Mind reading ke liye 3 method | मन पढ़ना सीखो | Inspirational story in hindi | ज्ञानवर्धक बातें

Mind reading-किसी के भी मन की बातों को जानने के लिए तीन तरीके होते हैं। लेकिन इन तीनों तरीकों को समझना बहुत ही आवश्यक है। यदि आप इन तीन तरीकों को समझ लेते हैं, तो आप किसी के भी मन की बातें बड़ी ही आसानी से जान सकते हैं।

Inspirational story about Blind man in hindi | अंधे आदमी की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटा सा गांव था। उस गांव में दो भाई रहा करते थे। बड़ा भाई अंधा था, और इसलिए वह हमेशा घर पर ही बैठा रहता था, और छोटा भाई खेती किया करता था। लेकिन खेतों में अत्यधिक जानवर आने से, पूरी फसले नष्ट हो जाती थी। जिनके कारण छोटा भाई बहुत ही ज्यादा परेशान हो चुका था।

एक दिन उसे एक तरकीब सूझीं, उसने सोचा, खेतों में से इन जानवरों को भगाने के लिए, क्यों ना मैं अपने बड़े भाई की मदद ले लूं, वैसे भी बड़े भैया अंधे हैं, खेतों में बैठे रहेंगे, और जानवरों की आहट आने पर, वह उन्हें जोर से चिल्ला कर भगा भी सकते हैं। जिससे हमारी फसले नष्ट होने से बच जाएगी। यह सब सोच विचार करने के बाद, उसने एक झोपड़ी अपने खेत में तैयार की, और अपने अंधे भाई को खेत में बैठा दिया, और उनसे कहा- भैया यदि कोई जानवर की आहट, आपको सुनाई दे, तो आप जोर-जोर से चिल्लाना। यह सुनकर वह जानवर यहां से भाग जाएगा, और हमारी फसले नष्ट होने से बच जाएगी।

बड़ा भाई खुशी-खुशी अपने छोटे भाई की बात मान लेता है, और वह उस दिन से खेत में ही रहना शुरू कर देता है। जब भी किसी जानवर की आहट सुनाई देती, तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगता। जिससे वह जानवर वहां से भाग जाता था। ऐसा करते-करते कई दिन बीत चुके थे। तभी एक दिन उसके खेत में एक हिरन भागता हुआ आया, और वहां खेत की बाड़ को तोड़कर ,वहां से भाग गया, लेकिन उस हिरण का पीछा करते हुए, एक राजा भी उस खेत में आ पहुंचा।

तभी राजा की नजर उस अंधे भाई पर पड़ती है। राजा उस व्यक्ति से कहता है- देखो मैं यहां पर एक जानवर का पीछा करते हुए आया था। क्या तुमने उस जानवर को यहां पर देखा है? पर वह व्यक्ति कहता है- हे राजन मैं तो अंधा हूं। मैं भला कैसे किसी जानवर को देख सकता हूं। लेकिन मैं आपको इतना जरूर बता सकता हूं, कि जो जानवर मेरे खेतों से भाग कर गया है, वह आपके लायक नहीं है। आप उसके पीछे अपना समय बर्बाद ना करें। राजा संदेह व्यक्त की बात सुनकर बड़ा ही अचरज में पड़ जाता है।

वह सोचने लग जाता है कि यह तो अंधा है, फिर इसे कैसे पता चल गया कि जिस  हिरण की तलाश में कर रहा हूं, वह मेरे लायक नहीं है। तभी राजा उस व्यक्ति से कहता है, कहीं तुम मुझसे झूठ तो नहीं बोल रहे हो, कि तुम अंधे हो और तुम्हें कैसे पता कि वह मेरे लायक ही नहीं है। इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है कि- हे राजन! जिसे आप एक हिरन समझ रहे हैं, वह एक हिरन नहीं है, बल्कि एक मादा हिरण है, और वह गर्भवती भी है, और जहां तक मुझे ज्ञात है, मैंने कभी किसी राजा को, किसी गर्भवती हिरण का शिकार करते हुए नहीं सुना है।

और इसी कारण से, मैं आपसे यह कह रहा हूं कि यह हिरण आपके लायक नहीं है। आप उसके पीछे अपना समय व्यर्थ ना क।रें यह सुनकर राजा और भी अचरज में पड़ गया, की अंधा आदमी कैसे जान सकता है कि वह हिरण गर्भवती है। राजा कुछ देर सोच विचार करने के बाद, अपने सेनापति से कहता है, सेनापति जी, मुझे वह जानवर जिंदा चाहिए, क्योंकि मुझे यह पता करना है कि वह गर्भवती है या नहीं। क्योंकि यह अंधा आदमी, बहुत विश्वास के साथ कह रहा है, और मुझे इस बात की पुष्टि है कि यदि वहां हिरनी हुई और गर्भवती हुई, तो वह हमारे शिकार के लायक नहीं है।

क्योंकि हम तो एक हिरण का पीछा कर रहे थे। इसलिए पता करो, क्या वह हिरानी है? सेनापति राजा से आज्ञा लेकर, आगे चला गया और कुछ देर बाद, जब वह वापस लौटा, तो वह राजा से कहता है- हे राजन! इस अंधे आदमी ने जो भी बातें कही थी, वह बिल्कुल सत्य थी। वह एक हिरनी ही है और गर्भवती भी है। यह सुनकर राजा आश्चर्यचकित हो गया और सोचने लगा कि यह कंधा आदमी,जो कभी देखा नहीं सकता, वह यह कैसे जान सकता है। आखिर उसे कैसे पता चल गया। ऐसे ही कई सारे प्रश्न, राजा के मन में उमड़ने लगे।

अब राजा ने ठान लिया था कि मुझे इस बात की तह तक पहुंचना है कि आखिर यह अंधा आदमी, कैसे जानता है कि वह जानवर गर्भवती है। यह सोचकर राजा उस अंधे आदमी के पास जाता है और वह आदमी से कहता है- देखो मैं यह नहीं जानता कि तुम सचमुच में अंधे हो या नहीं, लेकिन मैं तुमसे एक बात जानने आया हूं। क्या तुम मेरे प्रश्न का सही-सही जवाब दोगे? इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है- हे राजन आप जो कुछ भी पूछना चाहते हैं, पूछ सकते हैं। मैं आपको बिल्कुल सच-सच जवाब दूंगा।

इस पर राजा कहता है- देखो एक तो तुम कहते हो, कि तुम अंधे हो, और दूसरी तरफ तुमने यह बता दिया कि जिस जानवर का मैं पीछा कर रहा हूं, वह एक हिरनी है, और वह गर्भवती भी है। तुम्हें कैसे पता चल गया, तुम्हारे खेत में तो और भी जानवर आते होंगे, और भी जानवर यहां से गुजरते होंगे, तो तुमने यह कैसे अंदाजा लगाया? वह अंधा व्यक्ति राजा से कहता है- हे राजन आप जिसका पीछा कर रहे थे, वह जब मेरे खेत में आई उसकी रफ्तार और उसके भागने की आहट, से मुझे यह एहसास हो चुका था कि वह एक हिरनी है।

जो मेरे खेत की बाड़ , जानवरों को रोकने के लिए, खेत के चारों तरफ बनी ह। वह बहुत छोटी है। उसकी ऊंचाई ज्यादा नहीं है। लेकिन वह जानवर इस बाड़ को तोड़कर भागे, और यदि वह इस बाड़ को छलांग लगाकर पार करने का प्रयास करती, तो इससे उसके बच्चे को खतरा हो जाता, और इसी बात से, मैंने यह पता लगा लिया, कि वह गर्भवती है।

इस पर राजा के मन में, एक और प्रश्न उठा। राजा ने पूछा- तुम्हें कैसे पता चल गया कि वह एक हिरनी ही है, और भी जानवर यहां से आते जाते होंगे। इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता-हे राजन मैं पूरा दिन, सुबह, शाम यहीं पर बैठा रहता हूं और मेरे सुनने की शक्ति बहुत तेज है। मैं भाप सकता हूं, की कौन सा जानवर मेरे खेत में आया है, और उसी के आधार पर मैं जोर-जोर से चिल्लाता हूं। ताकि वह मेरे खेत से भाग जाए, और मेरे खेत की फसले नष्ट होने से बच जाए। राजा उस अंधे आदमी का यह जवाब सुनकर पूरी तरह संतुष्ट हो चुका था।

वह मन ही मन सोच रहा था कि भले ही यह आदमी अंधा है, लेकिन यह तो बड़ा ज्ञानी मालूम पड़ता है। इस आदमी से कुछ ना कुछ तो काम निकलवाना ही चाहिए। यह विचार लिए, राजा वापस अपने महल की तरफ की और लौट जाता है। कुछ दिनों के बाद, राजा अपने सेनापति को आदेश देता है कि उस अंधे व्यक्ति को महल लेकर आओ। वह तुरंत ही अंधे आदमी के पास पहुंचता है, और उस अंधे आदमी को, राजमहल चलने के लिए कहता है। अंधा व्यक्ति बड़ा ही चालाक था। वह समझ चुका था कि राजा जरूर मुझे मुझे, कुछ ना कुछ काम सौंपने वाले हैं,

और वह काम मुझे मुसीबत में डाल सकता है। लेकिन फिर भी वह सेनापति की बात मान लेता है। राजमहल पहुंचते ही राजा उस अंधे व्यक्ति से कहता है, आप तो बड़े ज्ञानी है। आपको किसी भी बात का पता बड़ी आसानी से चल जाता है। आज मैंने आपको यहां इसलिए बुलाया है, क्योंकि मैं आपसे यह जानना चाहता हूं, कि मेरी पत्नी पतिव्रता है कि नहीं। इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है कि  हे राजन! यह कैसा प्रश्न हुआ? उस पर राजा कहता है, बिल्कुल उचित प्रश्न है। मुझे इस प्रश्न का उत्तर दीजिए।

इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है- हे राजन यह सारी बातें जाने दीजिए। आपकी शादी को इतने साल बीत चुके हैं, और अब आप यह बात क्यों जानना चाहते हैं? आपके मन में ऐसे प्रश्न क्यों उठ रहे हैं? इस पर राजा जिद करते हुए, कहता है। आपको मुझे इस प्रश्न का उत्तर जरुर देना होगा। यदि आप मुझे इस प्रश्न का उत्तर नहीं देंगे, तो मैं आपको मृत्यु दंड दे दूंगा। राजा के मुख से यह बात सुनकर अंधा व्यक्ति कहता है।

हे राजन यदि आप इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते हैं, तो इसके लिए, आपको मेरा एक काम करना होगा। राजा कहता है- बोलो मुझे क्या करना होगा? इस पर वह कहता है, की इसके लिए आपको, अपनी पत्नी आपको मेरे साथ अकेले कमरे में छोड़ना होगा। उस अंधे व्यक्ति की यह बात सुनकर राजा पहले तो क्रोधित हो जाता है, लेकिन फिर कुछ सोच विचार करने के बाद, वह उस अंधे व्यक्ति की बात मान लेता है, और अपने सेनापति को आदेश देता है, की सेनापति मेरी पत्नी और इस आदमी को, थोड़ी देर के लिए एक कमरे में अकेला छोड़ दे।

सेनापति बिल्कुल वैसा ही करता है। अब राजा की पत्नी और वह आदमी एक कमरे में बंद हो चुके थे। तभी आदमी राजा की पत्नी से कहता है, रानी मैं आपको छूना चाहता हूं। इस बात पर रानी अत्यधिक क्रोधित हो जाती है, और उस अंधे व्यक्ति को पकड़ पकड़ कर पीटने लगती है। कभी हाथों से कभी लातों से तो कभी पटक पटक कर, इस तरह उसने अंधे आदमी की बहुत पिटाई की। इसके बाद वह अंधा आदमी किसी तरह, से अपनी जान बचाकर भाग निकलता है, और राजा के पास पहुंचता है, और राजा से कहता है।

हे राजन आपकी पत्नी  पतिव्रता नहीं है। यह बात सुनकर राजा अत्यधिक क्रोधित हो जाता है। राजा अपनी तलवार निकाल कर सीधा अपनी पत्नी की ओर जाता है। क्रोधित होकर वह अपनी पत्नी से कहता है- रानी जो भी सवाल मैं आपसे करूंगा ,आप उसका मुझे सच-सच जवाब देना और अगर आपने, एक शब्द भी झूठ कहा तो, मैं इसी वक्त आपका सर कलम कर दूंगा। मुझे बताओ कि आप पतिव्रता हो कि नहीं।

इस पर पर रानी कहती है- हे राजन आप भले ही मुझे जान से मरवा दे, लेकिन आज मैं सच बोलूंगी। मैं पतिव्रता नहीं हूं। राजा यह बात सुनकर बहुत ही दुखी और निराश हो जाता है। उस अंधे आदमी ने, जो भी कहा था, वह बिल्कुल सच था। यह बात सुनकर राजा, तुरंत ही अंधे आदमी के पास पहुंचता है, और आकर, उस अंधे आदमी से कहता है, तुम्हें कैसे पता चला कि मेरी पत्नी पतिव्रता नहीं है।

अंधा आदमी कहता है- हे राजन! बड़ी सीधी सी बात है। मैंने तो आपकी पत्नी से सिर्फ इतना ही कहा था ,मुझे आपको छूना है, और इस बात पर, वह इतना क्रोधित हो गई, कि गुस्से में आकर, उन्होंने मुझे बहुत पीटा, और भला, कोई औरत किसी दूसरे मर्द को कैसे छू सकती है, लेकिन उन्होंने बिना समझे बुझे ही, मुझे बहुत पीट दिया। एक पतिव्रता नारी, कभी भी पराए मर्दों को नहीं छू सकती। जब मैंने उन्हें छूने के लिए कहा तो वह मुझे मना कर सकती थी, लेकिन उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया, और देखते ही देखते उन्होंने मेरे पूरे शरीर को छू लिया।

आप ही बताइए ऐसी स्त्री भला पतिव्रता कैसे हो सकती है। इस बात पर राजा कहता है, तुम तो बड़े ज्ञानी मालूम पड़ते हो , तुम्हारी बात बिल्कुल सही है।

तुम्हारी बात बिल्कुल सही है। चलो तुम मेरे एक और प्रश्न का उत्तर दो। यदि तुमने मुझे इस प्रश्न का सही जवाब दे दिया तो, मैं तुम्हें यहां से जाने दूंगा। राजा उस अंधे आदमी से पूछता है, कि सच में बताओ, क्या मैं अपने पिता का ही पुत्र हूं? इस पर अंधा आदमी कहता है, है राजन! इस बात से आपको क्या लेना देना? आप किसी की भी औलाद हो, आखिर आप इस राज्य की राजा है, इसलिए इस प्रश्न को जाने दीजिए। राजा कहता है- नहीं नहीं, मुझे इस प्रश्न का सही जवाब चाहिए, अन्यथा यह प्रश्न मुझे बहुत परेशान करता रहेगा, इसलिए यदि तुम इसका सही-सही जवाब दे देते हो, तो तुम यहां से जा सकते हो।

इस पर वह आदमी कहता है, इसके लिए तो, मुझे आपकी मां के पास जाने की भी आवश्यकता नहीं है। मैं आपको अभी भी बता सकता हूं कि आप किसकी औलाद है। लेकिन उससे पहले, आपको मुझसे वादा करना होगा, कि आप मुझ पर क्रोध नहीं करेंगे। राजा ने कहा- मैं तुमसे वादा करता हूं, मैं तुम पर क्रोध नहीं करूंगा। उसके बाद वह अंधा आदमी राजा से कहता है- राजन आप तो अपने ही पिता के पुत्र हैं, लेकिन आप पर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है।

यह सुनकर राजा बहुत ही क्रोधित हो उठा और अपनी तलवार निकाल कर, अपनी मां मां के पास पहुंचता है, और अपनी मां से कहता है- मां मुझे सच-सच बताइए, क्या मैं अपने ही पिता का पुत्र हूं या नहीं? यदि आपने मुझे सही जवाब नहीं दिया तो, मैं यहीं पर प्राण त्याग दूंगा। मुझे बताओ क्या सच है? इस पर उस राजा की मां कहती है- बेटा तू है तो, अपने ही पिता का पुत्र, लेकिन तुम्हारे ऊपर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है। जब मैं एक बार नहाने के बाद, अपना मुख आईने में देख रही थी, तभी उस कांच के पीछे, मुझे एक कंजूस सेठ नजर आता है, और उसी की छाया तुम पर पड़ चुकी है।

यह सुनते ही राजा और भी अचरज में पड़ जाता है, और वह दौड़ा-दौड़ा उसे अंधे आदमी के पास पहुंचता है, और उस अंधे आदमी से कहता है, तुम्हें कैसे पता चला कि मुझ पर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी है। इस पर अंधा आदमी कहता है, राजन आपने मुझसे कई सारे सवालों के जवाब मांगे, जिनका जवाब भी मैंने आपको सही-सही दिया, यदि कोई और राजा होता, तो मुझे उसके बदले, ढेर सारे इनाम दिए होते , लेकिन अब तक आपने मुझे एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी। इस बात से  मैंने अंदाजा लगा दिया था, कि आप बहुत कंजूस है।

यह सुनकर राजा जोर-जोर से हंसने लगा। आप जो भी मांगेंगे, मैं आपको अवश्य दूंगा, लेकिन मुझे यह बात बताओ, कि तुम्हें कैसे पता चल जाता है, कि कौन सी बात सही है, और कौन सी बात गलत? तुम किसी की बात का इतना सही और सटीक जवाब कैसे दे पाते हो? इस पर वह कहता है – राजन! मैं तो जन्म से ही अंधा हूं, और अगर मेरी आंखें होती तो, मैं किसी के भी मन की बात बड़ी ही सरलता के साथ से जान लेता।

मन की भी एक भाषा होती है और यह मनुष्य के शरीर के व्यवहार के रूप में देखी जा सकती है। उसकी आंखों से ,उसके होठों से, उसके बात करने के तरीकों से, उसकी क्रियायो से यह पता किया जा सकता है, कि उसके मन में क्या चल रहा है। उसके आधार पर, हम किसी के भी मन की बात जान सकते हैं। लेकिन मैं तो जन्म से ही अंधा हूं। मैं देख नहीं सकता, इसलिए मैं क्रियायो से देखता हूं यदि मुझे कोई बात जाननी होती है, तो अगले आदमी को मुझे कुछ काम देना पड़ता है।

जिस पर वह व्यक्ति, किस तरीके से उस काम को करता है, उसके आधार पर ही मैं यह पता लग पाता हूं कि आखिर उसके मन में क्या चल रहा है।

तभी वह राजा कहता है, तो इसका अर्थ यह हुआ कि मैं भी किसी के भी मन की बात जान सकता हूं। इस पर वह अंधा आदमी कहता है- राजन अवश्य, किंतु इससे पहले आपको अपने ऊपर काम करना होगा। अपने मन को शांत करना अपने होगा। मन को वर्तमान में लाना होगा। अपने मन को एकाग्र करना होगा। यदि हम अतीत में हुई घटनाओं के बारे में सोचकर सोच रहे होंगे, और अगला आदमी वर्तमान में अपने मन में बात कर रहा है,  तो हम कैसे जान पाएंगे, क्योंकि हम तो अतीत की घटनाओं में डूबे हुए हैं।

हे राजन! जो तीन तरीके में आपको बताने वाला हूं, इन तीन तरीकों से आप बड़ी ही आसानी से किसी के भी मन की बात जान सकते हैं।

Inspirational story about success

Technique for Mind reading

जो सबसे पहला तरीका है, सामने वाले व्यक्ति की आंखों में ध्यान देना किसी व्यक्ति से बात करते हुए, उसकी आंखों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि आंखें बोलती नहीं, पर बहुत कुछ कह जाती हैं यदि हम किसी व्यक्ति की, आंखों के इशारों को समझना सीख जाए,तो हम यह जान पाएंगे कि व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है वह क्या सोच रहा है और अभी वह क्या करने वाला है

बहुत साल पहले मेरे पास आंखें थी, तब यह विद्या मैंने अपने गुरु से सीखी थी, और उस वक्त मैं लोगों के मन की बातें सिर्फ उनकी आंखों में देखकर जान लेता था इसलिए आप ही यदि दूसरों की बातें जानना चाहते हैं, तो आपको भी उनकी आंखों पर गौर करना होगा जैसे कि वह कब कहां किधर देख रहे हैं वह आंखों को इधर-उधर घूम रहे हैं, या उनकी आंखें खुश नजर आ रही है, कहीं उनकी आंखों में निराशा तो नहीं है

File:Guru Initiates Shishya.jpg - Wikipedia

जैसे कि एक चोर होता है, उसकी आंखों में जब हम देखते हैं, तो हमें पता चलता है कि अगले आदमी ने कोई गलती की है ठीक उसी प्रकार जब हम किसी चालक व्यक्ति की आंखों में देखते हैं, तो आपको पता चलेगा कि उसकी आंखों में चालाकी होती है, यदि बात करते वक्त, वह अपनी आंखें इधर-उधर घूमा रहा है या ऊपर नीचे इधर-उधर दाएं बाएं कर रहा है, तो इसका अर्थ यहां हुआ, कि वह इस बात से निकलने का कोई रास्ता ढूंढ रहा है कोई झूठ बना रहा है यदि सामने वाला व्यक्ति,आपसे झूठ कहने का प्रयास कर रहा है, तो वह आपसे नजरे नहीं मिल पाएगा

Mind Reading Inspirational story in hindi

ठीक उसी प्रकार दूसरे तरीके में हम चेहरे को पढ़ना सीखते हैं, क्योंकि चेहरे के हाव-भाव होते हैं जिससे हम मन की बातें बड़ी आसानी से समझ सकते हैं कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने चेहरे से, अपने हाव-भाव से, बहुत अलग व्यवहार करता है यदि आप किसी व्यक्ति के चेहरे में गौर करेंगे, तो आप आसानी से समझ पाएंगे कि व्यक्ति निराश है या बहुत उदास है या फिर वह बहुत खुश है या फिर उसे कोई बड़ा दुख है वह अपने अंदर क्या महसूस कर रहा है

यह सारी बातें हम उसके चेहरे के हाव-भाव से पता कर सकते हैंफिर चाहे इंसान जुबान से कुछ बोले या ना बोले, लेकिन आप उसके चेहरे से सब कुछ पता कर सकते हैं

अंधा व्यक्ति, राजा से तीसरा तरीका बताते हुए कहता है, कि हाथों और शरीर का व्यवहार, मन की बात समझने के लिए, बहुत जरूरी है कोई व्यक्ति जब भी बात करता है, तो आपने देखा हो होगा कि वह अपने हाथों को हिलता है अपने हाथों से इशारे करता रहता है वह बातों के साथ-साथ अपने शरीर का, जो व्यवहार है, उसका भी पूरा उपयोग करता है जिससे हमें यह पता चल पाता है, कि वह व्यक्ति, हमारी बातों पर कितना ध्यान दे रहा है, और उसके मन में क्या चल रहा है

शरीर के व्यवहार को देखने के लिए, उसके हाथ हिलाने, चेहरे पर बार-बार हाथ लगाने और हाथों को एक दूसरे पर मसलना, ऐसी बहुत सी क्रियाएं करता है उस पर, हमें ध्यान देना बहुत आवश्यक है मन की बात को समझने के लिए, हमें शरीर के विज्ञान को भी समझना पड़ता है यदि हम इन तीन तरीकों को अच्छी तरह से समझ लेते हैं, तो हम बहुत जल्दी, किसी भी, व्यक्ति के, मन की बात बड़ी सहजता और सरलता से जान सकते हैं

इसलिए यदि आपको किसी के मन की बातें जाननी है, तो आपको उसकी आंखों पर, उसके चेहरे पर, उसके शरीर के हाव-भाव को और उसके हाथों को ध्यानपूर्वक देखना होगा, और समझना भी होगा जिससे आप यह समझ पाएंगे कि आखिरकार उसके मन में क्या चल रहा है, और वह क्या सोच रहा है, लेकिन उससे पहले, आपको अपने मन को एकाग्र करना होगा शांत करना होगा और अपने मन को वर्तमान में लाना होगा तभी आप उस व्यक्ति की इन सभी क्रियायो पर ध्यान दे पाएंगे और उन्हें समझ पाएंगे

आप यदि अतीत की घटनाओं में व्यस्त है भविष्य की योजनाओं में व्यस्त है तो आप उस व्यक्ति के हाव-भाव पर, कभी ध्यान नहीं दे पाएंगे, और ना ही आप कभी भी समझ पाएंगे कि आखिर उसे व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है वह क्या सोच रहा है यह काम कोई भी कर सकता है यह एक प्रकार की विधा हैजो मुझे मेरे गुरु ने सिखाई थी राजन अगर आपको यह जानना है, तो मेरे साथ आपको कुछ दिन रहकर, इसका अभ्यास करना होगा राजा तुरंत राजी हो जाता है, और उस अंधे व्यक्ति को, अपने राज्य का राजगुरु नियुक्त कर देता है, और खुद अंधे व्यक्ति का शिष्य बन जाता है

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