मैं अटल हूं | Main Atal hu | अटल बिहारी वाजपेयी

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अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तिगत जीवन

 जन्म

Main Atal hu-अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कृष्णा देवी और कृष्ण बिहारी वाजपेयी (माता और पिता क्रमशः) के घर हुआ था। वाजपेयी के पिता एक स्कूल शिक्षक थे। वाजपेयी ने ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। 1934 में, उन्होंने उज्जैन जिले के बड़नगर में एंग्लो-वर्नाकुलर मिडिल (एवीएम) स्कूल में दाखिला लिया। बाद में उन्होंने ग्वालियर में विक्टोरिया कॉलेज (अब महारानी लक्ष्मी बाई सरकारी कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस) में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में बीए करने के लिए दाखिला लिया। उन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एमए के साथ अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी

परिवार और मित्रता

वाजपेयी अपने सरल और विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते थे। वाजपेयी जी ने अपने परिवार और मित्रों के साथ गहरे और स्नेहपूर्ण संबंध बनाए रखे। वे अपनी मां, पिता और बहनों से गहरा लगाव रखते थे। उनके मित्रों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल थे, जिससे उनकी व्यापक स्वीकार्यता और लोकप्रियता का पता चलता है।

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उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों पर कायम रहते हुए समाज और राष्ट्र की सेवा की। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है और वे सभी के लिए एक आदर्श बने रहेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता और भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापक और एक प्रमुख वक्ता के रूप में भी जाने जाते थे।

अटल जी ने भारतीय जनसंघ के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और 1968 में इसके अध्यक्ष बने।

अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व के गुण

अटल बिहारी वाजपेयी एक अद्वितीय नेता थे जिनके नेतृत्व ने भारतीय राजनीति में एक नया आयाम स्थापित किया। अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता और रणनीतिक दृष्टिकोण ने भारतीय राजनीति और समाज को नई दिशा दी। उन्होंने न केवल वर्तमान परिस्थितियों को समझा, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी भांपा और उसी के अनुरूप निर्णय लिए। उनके नेतृत्व के कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:

 सशक्त नेतृत्व

अटल बिहारी वाजपेयी एक सशक्त और करिश्माई नेता थे। उनके नेतृत्व के गुणों में साहस, धैर्य, और दूरदृष्टि शामिल थे। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी निडर होकर निर्णय लिए और देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। वाजपेयी के नेतृत्व में मानवता और संवेदनशीलता का भी विशेष स्थान था। वे समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए समर्पित थे। अटल बिहारी वाजपेयी में अदम्य साहस और दृढ़ता थी, जो उनके नेतृत्व को विशेष बनाती है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी निडर होकर निर्णय लिए और देश को आगे बढ़ाया।

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कुशल वक्ता

वाजपेयी एक उत्कृष्ट वक्ता थे। उनकी भाषण शैली प्रभावशाली और प्रेरणादायक थी। वे अपने विचारों को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करने में माहिर थे,वाजपेयी का नेतृत्व संवाद और सहमति पर आधारित था। उन्होंने हमेशा विभिन्न राजनीतिक दलों और विचारधाराओं के बीच सहमति बनाने की कोशिश की। जिससे वे जनता और नेताओं के बीच समान रूप से लोकप्रिय थे।

अटल बिहारी वाजपेयी के विचार और दृष्टिकोण

विदेश नीति

अटल बिहारी वाजपेयी की विदेश नीति सशक्त और स्वतंत्र भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने पर केंद्रित थी। उन्होंने अमेरिका, रूस, और चीन जैसे प्रमुख देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास किया।

1. अंतरराष्ट्रीय संबंध:- वाजपेयी जी के कार्यकाल में भारत ने कई देशों के साथ आर्थिक और सामरिक संबंधों को मजबूत किया। उन्होंने वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को सुदृढ़ किया और अमेरिका, रूस, और चीन जैसे प्रमुख देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया।

2. पड़ोसी देशों के साथ संबंध:- वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए कई प्रयास किए, जिनमें लाहौर बस यात्रा और आगरा शिखर सम्मेलन प्रमुख हैं। वाजपेयी ने हमेशा पड़ोसी देशों के साथ शांति और स्थिरता बनाए रखने की कोशिश की। उनकी लाहौर बस यात्रा और पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता इसके उदाहरण हैं।

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आर्थिक नीति

वाजपेयी की आर्थिक नीतियों का मुख्य उद्देश्य भारत को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना था। उनके कार्यकाल में कई सुधारात्मक कदम उठाए गए जो भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गए।

  1. आर्थिक सुधार: वाजपेयी ने आर्थिक सुधारों के माध्यम से विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया और भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया। उन्होंने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए कई कदम उठाए, जिनसे विदेशी निवेश और व्यापार में वृद्धि हुई।
  2. इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी परियोजनाओं के माध्यम से इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया। वाजपेयी ने इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया।

सामाजिक नीतियाँ

अटल बिहारी वाजपेयी ने समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उनकी नीतियाँ सामाजिक न्याय और समावेशिता पर आधारित थीं। अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलें कीं, जिनका उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना था।

शिक्षा

  1. सर्व शिक्षा अभियान: यह कार्यक्रम सभी बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त प्राथमिक शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य 6-14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को स्कूल में दाखिल करना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था।
  2. प्रौढ़ शिक्षा: वाजपेयी ने वयस्क साक्षरता के लिए भी कई योजनाएं शुरू कीं, ताकि वयस्कों को साक्षर बनाकर समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य क्षेत्र में वाजपेयी की नीतियाँ समाज के सभी वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित थीं।

  1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन: वाजपेयी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार करना था।
  2. स्वास्थ्य बीमा योजनाएं: उन्होंने गरीब और कमजोर वर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाएं शुरू कीं, जिससे उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिल सके।

ग्रामीण विकास

वाजपेयी का मानना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, इसलिए उन्होंने ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया।

  1. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मरम्मत के माध्यम से गांवों को शहरों से जोड़ना था। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिली और ग्रामीण समुदायों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हुआ।
  2. ग्रामीण आवास योजनाएं: उन्होंने ग्रामीण गरीबों के लिए सस्ती और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जैसे कि इंदिरा आवास योजना।

महिला सशक्तिकरण

वाजपेयी ने महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ करने और उनके सशक्तिकरण के लिए कई पहलें कीं।

  1. महिला शिक्षा: उन्होंने महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं शुरू कीं, ताकि अधिक से अधिक लड़कियाँ स्कूल जा सकें और शिक्षा प्राप्त कर सकें।
  2. महिला स्वावलंबन: उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरुआत की। इसके तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

सामाजिक न्याय

वाजपेयी का दृष्टिकोण समावेशी और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की ओर था। उन्होंने सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी और समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियाँ और योजनाएँ शुरू कीं।

  1. अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण: अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उत्थान के लिए वाजपेयी ने विशेष योजनाएं शुरू कीं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में विशेष प्रावधान किए गए।
  2. अल्पसंख्यक कल्याण: वाजपेयी ने अल्पसंख्यक समुदायों के विकास के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने अल्पसंख्यक शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू कीं।

अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ | महत्वपूर्ण घटनाक्रम

पोखरण-2 परमाणु परीक्षण

1998 में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने सफलतापूर्वक पोखरण-2 परमाणु परीक्षण किए। इन परीक्षणों ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सूची में शामिल किया और वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को मजबूत किया। वाजपेयी के इस साहसिक कदम ने भारत की सुरक्षा और सामरिक स्वायत्तता को सुनिश्चित किया।

कारगिल युद्ध

1999 में, कारगिल युद्ध के दौरान, अटल बिहारी वाजपेयी ने दृढ़ और संतुलित नेतृत्व का परिचय दिया। उन्होंने भारतीय सेना को निर्णायक कार्रवाई करने की अनुमति दी, जिससे भारत ने सफलतापूर्वक अपने क्षेत्र को पुनः प्राप्त किया। इस युद्ध के बाद, वाजपेयी ने शांति और संवाद के प्रयास जारी रखे, जो उनकी दूरदर्शिता और शांति प्रियता को दर्शाते हैं।

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना

अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के राजमार्ग नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने के लिए महत्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत की। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, और कोलकाता को आधुनिक और सुरक्षित राजमार्गों से जोड़ना था। इससे न केवल यातायात की सुविधा में वृद्धि हुई, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आई वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)

वाजपेयी ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण सड़कों का निर्माण और मरम्मत करना था, जिससे गांवों को शहरों से जोड़ा जा सके। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिली और ग्रामीण समुदायों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हुआ।

सर्व शिक्षा अभियान

अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा के क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य 6-14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना था। इस अभियान ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किए और बच्चों की स्कूल में दाखिला दर में वृद्धि की।

संचार क्रांति

वाजपेयी के कार्यकाल में भारत में टेलीकॉम और आईटी क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। उन्होंने राष्ट्रीय टेलीकॉम नीति की शुरुआत की, जिससे दूरसंचार क्षेत्र का उदारीकरण और निजीकरण हुआ। इसका परिणाम यह हुआ कि मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं की पहुंच में व्यापक वृद्धि हुई और देश में डिजिटल क्रांति आई।

आर्थिक सुधार और उदारीकरण

वाजपेयी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाया, जिससे विदेशी निवेश में वृद्धि हुई और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। उनके सुधारों ने भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया।

शांति प्रयास और लाहौर बस यात्रा

1999 में, अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता के प्रयास में लाहौर बस यात्रा की शुरुआत की। इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना था। हालांकि यह प्रयास तत्काल सफल नहीं हो सका, लेकिन यह वाजपेयी की शांति और संवाद के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

साहित्य और काव्य में योगदान

अटल बिहारी वाजपेयी एक उत्कृष्ट कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताएँ और लेख भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी रचनाएँ प्रेरणादायक और संकल्पपूर्ण हैं, जो जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रकट करती हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख कविताएँ

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी कविताओं के माध्यम से मानवता, देशप्रेम और समाजिक सरोकारों को उजागर किया। उनकी कुछ प्रमुख कविताएँ इस प्रकार हैं:

1.क्या खोया, क्या पाया जग में
2.गीत नया गाता हूँ
3.मौत से ठन गई
4.हरिवंश राय बच्चन को श्रद्धांजलि

अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार

1.हम जिएंगे, और मरेंगे भी तो वतन के लिए।
2.असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
3.छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।
4.हम लड़ाई में असली चुनौती का सामना करने के लिए नहीं लड़ते, बल्कि हम शांति की स्थापना के लिए लड़ते हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी को प्राप्त भारत रत्न और अन्य सम्मान

भारत रत्न (2015)

अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के प्रति असाधारण सेवा और योगदान के लिए दिया जाता है। वाजपेयी की राजनीतिक, सामाजिक और साहित्यिक उपलब्धियों के कारण उन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया।

पद्म विभूषण (1992)

1992 में, अटल बिहारी वाजपेयी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो उनके सार्वजनिक जीवन में योगदान और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रदान किया गया।

सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार (1994)

अटल बिहारी वाजपेयी को 1994 में भारतीय संसद के सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके उत्कृष्ट संसदीय प्रदर्शन और योगदान के लिए दिया गया।

लोकमान्य तिलक पुरस्कार

वाजपेयी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार भी प्रदान किया गया। यह पुरस्कार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता लोकमान्य तिलक के सम्मान में दिया जाता है और उनके जीवन में उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को सम्मानित करता है।

गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार

उन्हें पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जो भारतीय राजनीति में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया।

श्रद्धांजलि और स्मारक

अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में कई महत्वपूर्ण स्थानों पर स्मारक बनाए गए हैं। दिल्ली में ‘सदैव अटल’ स्मारक उनके सम्मान में स्थापित किया गया है। इसके अलावा, उनके नाम पर कई सड़कों, संस्थानों और योजनाओं का नामकरण किया गया है, जिससे उनकी स्मृति और योगदान को सदैव जीवित रखा जा सके।

अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम विदाई | निधन

अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनीति के एक महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री, का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई और एक युग का अंत हो गया। वाजपेयी कई वर्षों से बीमार थे और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनका इलाज नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में चल रहा था। उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था और 16 अगस्त 2018 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनके निधन के बाद, भारत सरकार ने सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया। वाजपेयी के सम्मान में देशभर में तिरंगा झुका दिया गया। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग उमड़े, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, विदेशी गणमान्य व्यक्ति, और आम जनता शामिल थी।

अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार नई दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में लाखों लोगों ने भाग लिया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, और कई अन्य प्रमुख नेताओं ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया।

निष्कर्ष

अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन और कार्य प्रेरणादायक है। वाजपेयी न केवल एक महान नेता और राजनीतिज्ञ थे, बल्कि वे एक उत्कृष्ट कवि और विचारक भी थे। उनके जीवन और कृतित्व ने भारतीय राजनीति, समाज और साहित्य में अमिट छाप छोड़ी है। उनका दृष्टिकोण और विचारधारा आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता, साहित्यिक योगदान और सामाजिक सरोकारों ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक विशिष्ट स्थान दिलाया है। उनके विचार, नीतियाँ और दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।

वाजपेयी जी ने हमें यह सिखाया कि सही दिशा में किए गए प्रयास और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनका जीवन और योगदान हमें राष्ट्रीय एकता, आर्थिक विकास, और सामाजिक न्याय के लिए प्रेरित करता रहेगा। अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भारतीय राजनीति और समाज में हमेशा आदर और सम्मान के साथ लिया जाएगा।

 

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