वर्तमान में जीने का तरीका-पॉजिटिव सोच कैसे लाएं
वर्तमान में जीने का तरीका | पॉजिटिव सोच कैसे लाएं
राधे राधे!🙏🙏
महाराज जी! मैं आने वाले या बीते हुए समय की ही चिंता करती रहती हूँ।
आज हर किसी का मन या तो बीते हुए कल में उलझा रहता है या आने वाले कल की चिंता में डूबा रहता है। इसी भूत और भविष्य के विचारों में हमारा कीमती वर्तमान धीरे-धीरे नष्ट होता जा रहा है। लेकिन एक सरल-सा उपाय है वर्तमान का सुधार। और वर्तमान का असली सुधार है “राधा राधा राधा…” का निरंतर जाप।
जब हम हर पल, हर सांस में ईश्वर का नाम जपते हैं, तो हमारी दसों दिशाएं शुभ और पवित्र हो जाती हैं। भूत के दोष मिटते हैं, भविष्य की चिंता समाप्त होती है। नाम जाप इतना शक्तिशाली है कि वह हमारे विचारों को, भावनाओं को, और जीवन की दिशा को भी बदल सकता है। शास्त्रों में कहा भी गया है :-
“भाव कुभाव अनख आलसहु, नाम जपत मंगल दशहु”
यानी जो भी भाव हों, जब नाम जपते हैं, तो दसों दिशाओं में मंगल होता है।

जब दिन-रात “नाम” का पहरा हमारे जीवन पर होता है, तब कोई पापाचरण हमारे पास फटक नहीं सकता। हृदय आनंद से भर उठता है और भगवान की कृपा स्वतः बरसने लगती है। इसलिए बार-बार यही कहा जाता है:-
नाम जपो, नाम जपो, नाम जपो।
भूत की सोच हमें पछतावे में डालती है, भविष्य की चिंता हमें डराती है और दोनों मिलकर हमें वर्तमान से काट देते हैं। पर हम भूल जाते हैं कि मूल्यवान तो केवल यही क्षण है यह वर्तमान। क्या होगा कल? कोई नहीं जानता। एक क्षण में जीवन बदल सकता है। तो क्यों न आज, अभी, इसी पल में “राम-राम”, “कृष्ण-कृष्ण”, “राधा-राधा” का नाम लेकर अपने समय को पवित्र किया जाए?

अगर हमारा मन बार-बार भूत और भविष्य में भटकता रहेगा, तो यही चिंता धीरे-धीरे नकारात्मकता और डिप्रेशन का कारण बनती है। लेकिन जब हम नाम जपते हैं, तो हमारी बुद्धि पवित्र होती है, सोच सकारात्मक होती है। और यही सकारात्मक सोच हमें हर स्थिति में आनंदित रखती है चाहे जीवन में सुख हो या दुख।
भगवान की कृपा यह है कि वे हमें नाम जप के माध्यम से हमारे अनगिनत जन्मों के पापों से मुक्त कर रहे हैं। हर माला, हर जाप, एक-एक बूँद की तरह हमारे हृदय को धोता है। और जब हृदय पवित्र होता है, तो वहां पॉजिटिव सोच का जन्म होता है। इसके विपरीत, पापी हृदय में केवल नेगेटिव विचार ही उपजते हैं।
यदि हमने अपने पापों को नाम जप से नष्ट कर लिया, तो दुख में भी सुख मिलेगा। और यदि हमारी सोच गिरी हुई हो, तो भले ही सुख की सारी सुविधाएं हमारे पास हों, हम फिर भी अंदर से टूटे हुए होंगे।
इसलिए, नाम जप करना केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि यह एक मानसिक औषधि है, आत्मिक साधना है, और जीवन को दिशा देने वाला मंत्र है। आजकल बहुत लोग माला या डिजिटल काउंटर से नाम गिनते हैं — 5,000 नाम, 60,000 नाम — और इससे मन का लगाव भी बढ़ता है, और परम मंगल भी प्राप्त होता है।
तो, अब और देर न करें। भूत और भविष्य को छोड़कर, इस अनमोल वर्तमान में जीना शुरू करें — नाम जप के साथ, भक्ति के साथ, आनंद के साथ।
राधे राधे!🙏🙏
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हमारे शरीर और मानसिक आरोग्य का आधार हमारी जीवन शक्ति है। वह प्राण शक्ति भी कहलाती है।