चंद्रयान-3 चांद पर खोजबीन (research) करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो-ISRO) द्वारा तैयार किया गया तीसरा (3rd) चंद्र मिशन है। इस मिशन की सफलता अंतरिक्ष विज्ञान में भारत को एक नया स्थान दिलाएगी, इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर होगा, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा।
ये मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैन्डिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था।
इस मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में लैंडर को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन एवं चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञानिक प्रयोग करना शामिल है
चंद्रयान-3 तीन में एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है, इसका कुल भार 3,900 किलोग्राम है. इस मिशन की लागत 615 करोड़ है, इसे चांद तक पहुंचने में महीनेभर से ज्यादा का समय लगेगा
सफलतापूर्वक प्रक्षेपण (लॉन्च/Launch)
चंद्रयान-3 का लॉन्च शुक्रवार को सफ़लतापूर्वक पूरा हो गया है. चंद्रमिशन के तहत चांद पर भेजा गया चंद्रयान-3 पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा. चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे किया गया।
‘चंद्रयान-3’ को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया.
फ़्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लॉन्च की बधाई देते हुए ट्वीट किया. पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक शानदार अध्याय की शुरुआत की है.” पीएम मोदी ने कहा, “यह भारत के हर व्यक्ति के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाइयों को छू रहा है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनके उत्साह और प्रतिभा को सलाम करता हूँ.”
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, “चंद्रयान-3 ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है. चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे. एएलवीएम3-एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.”
कैसा रहेगा आगे का सफर, क्या होंगे महत्वपूर्ण पड़ाव ?
चंद्रयान-3 पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा, इसरो के अनुमान के अनुसार चंद्रयान-3, 23 से 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर पहुंच सकता है, इसकी शुरुआती रफ्तार 1,627 किमी प्रति घंटा होगी और लॉन्चिंग के 108 सेकंड बाद 45 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा।
इसरो के सौजन्य से कुछ कुछ तस्वीरें और वीडियोस:-
LVM3 M4/Chandrayaan-3:
Lift-off, tracking and onboard views pic.twitter.com/eUAFShS1jA— ISRO (@isro) July 14, 2023
इस मिशन पर भारत ही नहीं पूरे विश्व की नजर है, इसकी सफलता भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी देशों में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
आशा है कि यह मिशन सफल होगा और भारतीयों को गौरवान्वित होने का एक और मौका देगा.