Research results of AIIMS and IIT on Gayatri Mantra in hindi
बुद्धिमान बनने का फार्मूला एम्स के एक रिसर्च के जरिए सामने आया है, और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एम्स की एक डॉक्टर और आईआईटी के एक वैज्ञानिक ने कई वर्षों तक रिसर्च करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि हर रोज कुछ समय तक लगातार गायत्री मंत्र पढ़कर बौद्धिक क्षमता का अनंत विस्तार किया जा सकता है, यानी अपने दिमाग की ताकत को बढ़ाया जा सकता है।
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एम्स ने अपनी रिसर्च में एमआरआई के जरिए दिमाग की सक्रियता की जांच करके इस बात की पुष्टि की है कि गायत्री मंत्र पढ़ने से दिमाग की शक्ति का विस्तार होता है। गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त में मौजूद एक श्लोक है। यह हजारों वर्ष पुराना वैदिक मंत्र है, जिसकी रचना त्रेता युग में ऋषि विश्वामित्र ने की थी। इस मंत्र में ईश्वर का ध्यान करते हुए यह प्रार्थना की गई है कि ईश्वर हमें प्रकाश दिखाए और सच्चाई की तरफ ले जाए।
वेदों पर रिसर्च करने वाले भारत और दुनिया के बहुत सारे विद्वानों ने गायत्री मंत्र को ऋग्वेद के सबसे प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना है। हमारे देश में सदियों से लोगों के बीच यह मान्यता है कि विद्यार्थियों को गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए, क्योंकि इससे दिमाग तेज होता है। गायत्री मंत्र पर एम्स की रिसर्च भी यही पुष्टि कर रही है। एम्स वर्ष 1998 से गायत्री मंत्र पर रिसर्च कर रहा है।
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सबसे पहले एम्स के डॉक्टर्स ने 25 से 30 वर्ष के पुरुषों पर यह प्रयोग किया था और 9 महीने तक यह रिसर्च की गई और इसके बाद पांच वर्षों तक इसके डाटा का अध्ययन किया गया। इसके तहत दिमाग के आगे के हिस्से में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया गया। दिमाग के इस हिस्से को प्री फ्रंटल कॉर्टेक्स कहा जाता है। इस हिस्से का काम है योजनाएं बनाना, समस्याओं का समाधान करना और जागरूक रहना।
इस रिसर्च के लिए लोगों को दो ग्रुप्स में बांट दिया गया था। पहले ग्रुप ने तीन महीनों तक हर रोज 108 बार गायत्री मंत्र का मन में पाठ किया, और दूसरे ग्रुप ने गायत्री मंत्र का पाठ नहीं किया। जो लोग गायत्री मंत्र का पाठ कर रहे थे, उनके शरीर में खुशी के वक्त पैदा होने वाले केमिकल्स तेजी से बढ़ने लगे। इसी तरह का एक केमिकल है गाबा। इस केमिकल के कम होने पर नींद नहीं आती और डिप्रेशन जैसी बीमारियां होती हैं,
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लेकिन गायत्री मंत्र का पाठ करने से दूसरे ही हफ्ते में शरीर में गाबा केमिकल तेजी से बढ़ने लगा और दिमाग में सक्रियता बढ़ाने वाले केमिकल्स की मात्रा भी पहले के मुकाबले अधिक हो गई। पांच हफ्तों तक किए गए एमआरआई यानी मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग की मदद से यह नतीजा निकला कि जिन लोगों ने गायत्री मंत्र का पाठ किया था, उनका दिमाग बहुत शांत और जागृत हो चुका था।
अपने इस शुरुआती रिसर्च में निष्कर्ष निकालते हुए एम्स की तरफ से कहा गया कि गायत्री मंत्र के माध्यम से इंसान की बौद्धिक क्षमता में अनंत विस्तार किया जा सकता है। एम्स का यह शोध अब भी जारी है और इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित की जाएगी। इतिहासकारों ने हमेशा आर्यों की नस्ल को बहुत बुद्धिमान माना है, इसलिए इस पर भी रिसर्च होनी चाहिए कि क्या आर्यों ने इस तरह के शक्तिशाली मंत्रों का आविष्कार करके अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ा लिया था।
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