अकबर बीरबल की कहानी: कौवों की गिनती | Akbar Birbal Story in hindi

Akbar Birbal

Akbar Birbal-बीरबल की चतुराई से बादशाह अकबर और सभी दरबार परिचित थे। फिर भी अकबर, बीरबल की चतुराई का परीक्षा लेते रहते थे।

ऐसे ही एक सुबह बादशाह अकबर ने बीरबल को बुलाया और बगीचे में घूमने के लिए चले गए। वहां पर बहुत सारे पक्षी आवाज कर रहे थे। अचानक बादशाह अकबर की नजर एक कौवे पर पड़ी और उनके मन में शरारत सूझी। उन्होंने बीरबल से कहा, “मैं यह जानना चाहता हूं कि हमारे राज्य में कुल कितने कौवे हैं।” यह सवाल थोड़ा अटपटा जरूर था, लेकिन फिर भी बीरबल कहा, “महाराज मैं आपके इस प्रश्न का जवाब दे सकता हूं, लेकिन मुझे थोड़ा समय चाहिए।” अकबर ने मन ही मन मुस्कुराते हुए बीरबल को समय दे दिया।

Akbar Birbal
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कुछ दिनों के बाद बीरबल दरबार में आए, तो शहंशाह अकबर से पूछा, “बोलो बीरबल कितने कौवे हैं हमारे राज्य में।” बीरबल बोले, “महाराज हमारे राज्य में करीब 323 कौवे हैं।” यह सुनते ही सभी दरबारी बीरबल को देखने लगे।

फिर बादशाह अकबर बोले, “अगर हमारे राज्य में कौवों की संख्या इससे ज्यादा हुई तो?” बीरबल बोले, “हो सकता है कि महाराज कुछ कौवे हमारे राज्य में अपने रिश्तेदारों के यहां आए हों।”

इस पर बादशाह अकबर ने कहा, “अगर कम हुए तो?” तब बीरबल बाेले, “हो सकता है कि हमारे राज्य के कौवे दूसरे देश अपने रिश्तेदारों के यहां गए हों।”

जैसे ही बीरबल ने यह बात कही पूरा दरबार ठहाकों से गूंज उठा और एक बार फिर बीरबल अपनी बुद्धि के कारण प्रसंशा के पात्र बन गए।

कहानी से सीख | Akbar Birbal

बच्चों, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर दिमाग का इस्तेमाल किया जाए, तो हर समस्या का हल और सवाल का जवाब ढूंढा जा सकता है।

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