भगवान सबके मन की बात कैसे जानते हैं-divine power of God
राधे राधे!🙏🙏
भगवान सबके मन की बात कैसे जानते हैं-Divine power of god
महाराज जी! भगवान एक ही बार में करोड़ों लोगों के मन की कैसे सुन लेते हैं?
भगवान अपनी लीलाएं उसी समय करते हैं, जब वे समस्त इंद्रियों में स्वयं विराजमान होते हैं। भगवान स्वयं कहते हैं कि “मैं ही मन हूं” — यानी हमारे मन में जो कुछ भी चलता है, वह भी वही हैं। जब हम सोचते हैं कि भगवान हमारी मन की बात कैसे जान लेते हैं, तो इसका उत्तर यही है कि वह स्वयं मन के रूप में हम सबमें उपस्थित हैं। जैसे एक शीशे में एक चेहरा दिखाई देता है, लेकिन अगर करोड़ों शीशे तोड़कर एक मकान बना दो, तो उसमें हर जगह एक ही चेहरा दिखाई देगा — वैसे ही, एक ही भगवान करोड़ों शरीरों में विद्यमान हैं और हर एक में वही दिखाई देते हैं।

हमारी इंद्रियां सीमित हैं। जैसे हम एक समय में सौ आवाजें नहीं सुन सकते, लेकिन भगवान ऐसे हैं जो एक ही समय में एक अरब आवाजें सुन सकते हैं और सबको उत्तर भी दे सकते हैं। यही उनकी दिव्यता है, यही उनका परमतत्त्व है। उनकी सामर्थ्य अनंत है। वे अंगुली से भी सुन सकते हैं, जबकि अंगुली में श्रवणेंद्रिय नहीं होती। वे कान से भी भोजन कर सकते हैं, पैरों से भी सूंघ सकते हैं। क्योंकि वे सच्चिदानंद हैं — एक ऐसी शक्ति जिसमें हर कार्य की पूर्ण क्षमता होती है।

हम लोग केवल कान से सुनते हैं, लेकिन भगवान की शक्ति ऐसी है कि असंख्य लोग एक साथ बोलें, तो भी वे सबकी बातें सुन सकते हैं और जवाब भी दे सकते हैं। यही कारण है कि वे परमात्मा हैं। वही सबके मन में, आत्मा में और बुद्धि में बसे हुए हैं। असल में देखा जाए तो वही सब कुछ हैं — उनके सिवा कुछ भी नहीं है। जैसे हम अपनी ही बात अपने मन में सुन लेते हैं, वैसे ही भगवान सबकी बातें सुन लेते हैं। यही भगवान की महिमा है — सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ।
राधे राधे!🙏🙏
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हमारे शरीर और मानसिक आरोग्य का आधार हमारी जीवन शक्ति है। वह प्राण शक्ति भी कहलाती है।