40 karma cheating quotes in hindi | कर्म धोखाधड़ी उद्धरण हिंदी में

Karma cheating quotes in hindi- ये उद्धरण इस बात को और अधिक स्पष्ट करते हैं कि कर्म का न्याय कभी भी विफल नहीं होता और धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए लाभ हमेशा अस्थायी होते हैं।

यहाँ कुछ कर्म और धोखाधड़ी से संबंधित हिंदी उद्धरण दिए गए हैं:

1-“कर्म का हिसाब कोई नहीं भूलता, जो जैसा करता है, उसे वैसा ही लौटता है।”

2-“धोखाधड़ी से मिले सुख की उम्र बहुत छोटी होती है, लेकिन कर्म का न्याय अटल होता है।”

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3-“किसी को धोखा देकर जीतने से बेहतर है, सचाई से हार जाना। क्योंकि कर्म का फल देर-सवेर जरूर मिलता है।”

4-“धोखा देना आसान है, परंतु कर्म कभी नहीं भूलता, जो बोओगे वही काटोगे।”

5-“कर्म का नियम है, जो जैसा करेगा, वैसा ही पाएगा। इसलिए कभी भी किसी के साथ छल मत करो।”

karma cheating quotes in hindi
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6-“जो दूसरों के साथ छल करता है, वह खुद अपने भविष्य के साथ खेलता है। कर्म की मार से कोई बच नहीं सकता।”

7-“धोखा देने से जो पल का सुख मिलता है, वह कर्म के चक्र में फंसकर अंततः दुख में बदल जाता है।”

8-“कर्म का न्याय तब होता है जब समय उसकी सजा लिखता है। जो आज दूसरों को धोखा दे रहा है, कल वही धोखे का शिकार होगा।”

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9-“दूसरों को छलने से पहले याद रखना, कि कर्म हमेशा लौटकर आता है और वह लौटता है दोगुनी ताकत के साथ।”

10-“धोखाधड़ी से प्राप्त लाभ स्थायी नहीं होते, लेकिन कर्म का लेखा-जोखा हमेशा बना रहता है। समय आने पर वही हमारे सामने खड़ा होता है।”

11-“किसी को धोखा देकर आगे बढ़ना, खुद के लिए गड्ढा खोदने के समान है। कर्म का पहिया घूमता जरूर है।”

12-“धोखा देना आसान है, परंतु उसके परिणाम से बचना असंभव। कर्म का न्याय सटीक और अटल होता है।”

13-“कर्म का नियम बड़ा सरल है: जो जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। छल के बीज बोकर, सुख की फसल नहीं उगाई जा सकती।”

karma cheating quotes in hindi
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14-“धोखा देने से भले ही तुम आज जीत जाओ, लेकिन याद रखना, कर्म का न्याय धीमा जरूर है, परंतु अचूक है।”

15-“धोखा देकर जो सफलता मिलती है, वह क्षणिक होती है। लेकिन कर्म का फल आने पर वह सफलता भी एक सजा बन जाती है।”

16-“धोखे की चादर जितनी भी मोटी हो, कर्म की नजरें उसे भेद देती हैं। हर किसी को अपने कर्म का फल भुगतना पड़ता है।”

17-“कर्म की किताब में कोई गलती नहीं होती, जो जैसे कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। धोखा देने वालों का हिसाब भी उसी किताब में दर्ज होता है।”

18-“किसी को धोखा देकर अगर तुम्हें जीत मिली है, तो समझ लो कि यह जीत अस्थायी है। कर्म का पलड़ा हमेशा सही समय पर संतुलित होता है।”

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karma cheating quotes in hindi
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19-“धोखाधड़ी से अर्जित किया गया सुख, रेत के महल जैसा होता है, जो कभी भी ढह सकता है। कर्म की आंधी जब चलती है, तो सब कुछ उजाड़ देती है।”

20-“कर्म का सिद्धांत कभी विफल नहीं होता। यदि तुमने किसी के साथ धोखा किया है, तो एक दिन वही धोखा तुम्हारे सामने भी आएगा, यह सुनिश्चित है।”

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21-“धोखा देना क्षणिक सुख दे सकता है, लेकिन कर्म की सजा जीवनभर का सबक बन जाती है।”

22-“जो दूसरों को धोखा देकर आगे बढ़ता है, उसे एक दिन अपनी ही राह में बिछाए कांटे चुभते हैं। कर्म का हिसाब हमेशा चुकाना पड़ता है।”

23-“धोखा देने से तुम दूसरों से नहीं, बल्कि खुद से ही छल कर रहे हो। क्योंकि कर्म का चक्र घूमकर वापस तुम्हारे पास ही आता है।”

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24-“किसी को धोखा देकर जीतने का कोई फायदा नहीं, क्योंकि कर्म का न्याय अपने समय पर अवश्य होता है।”

25-“धोखाधड़ी से भले ही तुम्हें आज फायदा मिले, लेकिन वह फायदा कर्म के न्याय के सामने एक दिन बोझ बन जाएगा।”

26-“धोखा देना आसान है, परंतु कर्म की अदालत में कोई झूठ नहीं चलता। जो तुमने बोया है, वह एक दिन जरूर फलेगा।”

27-“धोखाधड़ी का कोई स्थायी परिणाम नहीं होता, क्योंकि कर्म का चक्र अंततः सही निर्णय लेता है।”

28-“जो दूसरों के साथ छल करता है, वह अपने भविष्य की खुशियों से खुद को दूर कर लेता है। कर्म कभी किसी को नहीं बख्शता।”

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29-“कर्म की न्याय की घड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन वह अवश्य आती है, और तब हर धोखे का हिसाब चुकता होता है।”

30-“धोखा देने से जो संतोष मिलता है, वह बहुत ही क्षणिक होता है। कर्म का न्याय चुपचाप इंतजार करता है, और जब वह आता है, तो हर चीज का हिसाब बराबर कर देता है।”

31-“धोखा देकर जो राह बनाई जाती है, वह कभी भी मंजिल तक नहीं पहुँचती। कर्म के नियम उसे रास्ते में ही रोक देते हैं।”

32-“किसी को धोखा देना एक पल का खेल है, लेकिन उसका परिणाम पूरी उम्र का बोझ बन सकता है। कर्म का हिसाब कभी भी अधूरा नहीं रहता।”

33-“धोखा देने से मिली सफलता रेत के घरोंदे की तरह होती है, जो कभी भी ढह सकती है। कर्म का न्याय हमेशा स्थायी होता है।”

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34-“धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया सुख एक मृगतृष्णा की तरह है, जो पास आते ही छिन जाता है। लेकिन कर्म का फल अवश्य मिलता है।”

35-“कर्म का न्याय चुपचाप होता है, लेकिन जब होता है, तो सारी धोखाधड़ी की परतें खोल देता है।”

36-“जो दूसरों को धोखा देकर आगे बढ़ते हैं, वे भूल जाते हैं कि कर्म का पहिया एक दिन उन्हें भी पीछे खींच लेगा।”

37-“धोखा देना आसान है, लेकिन कर्म की सच्चाई से भागना असंभव है। जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है।”

38-“धोखा देने से भले ही तुम खुद को होशियार समझो, लेकिन कर्म की दृष्टि में तुम हमेशा दोषी रहोगे।”

39-“धोखाधड़ी से अर्जित किया गया कोई भी लाभ स्थायी नहीं होता। कर्म का न्याय देर-सवेर उसे छीन ही लेता है।”

40-“धोखा देना तुम्हारी चालाकी हो सकती है, लेकिन कर्म का न्याय उसकी सजा बनकर आता है।”

ये उद्धरण इस बात को और अधिक स्पष्ट करते हैं कि कर्म का न्याय कभी भी विफल नहीं होता और धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए लाभ हमेशा अस्थायी होते हैं।

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