सोने के पत्ते/Sone ke Patte

सोने के पत्ते

एक गांव में एक विधवा अपने पुत्र के साथ रहती थी। पुत्र का नाम नारायण था। मां बेटा दोनों बहुत मेहनती व ईमानदार थे। उनके घर के पास एक ही पेड़ था। नारायण का रोज एक अटूट नियम था। काम पर जाने से पहले वह पेड़ को एक-दो लोटे पानी अवश्य देता था। बचपन से … Read more

निष्ठुर अनुकंपा/Nishthur Anukampa

किसी शहर में एक कुलीन परिवार रहता था उसमें चार भाई थे। परिवार की जायदाद और धन दौलत बर्बाद हो चुकी थी। चारों भाई हुनरमंद और पढ़े लिखे थे। फिर भी वह अपनी खानदानी इज्जत के कारण कहीं नहीं नौकरी चाकरी या काम धंधा नहीं कर पाते थे।घर की गरीबी दिनोंदिन बढ़ रही थी। घर … Read more

बेटे की सीख / Bete ki Seekh

एक समय की बात है। एक गांव में एक बहुत नेक किसान रहता था। वह अपने खेतों में बहुत श्रम करता था। पर उसके पास ज्यादा खेत नहीं थे। इसलिए वह अमीर नहीं था। बस घर का खर्चा ठीक ठाक चल जाता था। उसके एक बेटा था। उसका नाम तामस था। किसान उसे बहुत प्यार … Read more

अपने कर्मों का फल | Karmo ka Phal | Motivated story in hindi

अपने कर्मों का फल

कहानी:अपने कर्मों का फल | Karmo ka Phal story अपने कर्मों का फल-एक राजा था वह बहुत धर्मात्मा और न्याय करने वाला था और वह भगवान का भी बहुत बड़ा भक्त था। उसने ठाकुर जी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बहुत ही अच्छा और धर्मात्मा था। वह … Read more

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? जाने वैज्ञानिक तर्क | Shivling mein doodh kyon chadhaya jaata hai

शंकर जी पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? भगवान शिव को दूध चढ़ाना एक पुण्य का काम माना जाता है। शिवलिंग का जलाभिषेक करने के साथ ही दूध से अभिषेक करने की परम्परा का देश भर में पूरी आस्था से पालन किया जाता है। सावन में शिवलिंग पर दूध चढ़ाना तो जैसे अनिवार्य ही … Read more

निस्वार्थ भाव से भक्ति / Selfless devotion with God

भक्त भगवान की प्रेरणादायक कहानी

Selfless devotion-एक गांव में एक ग्वाला रहता था। वह हर दिन अपनी गाय को चराने जंगल में ले जाया करता था। जंगल में एक संत का आश्रम था। वहां संत हर रोज ध्यान करते थे ,और उसे समझ नहीं आता कि यह संत क्या कर रहे हैं। एक दिन उसने संत के पास जाकर के … Read more

श्रवण कुमार की कथा | Shravan Kumar Kahani In Hindi

यह कहानी त्रेता युग की है। उस समय श्रवण कुमार नाम का एक बालक था। उसके माता-पिता अंधे थे और उन्होंने श्रवण को कई मुसीबतों का सामना करते हुए पाला था। श्रवण कुमार बचपन से ही अपने माता-पिता का बहुत आदर करता था। जैसे-जैसे श्रवण बड़ा होता गया, उसने घर की जिम्मेदारी अपने कंधों पर … Read more

error: