धन की लालसा कैसे छोड़ें-How to stop craving for money in hindi
धन की लालसा कैसे छोड़ें | संतोष ही सबसे बड़ा धन क्यों कहा गया है
मैं बहुत पैसा कमाना चाहता हूँ और बहुत बड़ा आदमी बनना चाहता हूँ क्या करूँ?
महाराज जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम! महाराज जी मैं आपसे जुड़ने से पहले बिल्कुल नास्तिक था। फिर जब मैं नाम जप करना शुरू किया तो, मैं बहुत खुश रहने लगा हूं। पर मुझे धन कमाने की बहुत लालसा है और मैं एक बड़ा सफल और धनी आदमी बनना चाहता हूं क्योंकि इस संसार में पैसे के बिना कुछ भी नहीं है।
बच्चा! तुम कितना बड़ा आदमी बनना चाहते हो।
भक्त– इसका तो कोई अंत ही नहीं है।
महाराज जी- बहुत ही सुंदर जवाब दिया तुमने। बहुत विवेकवान लगते हो। जब जिस चीज का अंत ही नहीं है, तो हम चाहे कितने भी बड़े क्यों न बन जाए, कितने ही धनवान क्यों न बन जाए, हम कभी भी संतुष्ट नहीं रह पाएंगे।

हमारी धन कमाने की लालसा कभी मिटेगी ही नहीं, और हम कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाएंगे। बच्चा अगर तुमने इस लालसा को मिटा दिया, तो तुम जितने में हो उतने में ही बहुत सुखी हो जाओगे। तुम्हें संतोष प्राप्त हो जाएगा। संतोष से बड़ा कोई धन नहीं है और जब तुम्हें संतोष मिल जाएगा। तुम्हें धन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
।। यथा लाभ संतोष सदा काहू सो कछु न चाहूं।।
ईश्वर मुझे जैसे रख रहे हैं, जैसी परिस्थितियों दी है, मैं उनमें राजी हूं। मैं उन में खुश हूं। यही सबसे बड़े धनवान की पहचान है।
अगर मुझे नमक रोटी मिलती है, तो भी मैं संतुष्ट हूं। क्योंकि इसका कोई अंत नहीं है। भारत के सबसे बड़े धनी बन जाओगे तो, तुम्हें विश्व के धनी बनने की चाह होगी और जब तुम विश्व के सबसे बड़े धनवान बन जाओगे, तो फिर तुम्हे उससे बड़ा कुछ करने की चाह हो जायेगी, और जब तुम उसे भी प्राप्त कर लोगे तो फिर कुछ और चाह आ जाएगी। इसका तो कोई अंत ही नहीं।
तुम्हारी बुद्धि बहुत सुंदर है और तुम विवेक वान भी हो। नाम जप करो, बहुत अच्छे व्यक्तित्व वाले बनो।
खूब नाम जप करो। हमारी बात मान लो हर संकट की निवृत्ति और हर लाभ आपको प्राप्त होगा। यदि नाम जप करते रहोगे। खूब नाम जब करो ताकि तुम्हारे सारे पाप नष्ट हो जायेगे।

मैने बहुत बार बताया है, जैसे हमारे पाप 500 ग्राम है और हमने अभी भजन केवल 25 ग्राम किया है तो क्या फर्क पड़ेगा। जब हमारा भजन 550 ग्राम हो, और पाप 500 ग्राम रह जाए तब उसका प्रभाव दिखाई पड़ेगा।
बस दो-चार माला जप ली, और बोले देखें चेक आई कि नहीं, तो ऐसे नहीं काम बनेगा। हम सभी को यही बात सीखा रहे हैं। नाम जप करो। पराई माता बहनों की तरफ गांधी दृष्टि मत डालो। शराब मत पियो। मांस मत खाओ और फिर देखो आनंद आने लगेगा।
करते हो पाप और चाहोगे की आनंद मिल जाए तो कैसे प्राप्त होगा। ठीक हैं बच्चा ! खूब नाप जप करो। खूब मेहनत करो।
राधे राधे!🙏🙏
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हमारे शरीर और मानसिक आरोग्य का आधार हमारी जीवन शक्ति है। वह प्राण शक्ति भी कहलाती है।