How to handle mental pressure in hindi | मानसिक दबाव

How to handle mental pressure in hindi -दोस्तों! आज हम बात करेंगे कि क्या हर चीज में अच्छा देखना जरूरी है? ठीक है अगर कोई चीज बुरी है तो उसे बुरा बताने में कुछ गलत नहीं है। इसीलिए एक जरूरी बात का हमेशा ध्यान रखें। अगर मेंटल हेल्थ को सही रखना है, तो प्रेशर लेना बंद करें। यह प्रेशर कि मुझे तो हमेशा पॉजिटिव रहना है, बंद करें।यह प्रेशर कि मुझे हमेशा खुश रहना है,बंद करें। असली जीवन, रियल जीवन (authentic) जीवन जीना सीखें। और यही आपकी मेंटल हेल्थ को स्टेबल बनाएगा।

सबसे अच्छे अनमोल वचन
How to handle mental pressure in hindi

आप लोगों में से अधिकतर लोगों ने अपने बचपन में, अपने माता-पिता से यह बात जरूर सुनी होगी कि देखो शर्मा जी का लड़का, कितना अच्छा है पढ़ने में, तुम वैसे नहीं पढ़ सकते? आप लोगों में से ज्यादातर लोगों ने जरूर सुनी होगी कि देखो तुम्हारा भैया कितना अच्छा है, हर बात मानता है, क्या तुम वैसे नहीं बन सकते। क्यों हमें हमेशा दूसरों के पास देखना है, दूसरों की चीजों को देखना है?

इसे भी जरूर पढ़े- सफल होने का सबसे आसान तरीका | The easiest way to succeed in hindi

 

इसका मतलब हमारे इर्द गिर्द क्या चल रहा है? दूसरों के पास देखो, और दूसरों के पास देखते-देखते हम खुद को देखना तो भूल ही गए। कैसे हमारा मेंटल हेल्थ ठीक रहेगा,जब नजर हमेशा दूसरों पर रहेगी। वो क्या कर रहा है? वो क्या कर रही है? और सोशल मीडिया क्या करता है? इंस्टाग्राम स्टोरी, इंस्टाग्राम पोस्ट, उसके पास 1 मिलियन फॉलोअर्स ज्यादा है उसके पास 50,000 फॉलोअर्स ज्यादा है।

The First Aid Approach to Mental Health Concerns | Psychology Today
            How to handle mental pressure in hindi

उसकी पोस्ट को मेरी पोस्ट से 20 ज्यादा लाइक्स मिले हैं। उसके पास मुझसे ज्यादा कमेंट्स आए हैं। अच्छी दिख रही थी। उसके कपड़े अच्छे हैं। मेरे कपड़े नॉर्मल है। दूसरे सिंगापुर में हॉलीडे मना रहे हैं। और हम गर्मी में पसीने टपक रहे हैं। हमारे भीतर पहले से ही,दूसरों के पास क्या है,यह देखने का कीड़ा है। हमारा यह मोबाइल,दूसरों के पास क्या है यह दिखाने में हमारी बेहिसाब मदद करता है।

इसे भी जरूर पढ़े- Life lesson from buddha in hindi | जीवन की सीख | Self knowledge in hindi

यह मोबाइल इस (bug) कीड़े को कई गुना बढ़ा देता है। फिर जब हम दूसरों की लाइफ को देखते हैं तो क्या होता है हमारे साथ? हम अपने आप को बहुत कम समझने लगते हैं। अपने आप को अंडरएस्टीमेट(underestimate)करने लगते हैं। हम यह सोचना प्रारंभ कर देते हैं कि हम बहुत कम है। we start thinking that we are not enough. अगर मैं थोड़ी पतली होती। अगर मैं थोडा लंबा होता। अगर मैं थोड़ी सुंदर होती। अगर मैं थोड़ा अमीर होता। बस इतना हो जाता तो सब ठीक हो जाता लाइफ में। लाइफ में बस इतना ही चाहिए। और हम सिर्फ दूसरों को ही देखते रहते हैं। आई एम नॉट adequate। आई एम नॉट enough.

इसे भी जरूर पढ़े- एक शिक्षक की अंतिम प्रेरणा | सेवा का सच्चा अर्थ | सफलता की प्रेरक कहानी | Inspirational success story in hindi

क्या आपको एक बात पता है दोस्तों आप सब में वो क्षमता है। आप सब में वह काबिलियत है। सभी में वह योग्यता है कि आप अपने-अपने हिसाब से जहां आप है वहां से आगे बढ़ सकते हैं। हर एक की जिंदगी अलग-अलग है दोस्तों। हम सभी ने अपने जीवन में बहुत सारे एग्जाम्स दिए हैं। और हमने बहुत बार नकल भी जरूर की होगी। एग्जाम में कॉपी करने से हम पास हो भी जाएंगे क्योंकि सबके क्वेश्चन(question) पेपर एक जैसे ही होते हैं। लेकिन जिंदगी सबको अलग-अलग क्वेश्चन पेपर देती है।

इसे भी जरूर पढ़े- Success प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स | 20+ प्रेरणादायक Motivated कोट्स in hindi

जिंदगी के क्वेश्चन पेपर सबके अलग-अलग होते हैं। आपकी अब upbringing किसी और की अपब्रिंगिंग से अलग है। आपकी स्ट्रगल और किसी और के स्ट्रगल अलग-अलग है। उनकी फैमिली सिचुएशन और आपकी फैमिली सिचुएशन अलग-अलग है। उनकी ऑपर्च्युनिटी(opportunity) और आपकी ऑपर्च्युनिटी अलग-अलग है। उनके रिसोर्सेस और आपके रिसोर्सेस अलग-अलग है। उनको देखकर आप क्यों कॉपी कर रहे हो कि मैं पास हो जाऊंगा। उनका क्वेश्चन पेपर ही अलग है। उसकी कॉपी करोगे तो फेल हो जाओगे। इसलिए दोस्तों हमारे पास जो योग्यता है, हमें उसे और आगे बढ़ाना है।उसमें और परफेक्ट बना है।

इसे भी जरूर पढ़े- Management skill Powerful Life lesson from Sunderkand in hindi | सुंदरकांड से जीवन की सीख हिंदी में

लेकिन हमारी तो सबसे बड़ी प्रॉब्लम ही है दूसरों से तुलना करना। दूसरों को हमेशा देखते रहना। हमारी मेंटल हेल्थ की सबसे बड़ी प्रॉब्लम ही यही है। its focusing to other life, more than ours own. हमारे पास महान बनने के लिए बहुत कुछ है। धीरे-धीरे हम आगे जरुर बढ़ेंगे।

“मुश्किलें दिल के इरादों को आजमाएंगी, ख्वाबों और सपनो को अपने नजरों से हटाएंगी, गिर कर भी तुम्हें उठना है दोस्तों, क्योंकि यह ठोकरे ही तुम्हें चलना सिखाएंगी।

इसलिए शायद किसी ने सही कहा है-

“जिंदगी की हर सुबह, शर्ते लेकर आती है। और जिंदगी की हर शाम, कुछ तजुर्बे देखकर जाती है।”

उन तजुर्बे के लिए, उन शर्तों का भी सामना जरूर करना पड़ता है। हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि आप फोन देखना बंद कर दीजिए। आप मोटिवेशनल कंटेंट देखना बंद कर दीजिए। हम यह नहीं समझा रहे हैं कि दूसरे की स्टोरी मत देखिए। हम तो बस यह समझा रहे हैं कि खुद की जिंदगी फॉक्स(Focus) कीजिए। तभी आगे बढ़ पाएंगे। आज की नौजवान पीढ़ी ही हमारे देश का भविष्य है। हमारे देश का भविष्य बहुत ही उज्जवल है।

इसे भी जरूर पढ़े- आध्यात्मिक शिक्षण क्या है | spiritual teaching in hindi

जब तक आपकी मेंटल हेल्थ ठीक नहीं रहेगी,तब तक आप दूसरों को प्रभावित नहीं कर पाएंगे। जब तक आप खुश नहीं है, दूसरो को खुशी नहीं दे पाएंगे। जब तक आपसे कोई प्यार नहीं करता आप किसी और से प्यार नहीं कर पाएंगे। जब तक आपके जीवन में होप नहीं है आप किसी और को जीवन में होप नहीं दे पाएंगे। इसलिए अपना ध्यान रखें। अपने मेंटल पीस(peace) का भी ध्यान रखें।

हमारे शरीर और मानसिक आरोग्य का आधार हमारी जीवन शक्ति है। वह प्राण शक्ति भी कहलाती है।

 

 

 

 

 

 

Leave a Comment

error: