भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 10 रोचक तथ्य
Interesting Facts about Atal Bihari Bajpai in hindi-अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में रहते हुए एक विशिष्ट और सराहनीय मुकाम को हासिल किया. वह भारतीय जनता पार्टी की ओर से देश के सबसे सराहनीय प्रधानमंत्री रहे हैं। उनको देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया । आइये इस लेख के माध्यम से अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, उनकी राजनितिक विचारधारा, कविताएँ इत्यादि के बारे में अध्ययन करते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के महानतम नेताओं में से एक थे, जिन्हें उनके राजनीतिक दृढ़ संकल्प, भाषण देने की कला और कविता के लिए जाना जाता था। भारतीय राजनीति के पितामह माने जाने वाले वाजपेयी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न, प्राप्त हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी के सबसे सराहनीय प्रधानमंत्री थे। इस लेख में, हम उनके जीवन के कुछ रोचक पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
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Interesting Facts about Atal Bihari Bajpai in hindi
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 10 रोचक तथ्य
1. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर के शिंदे की छावनी में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में ही प्राप्त करने के बाद, उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक और कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एम.ए. की डिग्री हासिल की।
2. क्या आप जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी? दोनों ने एक ही कक्षा में लॉ की डिग्री हासिल की और इस दौरान हॉस्टल में भी साथ रहे।

3. अटल बिहारी वाजपेयी को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार ‘बाप जी’ कहकर बुलाते थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में एक भाषण के दौरान उन्हें भारतीय राजनीति का ‘भीष्म पितामह’ कहा था। उन्होंने शादी नहीं की थी लेकिन एक लड़की को गोद लिया था, जिसका नाम नमिता है। वाजपेयी का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था, लेकिन उन्हें मांसाहार का शौक था। वह प्रॉन खाने के शौकीन थे और पुरानी दिल्ली का करीम होटल उनका पसंदीदा मांसाहारी भोजन स्थल था।
4. वाजपेयी अपने प्रारंभिक जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आ गए थे। क्या आप जानते हैं कि 1942 के ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में उन्होंने भाग लिया था और 24 दिन तक जेल में रहे थे? उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनसंघ से की थी, और वे 10 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा के सांसद रहे। वे एकमात्र सांसद थे जो चार अलग-अलग राज्यों – दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से सांसद बने थे। 6 अप्रैल 1980 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया था।
5. उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट ख्याति प्राप्त की और अनेक पुस्तकों की रचना की. उनको कविताओं से भी खासा लगाव रहा. वह अपने विचारों को कई बार कविताओं के माध्यम से भी सामने रखते थे. वे एक कुशल वक्ता हैं और उनके बोलने का ढंग भी बिलकुल अलग है. वे दो मासिक पत्रिकाओं “राष्ट्रधर्म” और “पांचजन्य” के संपादक रहे. साथ ही दो दैनिक समाचार पत्र “स्वदेश” और “वीर अर्जुन” के भी संपादक रहे. उनकी कविताओं की बेहतरीन रचना “मेरी इकियावन कविताएं” हैं.।
6. अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई 1996 को देश के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. किन्तु इस बार इनको संख्या बल के आगे त्याग-पत्र देना पड़ा था. 19 मार्च 1998 को पुनः अटलजी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी और फिर 13 अक्टूबर 1999 को अटलजी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वे 1997 में जनता पार्टी सरकार से विदेश मंत्री बने और संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सत्र में उन्होंने हिंदी में अपना भाषण भी दिया था.
7. अटल बिहारी वाजपेयी एक दिग्गज नेता थे और उन्होंने विरोधी दलों के बीच भी एक खास मुकाम हासिल किया था. यहाँ तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भविष्यवाणी करते हुए कह दिया था कि एक दिन अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री होंगे. जब वे विदेश मंत्री बने थे तो उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी भाषा में भाषण दिया था और ऐसा करने वाले वे देश के प्रथम नेता थे.
8. वर्ष 1971 में जब बांग्लादेश का विभाजन हुआ, तो उसमें इंदिरा गांधी के प्रतिनिधित्व में भारत की जो भूमिका रही, उससे प्रभावित होकर अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें “साक्षात दुर्गा” की उपाधि दी थी. इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि दुनिया को भारत की परमाणु शक्ति का एहसास दिलाने वाले भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ही थे. अनेक अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बाद भी उन्होंने पोखरण परमाणु परीक्षण को करवाया और भारत को एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाया. पूर्वराष्ट्रपति नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेयी को अपना राजनैतिक गुरु मानते थे. पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए, उन्होंने 19 फरवरी 1999 को दिल्ली से लाहौर तक सदा-ए-सरहद नाम की एक बस सर्विस शुरू की थी जिसमें उन्होंने भी एक बार यात्रा की थी.
9. अटल बिहारी वाजपेयी को कई बार सम्मनित किया जा चुका है. उन्हें 1992 में पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार व गोविंद वल्लभ पंत जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया. उनको दिसम्बर, 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया. इनके जीवन से हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बड़े प्रभावित रहे हैं और अटल जी खुद श्यामा प्रसाद मुखेर्जी के प्रशंसक रहे हैं.
10. अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क मार्गों के विस्तार हेतु स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को प्रारंभ किया था. उनके कार्यकाल में भारत में इतनी सड़कों का निर्माण हुआ जितनी शेरशाह सूरी के शासनकाल में हुआ था. उन्होंने 100 साल पुराने कावेरी जल विवाद को भी सुलझाया था.