क्या सब कुछ भगवान के हाथ में होता है-Is everything in the hands of god
राधे राधे!🙏🙏
Is everything in the hands of God
अगर सब कुछ जन्म, मृत्यु, सुख-दुख आदि भगवान के हाथ में है, तो मनुष्य की स्वतंत्रता कहाँ है?
महाराज जी-कर्म! मनुष्य की स्वतंत्रता कर्म करने में है।
कुछ चीजें भगवान के अधीन हैं — जैसे समय, परिस्थिति, जन्म, मृत्यु, सुख, दुख — लेकिन मनुष्य कर्म करने के लिए स्वतंत्रता है। आप अच्छे कर्म करके दूसरों को सुख पहुँचा सकते हो, तपस्या और भजन करके भगवान को प्राप्त कर सकते हो। वहीं आप बुरे कर्म करके, गंदे कर्म करके जेल जा सकते हो, नर्क जा सकते हो, दुख और संकट में पड़ सकते हो।
दोनों रास्ते आपके लिए खुले हैं। आपको पूरी छूट है कि आप पाप कर्म करो या पुण्य कर्म करो या भजन करो। इसके लिए कोई जबरदस्ती नहीं है। ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। जैसे पिता ने बेटे को एक खेत दे दिया और उसमें बोने के लिए 10 प्रकार के बीज भी दे दिए। अब बेटे की मर्जी है कि वो कौन-सा बीज बोता है। अगर वो बबूल बोएगा तो आम नहीं खा पाएगा।
उसी प्रकार, यह जीवन एक कर्मभूमि है। भगवान ने आपको जन्म दिया, अब आप स्वतंत्र हो कि आप कौन-से कर्म करते हो। आप पाप करते हो या पुण्य, अच्छा करते हो या बुरा — परिणाम वैसा ही मिलेगा जैसा कर्म किया है। मनुष्य जन्म में आपको यही स्वतंत्रता मिली है — कि आप जो चाहो, वह कर सकते हो। लेकिन, परिणाम भुगतना ही पड़ेगा — और वह परिणाम पिछले कर्मों के अनुसार आएगा।

हमारा वर्तमान जीवन पिछले कर्मों के परिणाम से बना है। हो सकता है कि आज आप अच्छे कर्म कर रहे हो, फिर भी दुख भोग रहे हो — तो यह पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। इसी तरह, कोई बुरे कर्म कर रहा हो और मौज में हो, तो वो भी पिछले पुण्य कर्म का फल है।
आज के कर्मों का फल आज नहीं मिलेगा। उसका फल भविष्य में मिलेगा। जैसे किसान आज बीज बोता है, लेकिन फसल काटने में 5-6 महीने लगते हैं।
भगवान की यह बहुत बड़ी व्यवस्था है — अनंत ब्रह्मांडों का शासन चलता है। इसलिए आज जो कर्म कर रहे हैं, उसका लाभ आगे मिलेगा — परम सुख मिलेगा — इसमें कोई संदेह नहीं है।
पर हम लोग जब देखते हैं कि कोई धर्मात्मा दुख में है, और कोई पापी ऐश कर रहा है, तो हमें भ्रम हो जाता है। लेकिन यह भ्रम नहीं होना चाहिए। यह वर्तमान का नहीं, पूर्व जन्म का कर्म है। आज के समय में जो व्यक्ति ईमानदार है, वह साइकिल से चल रहा है, और जो बेईमान है, वह कार से घूम रहा है।
पर जब वर्तमान में अच्छे कर्म करने वाले का फल आएगा, तो वह हवाई जहाज़ में उड़ेगा। क्योंकि पाप कर्म का परिणाम विनाश है और पुण्य कर्म का परिणाम प्रकाश।

आज हम पुण्य करते हुए भी दुख भोग रहे हैं — यह हमारे पूर्व जन्म का पाप कर्म है। जैसे कोई व्यक्ति जन्म से ही बीमार है, उसकी किडनी फेल है, रोज डायलिसिस कराना पड़ता है — यह इस जन्म का फल नहीं, पिछले जन्म के पाप का परिणाम है।
लोग कहते हैं कि देखो, वह तो रोज पूजा-पाठ करता है फिर भी सड़ रहा है। लेकिन वे नहीं जानते कि यह उसके पिछले पापों का फल है। जैसे भीष्म पितामह — बाल ब्रह्मचारी, सत्यवादी, प्रतिज्ञावान, भजनानंदी — फिर भी उन्हें छह महीने बाणों की शय्या पर रहना पड़ा।
यह उनके भी किसी पूर्व जन्म के कर्मों का परिणाम था। इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि आज जो कुछ हम भोग रहे हैं, वह पूर्व कर्मों का फल है। और आज जो कुछ हम कर रहे हैं, उसका फल आगे मिलेगा।
राधे राधे!🙏🙏
आध्यात्मिक ज्ञानवर्धक कहानियां | Spiritual Knowledge in Hindi
राधे राधे एक सच्ची कहानी। एक बार अवश्य पढ़े
हमारे शरीर और मानसिक आरोग्य का आधार हमारी जीवन शक्ति है। वह प्राण शक्ति भी कहलाती है।