स्वास्थ्य क्या है | स्वास्थ्य का महत्व
स्वास्थ्य क्या है-हमारा शरीर हमारे स्वास्थ्य का दर्पण होता है। दमकता चेहरा चमकती आंखें बहुत कुछ बयां करती है। स्वस्थ रहना सबसे बड़ा सुख है। जब हम मानसिक और शारीरिक रूप दोनों से ही स्वस्थ होते हैं तो भी हमें पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जाता है। खुलकर हंसना,अच्छी भूख,समय पर नींद ले लो और आसानी से होने वाला शोच स्वस्थ शरीर को परिभाषित करते हैं।
क्या बाहरीसुंदरता ही हमारे लिए सब कुछ है अंतर्मन का सुंदर होना जरूरी नहीं “पहला सुख निरोगी काया” यह कहावत भले ही पुरानी हो गई हो। लेकिन शत प्रतिशत सत्य है।
स्वास्थ्य सभी के लिए अनिवार्य है। एक स्वस्थ व्यक्ति ही सभी कार्यों को सुचारु रुप से कुशलता पूर्वक कर सकता है।
हमारे जीवन की दो महत्वपूर्ण चीजें हैं, जो जीवन को समृद्धि बनाती हैं। एक है – जीवन के लिए व्यायाम और दूसरी है – मन के लिए अध्यात्म! व्यायाम न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ और फिट रखता है, बल्कि यह हमारे मानसिक संतुलन को भी बनाए रखता है। दूसरी ओर, अध्यात्म हमें आंतरिक शांति और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। यह हमें जीवन की गहराईयों को समझने और अपने अस्तित्व के मूल को जानने में मदद करता है। इसलिए, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम और अध्यात्म दोनों ही अनिवार्य हैं। इन दोनों का संतुलन ही हमें पूर्णता और समृद्धि की ओर ले जाता है।
व्यायाम से हमारा शरीर सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर रहता है। यह हमारी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। नियमित व्यायाम से तनाव कम होता है और नींद भी बेहतर आती है। इसके साथ ही, यह हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है और हमें जीवन के हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करता है।
वहीं, अध्यात्म हमारे मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। यह हमें आत्मनिरीक्षण करने और हमारे अंदर छिपी संभावनाओं को पहचानने का अवसर देता है। ध्यान, प्रार्थना और योग जैसे आध्यात्मिक अभ्यास हमें जीवन की व्यस्तताओं और चिंताओं से दूर ले जाकर एक गहरे, शांतिपूर्ण स्थान पर पहुंचाते हैं। अध्यात्म से हम अपने अंदर की शक्ति को पहचानते हैं और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित होते हैं।
इसलिए, जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए हमें व्यायाम और अध्यात्म दोनों को अपनाना चाहिए। जब हमारा शरीर स्वस्थ होता है और हमारा मन शांत होता है, तब हम अपने जीवन के हर पहलू में पूर्णता और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। यही दो चीजें – व्यायाम और अध्यात्म – हमारे जीवन को वास्तविक अर्थ और उद्देश्य देती हैं। इन्हें अपनाकर हम एक स्वस्थ, सुखी और संतुलित जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।