50 मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
यह रहे 50 मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग। ये विद्यार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं, और लेखन अभ्यास के लिए बहुत उपयोगी हैं।
50 मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
- नाक में दम करना | बहुत परेशान करना | बच्चे की शरारतों ने माँ की नाक में दम कर दिया। |
- नाक कट जाना | अपमान होना | नकल करते पकड़े जाने पर स्कूल की नाक कट गई। |
- दिल पर पत्थर रखना | मन मारकर कोई कठिन काम करना | माँ ने बेटे को दूर भेजते समय दिल पर पत्थर रख लिया। |
- मुँह की खाना | हार मानना | बिना तैयारी के बोलकर वह मुँह की खा गया। |
- पेट में चूहे दौड़ना | बहुत भूख लगना | स्कूल से आने के बाद उसे पेट में चूहे दौड़ते लगे। |
- टाँग अड़ाना | अनावश्यक दखल देना | हर बात में टाँग अड़ाने की आदत अच्छी नहीं होती। |
- भीगी बिल्ली बन जाना | डर से शांत हो जाना | डाँट सुनकर वह भीगी बिल्ली बन गया। |
- हाथ खड़े करना | हार मान लेना | कठिन सवालों पर उसने हाथ खड़े कर दिए। |
- सिर आँखों पर रखना | बहुत सम्मान देना | गुरुजी की बात को हम सिर आँखों पर रखते हैं। |
- दाल में कुछ काला होना | कुछ गड़बड़ होना | उसके बदलते व्यवहार से लगता है कि दाल में कुछ काला है। |
- गले का हार बनना | बहुत प्रिय होना | वह बच्चा अपने माता-पिता का गले का हार है। |
- कान भरना | भड़काना | दुश्मनों ने राजा के कान भर दिए। |
- छाती पर मूँग दलना | जानबूझकर दुख देना | पदोन्नति रोक कर बॉस ने उसकी छाती पर मूँग दल दी। |
- हाथ धोकर पीछे पड़ना | पूरी तरह पीछा करना | टीचर ने होमवर्क न करने पर छात्रों के पीछे हाथ धोकर पड़ गए। |
- दिल में बस जाना | मन को भा जाना | उसकी मुस्कान सबके दिल में बस गई। |
- दाँतों तले उँगली दबाना | हैरान होना | उसकी मेहनत देखकर लोग दाँतों तले उँगली दबा बैठे। |
- चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात | थोड़े समय की खुशी | उसका अमीरी का दिखावा चार दिन की चाँदनी था। |
- खून खौलना | गुस्से से तमतमा जाना | अन्याय देखकर उसका खून खौल उठा। |
- छठी का दूध याद आना | बहुत कष्ट होना | शिक्षक की सज़ा से छात्रों को छठी का दूध याद आ गया। |
- चोरी और सीनाज़ोरी | गलती करके भी अकड़ दिखाना | गलती के बाद भी वह बहस कर रहा था – ये तो चोरी और सीनाज़ोरी है। |
- घाव पर नमक छिड़कना | दुख बढ़ाना | असफलता पर ताना मारकर तुमने उसके घाव पर नमक छिड़क दिया। |
- नाक रगड़ना | बार-बार माफ़ी माँगना | गलती पर उसे सबके सामने नाक रगड़नी पड़ी। |
- ऊँगली पकड़कर हाथ पकड़ना | ज़्यादा लालच करना | उसकी मदद की और उसने ऊँगली पकड़कर हाथ पकड़ लिया। |
- थाली का बैंगन | मतलबी, पल-पल बदलने वाला | वह अपनी बातों पर टिकता नहीं – थाली का बैंगन है। |
- नौ दो ग्यारह होना | भाग जाना | पुलिस देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गया। |
- दाल गलना | योजना का सफल होना | अब उसकी दाल गलती नहीं दिख रही। |
- चादर देखकर पाँव फैलाना | अपनी औकात के अनुसार खर्च करना | हमें चादर देखकर ही पाँव फैलाना चाहिए। |
- अंगारों पर लोटना | बहुत दुःख सहना | माँ ने बेटे की बिदाई पर जैसे अंगारों पर लोट लिया। |
- गले पड़ना | ज़बरदस्ती साथ हो जाना | बिना वजह की जिम्मेदारी गले पड़ गई। |
- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद | मूर्ख को ज्ञान की कद्र नहीं | उसे समझाना व्यर्थ है — बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। |
- टस से मस न होना | ज़रा भी न हिलना | बच्चे डाँट खाने के बाद भी टस से मस नहीं हुए। |
- खून-पसीना एक करना | बहुत मेहनत करना | उसने खून-पसीना एक करके घर बनाया। |
- खून सफ़ेद होना | रिश्ते में भावनाओं की कमी | बेटा ही बाप को भूल गया – खून सफेद हो गया। |
- धूल चाटना | हार मानना | उसने हमें नीचा दिखाने की कोशिश की, पर अंत में धूल चाटी। |
- चुटकी बजाते काम करना | बहुत जल्दी काम करना | वह तो चुटकी बजाते सवाल हल कर देता है। |
- नीम हकीम खतरे जान | अधूरे ज्ञान वाला व्यक्ति नुकसान पहुँचा सकता है | उसके इलाज से मरीज और बीमार हो गया – नीम हकीम खतरे जान। |
- साँप सूँघ जाना | अचानक चुप हो जाना | टीचर के आने पर जैसे सबको साँप सूँघ गया। |
- सिर पर कफ़न बाँधना | जान हथेली पर रखना | उसने सिर पर कफ़न बाँधकर दुश्मनों से लड़ाई की। |
- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे | शर्मिंदगी में गुस्सा करना | गलती उसी की थी, अब खिसियानी बिल्ली खंभा नोच रही है। |
- तेल देखो तेल की धार देखो | सोच समझकर काम करना | अब बिना सोचे कोई काम मत करो – तेल देखो तेल की धार देखो। |
- घर की मुर्गी दाल बराबर | अपनी चीज़ की कद्र न करना | उसका हुनर सबको बाहर अच्छा लगा – घर की मुर्गी दाल बराबर हो गई। |
- ऊँट पहाड़ के नीचे आना | घमंडी का घमंड टूटना | जब परीक्षा में फेल हुआ तो उसका घमंड टूट गया – ऊँट पहाड़ के नीचे आ गया। |
- किसी को आँख दिखाना | डराना | उसने छोटे बच्चे को आँख दिखाई तो बच्चा रो पड़ा। |
- नानी याद आना | अत्यधिक पीड़ा होना | सुबह की दौड़ से बच्चों को नानी याद आ गई। |
- कलेजा मुँह को आना | घबराहट होना | हादसे की खबर सुनकर कलेजा मुँह को आ गया। |
- कलेजा ठंडा होना | संतोष मिलना | अपमान का बदला लेकर उसका कलेजा ठंडा हो गया। |
- पानी-पानी होना | बहुत शर्मिंदा होना | गलती पर डाँट सुनकर वह पानी-पानी हो गया। |
- हाथ पैर फूलना | घबराहट से डर जाना | अचानक परीक्षा की बात सुनकर उसके हाथ-पैर फूल गए। |
- जाने अनजाने में | गलती से | जाने-अनजाने में उसने मुझे ठेस पहुँचा दी। |
- आग बबूला होना | बहुत गुस्सा आना | ग़लत आरोप पर वह आग बबूला हो गया।


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