्ययन कर रहे हैं. पिछले 23 वर्षों से, छात्र इस स्थान पर वैदिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी

उम्मीदवारों का चयन करने का जिम्मा वृन्दावन के संत जयकांत मिश्रा और अयोध्या के दो महंत, सत्यनारायण दास और नंदिनी शरण को दिया गया था. अब चयनित किए गए सभी उम्मीदवार अपनी 6 महीने की अनिवार्य ट्रेनिंग पूरी कर रहे हैं. इस दौरान उनकी क्षमताओं को निखारने और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को सटीकता व निष्ठा से निभाने के लिए तैयार किया जाएगा.

 

राम मंदिर का उद्घाटन | Ram Mandir Inauguration

Ayodhya ram mandir-आज पूरा भारतवर्ष रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का बड़ी ही बेसब्री सी इंतजार कर रहा है राम जन्मभूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट कि फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के बनने का काम लगभग पूरा हो चुका हैअयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर में भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को तय हुआ है। जिसके लिए बड़ी तैयारियां की जा रही है। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन, हर लिहाज से ऐतिहासिक होगा। इसे लेकर आम लोगों में बेहद उत्साह है।

राम मंदिर का शिलान्यास | Ram Mandir foundation laying

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर 12 बजे किया गया था। इस दौरान आधारशिला के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी ने चांदी की ईंट की स्थापना की। इसके पहले श्रीराम जन्मभूमि पर पंडितों ने तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान किए।

इस दौरान भगवान राम की पूजा की गई और मंदिर के शिलान्यास में सभी प्रमुख देवी-देवताओं का आवाह्न्न किया गया। भारत के कई धार्मिक स्थानों से मिट्टी और पवित्र पानी लाया गया। इस दौरान पाकिस्तान की शारदा पीठ से भी मिट्टी लाई गई। साथ ही गंगा, यमुना, सरस्वती, सिन्धु और कावेरी नदी का जल अर्पित किया गया। शिलान्यास समारोह उत्सव में अयोध्या के मंदिरों में 7 हजार से ज्यादा दिए जलाए गए।

अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर 2.7 एकड़ भूमि में बन रहा है। जिसमें 54,700 वर्गफुट भूमि शामिल है। श्री राम का मंदिर का पूरा परिसर लगभग 70 एकड़ भूमि में तैयार हो रहा है। इस परिसर में इतनी जगह होगी कि लाखों की सन्ख्या मे भक्त एकसाथ मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर पायेगे। राम मंदिर का निर्माण कार्य श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के देखरेख में लार्सन एंड टूब्रो नामक विख्यात कम्पनी कर रही है। इस मंदिर के निर्माण मे राजस्थान के बंसी पर्वत के बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

राम मंदिर का डिजाइन किसने बनाया | Ram Mandir Design

मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा (Chandrakant sompura) ने अपने बेटों के साथ बनाया है। चंद्रकांत सोमपुरा को इस मंदिर का डिजाइन बनाने के लिए साल 1992 में भर्ती किया गया था। चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया है कि नागर शैली में बनाए जा रहे इस मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर बनाया जाएगा जो गोपुरम शैली में होगा। मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन से सम्बन्धित को कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी।यह द्वार दक्षिण के मंदिरों की तरह ही होग।

मंदिर का आकार | Size of Temple

मंदिर का आकार मौजूदा ढांचे से तीन गुना बड़ा होगा। मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय आकार का होगा, जबकि संरचना की परिधि गोलाकार होगी। गर्भगृह का निर्माण मकराना मार्बल से किया जा रहा है। मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा जिसमें पांच गुंबद और एक टावर होगा। मंदिर को तीन मंजिला बनाया जा रहा है। गर्भ गृह को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर पड़ें। रामलला भगवान श्रीराम के शिशु अवतार हैं। मंदिर में गर्भ गृह की तरह गृह मंडप पूरी तरह से ढंका होगा, जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और दो प्रार्थना मंडप खुले रहेंगे।

Nagara Architecture Of Ayodhya's Magnificent Ram Mandir Explained With Pictures

मंदिर में खिड़कियां और दरवाजे भी लगाए जाएंगे। मंदिर में लगने वाले सभी दरवाजे और खिड़कियां सागौन की लकड़ी से बनाए गये है। यह बेहद मजबूत लकड़ी कि किस्म होती है जिसकी उम्र लगभग 100 साल के आस पास होती है।

भगवान राम की मूर्ति | Idol of Shri Ram

मंदिर में भगवान राम की 2 मूर्तियां ही रखी जाएंगी। एक वास्तविक मूर्ति होगी जो 1949 में मिली थी और दशकों तक तंबू में रही है। दूसरी एक बड़ी मूर्ति होगी जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। इस मूर्ति के निर्माण के लिए नेपाल से शालिग्राम की दो शिलाएं अयोध्या लाई गई थी। ये शिलाएं नेपाल के मुस्तांग जिले में बह रही काली गण्डकी नदी के तट से लाई गई थी। कहा जा रहा है कि शालिग्राम की यह शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं। इन शिलाओं का वजन 26 टन और 14 टन है।

Ayodhya Ram Lala Murti This idol of Shri Ram will be installed in Ayodhya – decided! This idol of Ramlalla will be seated in Ayodhya, Union Minister shared the photo

काली गण्डकी नदी के तट पर पाई जाने वाले शिलाएं प्रसिद्ध हैं। इन्हें शालिग्राम कहा जाता है। सनातन धर्म में इन शिलाओं को भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया जाता है और हर घर में इनकी पूजा की जाती है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इन शिलाओं से भगवान श्रीराम मूर्ति बनाने का आग्रह किया था। जिसे ट्रस्ट और भारत के लोगों द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। चंपत राय ने हाल ही में मीडिया को बताया है कि मंदिर में भगवान राम की पांच वर्ष की आयु के स्वरूप वाली मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इस मूर्ति का स्वरूप बाल्मीकि रामायण से लिया गया।

Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर में 44 द्वार

रामलाल का मंदिर ऐसे ही दिव्या और भाव नहीं कहा जा रहा। 70.5 एकड़ में पहले विशाल मंदिर में 44 द्वार होंगे। इनमें से 18 द्वार दरवाजा से युक्त होंगे। इसमें भी 14 स्वर्ण जनित होंगे। जड़ित स्वर्ण जनित चार दरवाजे स्टोर के हैं। दरवाजों को वार्निश कर आकर्षक बनाया गया है। मंदिर के डिजाइन और निर्माण से जुड़ें इंजीनियरों के मुताबिक भूतल पर लगने वाले दरवाजे लकड़ी के बने हैं। इसे हैदराबाद की कंपनी ने तैयार किया है।

राम मंदिर तक पहुंचाने के लिए तीन पथ बनाए जा रहे हैं राम जन्मभूमि पथ , भक्ति पथ , राम पथ दरवाजों की सुंदरता और विशेषता सुनने से जेड तार सुंदर नक्शी द्वारा डिजाइन है ना कशिधर डिजाइन है। दरवाजों को फाइनल टच देने के लिए दिल्ली भेजा गया है। जहां उनकी फिनिशिंग होगी। इन दरवाजों पर वैभव प्रतीक जैसे गज यानी हाथी, खूबसूरत विष्णु कमल, स्वागत की प्रणाम मुद्रा में देवी चित्र अंकित रहेंगे।

लेकिन सभी यात्रियों को प्रवेश एक ही द्वारा से मिलेगा। मंदिर जितना भव्य तैयार किया जा रहा है श्रद्धालुओं की सहूलियत का भी उतना ही ध्यान रखा जा रहा है। उनकी सहूलियत के लिए, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सुग्रीव किला के गेटवे दो के बगल में एक सुविधा केंद्र बना है। निर्माण से जुड़े एक इंजीनियर ने बताया कि तीर्थ यात्रियों को राम मंदिर जाने के लिए सुग्रीव किला आना होगा। भक्तों को बिरला धर्मशाला के सामने तैयार किए जा रहे द्वार से सुग्रीव किला होते हुए प्रवेश मिलेगा।

वही सनातन धर्म के पुराने मंदिरों में प्रवेश द्वार कुछ दूरी पर बनाएं गए हैं। वहां भी जन्म भूमि की परिधि से 600 मी बिरला धर्मशाला के 35 फीट ऊंचे दो गेटवे बनाए गए हैं। गेटवे से अंदर आने पर दोनों तरफ फुटपाथ के साथ 75 फुट चौड़ी रोड बनाई गई है। इस पथ से तीर्थ यात्री मंदिर की ओर जाएंगे। इस पथ का फर्श सेंडस्टोन से बनाया गया है। जिस पर 9  कैनेपी बनाई गई है। कैनेपी के बाद बाएं हाथ पर 16 काउंट के साथ बैग स्कैनर बनाएं रहे हैं। यहां से सुविधा केंद्र के सामने पहुंचेंगे। यहां बैगेज काउंटर के बगल से दोबारा इसी पथ पर आ जाएंगे और अमावा मंदिर के पीछे पहुंच जाएंगे।

यहां से निकलने के बाद राम मंदिर के दर्शन कर पाएंगे ।ऐसे में रामलला के लिए सभी तैयारियां कर ली गई है अब बस इंतजार है तो रामलाल के विराजमान होने का।

Interesting facts on Ayodhya ram mandir | रोचक जानकारियां

आज हम आपको रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताने वाले हैं जिसे सुनकर आपका मन  भी खुशी से फूला नहीं समाएगामगर क्या आपको पता है कि-

यूं तो राम मंदिर के निर्माण में जो भी सामग्री प्रयोग हो रही है उन सामग्रियों का अपना एक अलग महत्व और अपना एक अलग  इतिहास है ऐसे में राम मंदिर निर्माण में जिन पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है वह कर्नाटक की अंजनी नामक पहाड़ी से लाया गया है जो कि भगवान हनुमान का जन्म स्थान बताया गया है ऐसे में यहां से पत्थर लाकर मंदिर निर्माण में सहयोग किया जा रहा है

कौन है यह बाबा जिन्होंने Ayodhya ram mandir निर्माण होने तक शादी नहीं करने का संकल्प लिया था ?

दोस्तों भगवान श्री राम को अपना आराध्य मानने वाले हजारों भक्त तो आपने देखे ही होंगे लेकिन बैतूल में एक ऐसे बाबा है जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होने तक, शादी न करने का संकल्प लिया था बाबा का यह संकल्प इस जनवरी को पूरा होने जा रहा है बाबा को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण भी मिला है 21 साल की उम्र में इन्होंने संकल्प लिया था और अब इनकी उम्र 52 साल हो चुकी है हालांकि उम्र निकल जाने के बाद अब वह शादी से इनकार कर चुके हैं

रविंद्र गुप्ता और भोज पाली बाबा भोपाल के रहने वाले हैं1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद मामले में कार्य सेवक के रूप में गए बाबा की, भगवान राम में इतनी आस्था है कि उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में ही संकल्प ले लिया था कि अयोध्या में जब तक भगवान राम का मंदिर निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह अपना विवाह नहीं करेंगे बाबा को कई बार उनके परिवार ने विवाह करने की विवाह करने के लिए राजी करने की कोशिश भी की, लेकिन बाबा अपने संकल्प पर कायम रहे

Ayodhya ram mandir रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 108 फीट लंबी अगरबत्ती कहां कैसे और क्यों बनाई जा रही है?

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए ,गुजरात के बड़ोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या भेजी जाएगी यह अगरबत्ती बनकर तैयार भी हो चुकी है इसे पंचगव्य और हवन सामग्री व गाय के गोबर से बनाया गया है इसका वजन 3500 किलोग्राम और बात अगर इसकी कीमत की करें, तो लगभग 5 लाख से ज्यादा लागत में यह अगरबत्ती तैयार की गई है इस अनोखी अगरबत्ती को तैयार करने में 6 महीने का समय भी लगा है बता दे कि वडोदरा से अयोध्या के लिए इस अगरबत्ती को 110 फीट लंबे रथ से भेजा जाएगा

इस अगरबत्ती की खास बात यह है कि इसी जलने पर यह डेढ़ महीने तक लगातार मिलती रहेगी और अपनी खुशबू से पूरी अयोध्या को महक आएगी

क्या आपको पता है कि ram mandir में लगने वाला घंटा दुनिया का सबसे बड़ा घंटा है ?

राम मंदिर के मुख्य द्वार पर लगने वाला यह घंटा कोई साधारण घंटा नहीं है बल्कि पूरे 2100 किलो का यह घंटा, राम मंदिर के भव्य  द्वार पर लगाया जा रहा है बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में 400 कर्मचारियों ने मिलकर दिन रात की मेहनत करके इस विशाल घंटे को बनाया है जो कि अब इस घंटे को, दिसंबर के आखिरी तक अयोध्या में भेजा जाना है उत्तर प्रदेश के जलेसर में बनाया गया, यह घंटा कितना नायाब और कितना खास है यह आप देखकर अंदाजा लगा सकते हैंजिसकी कीमत जानकर आप दांतों तलें उंगलियां दबा लेंगे इस घंटे की कीमत लगभग 10 ला रुपए बताई जा रही है

अयोध्या में 200 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल

टाइम कैप्सूल दरअसल एक तरह का कंटेनर होता है जिसे एक खास तरह की सामग्री से तैयार किया जाता है यह हर तरह के  मौसम का सामना करने में सक्षम होता है इस जमीन के अंदर काफी गहराई में दफना दिया जाता है काफी गहराई में होने के बावजूद हजारों साल तक ना उसमें कोई नुकसान होता है और ना ही वह सड़ता या गलता है टाइम कैप्सूल एक तरह का दस्तावेज होता है जिसे आने वाली वीडियो के लिए सुरक्षित रख दिया जाता है ताकि कभी कोई विवाद हो और सही जानकारी मिल सके

बताया जा रहा है कि अयोध्या में यह टाइम कैप्सूल मंदिर की नींव में 200 फीट नीचे डाला जाएगा इसे काल पत्र भी कहा जाता है  इस काल पत्र में जो जानकारी डाली जाएगी उसे ताम्रपत्र पर लिखकर डाला जाएगा कहीं भी टाइम कैप्सूल डालने का मकसद इतिहास को सुरक्षित रखना होता है ताकि भविष्य में लोगों को पूरी जानकारी मिल सके और कोई विवाद ना हो

सब्जी बेचने वाले ने Ayodhya ram mandir को गिफ्ट दी यह अनोखी घड़ी

क्या आप जानते हैं? अनिल साहू कौन है जिन्होंने नौ देशों का समय बताने वाली घड़ी बनाकर राम मंदिर में दी है इसके बाद से ही लगातार सुर्खियों में है अनिल कुमार साहू मूल रूप से तो फतेहपुर जिला के रहने वाले हैं लेकिन पिछले 25 सालों से गोमती नगर लखनऊ में रह रहे हैं इस घड़ी की खासियत यह है कि यह 9 देशों का समय एक साथ बताती है और एक ही सुई मिनट और घंटा दोनों बताती है

राम मंदिर के लिए अनोखी घड़ी ❤️🙏 .. .. #viralpost #trending #ram #instagram | Instagram

अभी तक पूरी दुनिया में कोई ऐसी घड़ी नहीं बनी, जो एक साथ इतने देशों का समय बताएं इस घड़ी का पेटेंट भारत सरकार द्वारा हो चुका है यह घड़ी उन्होंने राम मंदिर को समर्पित की है अनिल साहू बताते हैं कि मेरे अंदर बचपन से एक तमन्ना थी कि हमें भी देश के लिए कुछ करना है 20,25 साल बाद ईश्वर की कृपा से मेरे दिमाग में आया और इसको मैंने आगे बनाया और अब हम इसका इंटरनेशनल पेटेंट करवाना चाहते हैं

जोधपुर से Ayodhya ram mandir पहुंचा 600 किलोग्राम देसी घी

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को गुरुवार को जोधपुर से शुद्ध देसी घी की डिलीवरी मिली। गाय के दूध से बने 600 किलोग्राम शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल, अयोध्या में राम मंदिर में अखंड दीपक या अखंड ज्योति जलाने के लिए किया जाएगा। इसका इस्तेमाल अगले महीने होने वाले अभिषेक समारोह के दौरान मंदिर में होने वाले महायज्ञ में भी किया जाएगा। जोधपुर की धरती से वहां के एक महात्मा ने अपनी गौशाला से देसी गाय का शुद्ध देसी घी यहां पर प्रचुर मात्रा में भेजा है।

जोधपुर से पद यात्रा करते हुए यह घी की पांच बेल गाड़ियां, थोड़े से राम भक्तों के साथ में चली और 11 दिन में यहां पर पहुंची है। 108 कलश में संग्रहित घी के रथ ने 27 नवंबर को जोधपुर से अपनी यात्रा शुरू की और और इस रथ को अयोध्या पहुंचने में 11 दिन लगे। रथो के अंदर 108 कलश है। जिसमें 600 किलो घी है।

अभिषेक समारोह के लिए देसी घी के साथ-साथ कंबोडिया से हल्दी भी भेजी गई है। इसके अलावा जोधपुर की महर्षि संदीपनी रामधाम गौशाला के भेजे गए इस पार्सल में थाईलैंड की अयोध्या नामक शहर की मिट्टी भी शामिल है। अयोध्या के बारे में कहा जाता है कि इसका नाम अयोध्या के नाम पर रखा गया था। अयोध्या में राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह अगले आने वाली 22 जनवरी को भव्य तरीके से होने जा रहा है।

रामायण से जुड़े कुछ रोचक प्रसंग

पवित्र रामायण से 10 सीख!/Pavitra Ramayan Se 10 Seekh

राजा दशरथ को मिला श्राप, जो श्रीराम के वनवास का कारण बना ?

लक्ष्मण जी की मृत्यु की खबर सुनते ही माता सीता अशोक वाटिका में आखिर क्यों मुस्कुराने लगीं ?

kaise hanuman ji ka sharir pathar ka hua | कैसे हनुमान जी का शरीर पत्थर का हुआ ?

कुंभकरण की नींद/Kumbhkaran ki neend

जाने शबरी को मोक्ष कैसे प्राप्त हुआ? शबरी की कहानी।

Leave a Comment

error: