गृहस्थ जीवन में भगवतप्राप्ति-भगवत प्राप्ति कैसे करें
राधे राधे 🙏🙏
गृहस्थ जीवन में भगवतप्राप्ति | भगवत प्राप्ति कैसे करें
जिम्मेदारियों के कारण जब व्यक्ति धन कमाने में लग जाता है, तो ऐसी स्थिति में वह भगवतप्राप्ति कैसे करेगा?
हमें अपने परिवार के सदस्यों को भगवान स्वरूप ही समझना चाहिए। क्योंकि उनमें भगवान ही विराजमान है बिना ईश्वर की कृपा से कोई भी एक कदम नहीं चल सकता। वही हमें जीवन शक्ति प्रदान करते हैं। यह जो शरीर है उसे हम नहीं चलाते हैं बल्कि उसमें जो परमात्मा का पावर है वही उसे चलता है। वही हमारे शरीर को शक्ति देता है। क्रियाशील बनता है और जब वह पावर नहीं रहता है तो यही शरीर जिसे हम इतना अभिमान करते हैं, उसी को गढ़ दिया जाता है ,जला दिया जाता है, और त्याग दिया जाता है।
हमारी माता-पिता पत्नी पुत्र यह सब हमारे नहीं है बल्कि या भगवान के ही स्वरुप है जो ईश्वर ने हमें परिवार के रूप में सेवा करने के लिए दिए हैं। तुलसीदास जी कहते हैं-
नाथ सकल संपदा तुम्हारी,मैं सेवक समेत सुत नारी।
जिस प्रकार हमें मंदिर में भगवान की सेवा करने में बड़ा ही आनंद प्राप्त होता है वैसे ही हमें अपने परिवार में भगवान की भावना करके उनकी सेवा करनी चाहिए।
धन कमाने के लिए भरपूर परिश्रम करो,खूब मेहनत, करो पर यह जान लो कि धन प्रारब्ध के अनुसार ही मिलता है। हमारी कोशिशें के अनुसार नहीं। कोई बहुत अत्यधिक मेहनत करता है पर ईश्वर उसे बहुत कम देते हैं, और कुछ लोग बहुत कम मेहनत करते हैं ,लेकिन ईश्वर उन्हें बहुत कुछ देते हैं। कोई कम बुद्धि वाला करोड़ों में खेलता है, और कोई बहुत बुद्धिमान होकर भी ,उसे दो रोटी नहीं नसीब होती। यह सब हमारे पूर्व जन्म के कर्म है। हमें बस इतना करना है, राधा राधा जपते हुए कोई भी कर्म करें हर काम भगवान के चरणों में समर्पित करें।
हमें हमेशा यह भावना रखनी है कि जिनके लिए हम काम कर रहे हैं। वह सभी भगवान के ही रूप है। अगर ऐसा किया जाए तो गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी, भगवत प्राप्ति निश्चित है। हम मनुष्य यह बात मानते ही नहीं, लेकिन हमें यह बात समझनी चाहिए कि भगवान हर जगह है, हर जीव में है, हर जीव को वह शक्ति प्रदान कर रहा है, उसके बिना एक पलक भी नहीं झपक सकती। जो नाच रहा है, वही अचानक मर जाता है। क्योंकि भगवान का वहां पावर अंतर ध्यान हो जाता है।
इसलिए विचार करो कि हमारे परिवार में ही भगवान बसते हैं। मैं उनके लिए ही धन कमा रहा हूं। संपूर्ण मन से और तन से उनकी सेवा कर रहा हूं। काम करते समय भगवान का नाम स्मरण करते चलो, और जो कर्म करते हुए नाम जपता है ,और कर्म को भगवान को समर्पित करता है ,उसे ही भगवान की प्राप्ति होती है। इसके लिए बुराइयां छोड़ने होगी । प्राय महिलाओं पर गंदी दृष्टि डालना, शराब पीना, मांस खाना, जुआ खेलना, हिंसा करना यह सब छोड़ना होगा ।तभी हम भगवत प्राप्ति कर सकते हैं। भगवान का नाम जपते हुए कर्म करो और अपने परिवार में ही भगवान को देखो तो मुक्त हो जाओगे।
राधे राधे 🙏🙏
