सनातन धर्म के रक्षक: महाराज विक्रमादित्य | Protector of Sanatan Dharma: Maharaj Vikramaditya in hindi

सनातन धर्म के रक्षक

सनातन धर्म के रक्षक-भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाला “असली राजा” कौन था?

कौन था वह राजा?

जिसके राजगद्दी पर बैठने के बाद, उनके श्रीमुख से देववाणी ही निकलती थी और देववाणी से ही न्याय होता था?

कौन था वह राजा?

जिसके राज्य में अधर्म का संपूर्ण नाश हो गया था।

“महाराज विक्रमादित्य”

बड़े ही दुख की बात है, कि महाराज विक्रमादित्य के बारे में, देश को लगभग शून्य बराबर ज्ञान है। जिन्होंने भारत को सोने की चिड़िया बनाया था और स्वर्णिम काल लाया था।

महाराज विक्रमादित्य: भारत को ‘सोने की चिड़िया‘ बनाने वाले असली राजा महाराज विक्रमादित्य का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही भारत को ‘सोने की चिड़िया’ बनाया था और देश को एक स्वर्णिम युग में प्रवेश कराया था। बड़े ही दुःख की बात है कि हमारे देश में महाराज विक्रमादित्य के बारे में जानकारी लगभग शून्य के बराबर है

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विक्रमादित्य उज्जैन के महान राजा थे, जिनके राज्य में न्याय, धर्म और संस्कृति का वास था। उनके श्रीमुख से देववाणी ही निकलती थी और उसी से न्याय होता था। उनके शासनकाल में अधर्म का संपूर्ण नाश हो गया था।

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महाराज विक्रमादित्य के पिता गंधर्वसेन उज्जैन के राजा थे। उनकी तीन संतानें थीं: मैनावती, भृतहरि, और सबसे छोटे वीर विक्रमादित्य। मैनावती की शादी धारानगरी के राजा पद्मसैन के साथ हुई, जिनके पुत्र गोपीचंद ने श्री ज्वालेंद्रनाथ जी से योग दीक्षा ली और तपस्या के लिए जंगलों में चले गए। मैनावती ने भी श्री गुरु गोरक्षनाथ जी से योग दीक्षा ली।

महाराज विक्रमादित्य के कारण ही आज देश और इसकी संस्कृति अस्तित्व में हैं। अशोक मौर्य के बौद्ध धर्म अपनाने के बाद सनातन धर्म लगभग समाप्ति की ओर था। रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ खो गए थे। महाराज विक्रमादित्य ने इन्हें पुनः खोज कर स्थापित किया और विष्णु और शिव जी के मंदिर बनवाकर सनातन धर्म को बचाया।

सनातन धर्म के रक्षक

 

विक्रमादित्य के शासनकाल में भारत का कपड़ा सोने के वजन से बेचा जाता था। उनके काल में सोने के सिक्के चलते थे और विक्रम संवत की स्थापना की गई थी। ज्योतिष गणना जैसे हिन्दी संवत, वार, तिथियाँ, राशि, नक्षत्र, गोचर आदि उन्हीं की रचनाएँ हैं। वे बहुत पराक्रमी, बलशाली और बुद्धिमान राजा थे। देवता भी उनसे न्याय करवाने आते थे। उनके काल में हर नियम धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे।

विक्रमादित्य का काल प्रभु श्रीराम के राज के बाद सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उनकी प्रजा धनी और धर्मपरायण थी।

बड़े दुःख की बात है कि भारत के सबसे महानतम राजा विक्रमादित्य के बारे में हमारे स्कूलों और कॉलेजों में कोई स्थान नहीं है। हमें अकबर, बाबर और औरंगजेब जैसे आक्रांताओं का इतिहास पढ़ाया जाता है।

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इस कहानी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना चाहिए, ताकि हमारी पीढ़ी हमारी संस्कृति और इतिहास के असली नायकों को जान सके।

हिन्दुओं को सनातन धर्म की रक्षा ( सनातन धर्म के रक्षक) करने के लिए क्या करना चाहिए?

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