गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु श्लोक-Guru Brahma Guru Vishnu Shloka
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु श्लोक
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु:
गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म
तस्मै श्री गुरवे नमः॥
गुरु ब्रह्मा हैं ज्ञान देने वाले सृजनकर्ता, गुरु विष्णु हैं ज्ञान को स्थिर और सुरक्षित रखने वाले, गुरु देवों के देव महेश्वर (शिव) हैं अज्ञान का नाश करने वाले और गुरु साक्षात् परम ब्रह्म परमात्मा हैं।
ऐसे श्री गुरुदेव को मैं नमस्कार करता हूँ।

भावार्थ (आसान शब्दों में समझें)
यह श्लोक बताता है कि गुरु का स्थान किसी एक देवता से भी ऊँचा है, क्योंकि वे ही हमें भगवान तक पहुँचने की योग्य बना सकते हैं।
गुरु:-
हमारे मन में ज्ञान और संस्कार की रचना करते हैं (जैसे ब्रह्मा)
हमें जीवन में चलना सिखाते हैं और हमारी रक्षा करते हैं (जैसे विष्णु)
और हमारे अज्ञान और अहंकार को नष्ट कर देते हैं (जैसे शिव)
इसीलिए गुरु को ‘परब्रह्म’ कहा गया है — वो हमें ईश्वर से जोड़ते हैं।
इसका महत्व जीवन में
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ये श्लोक रोज सुबह बोलने से गुरु के प्रति आदर और विनम्रता बढ़ती है।
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इससे सीख मिलती है कि कोई भी व्यक्ति जो हमें सही ज्ञान दे — वह गुरु है।
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यह श्लोक स्कूलों, आश्रमों और गुरु पूर्णिमा पर बहुत पढ़ा जाता है।
राधे राधे!🙏🙏
आध्यात्मिक ज्ञानवर्धक कहानियां | Spiritual Knowledge in Hindi
राधे राधे एक सच्ची कहानी। एक बार अवश्य पढ़े
हमारे शरीर और मानसिक आरोग्य का आधार हमारी जीवन शक्ति है। वह प्राण शक्ति भी कहलाती है।