एक बिल्ली थी वह बहुत ही चालक थी सभी चूहे उससे डरते थे और हमेशा उससे बचकर रहते थे बिल्ली हमेशा चूहों की तलाश में रहती थी चूहे हमेशा बिल्ली को देखकर बिल में छुप जाते थे एक बार की बात है जब बिल्ली को कोई भी चूहा हाथ नहीं लगा तो उसने एक योजना बनाई वह जमीन पर उल्टा होकर लेट गई और उसने मरने का नाटक किया
सभी चूहे सोचने पर मजबूर हो गए कि लगता है बिल्ली मर गई और खुश होकर जश्न मनाने लगे बिल्ली कहां हार मानने वाली थी वह बिना हिले बहुत देर तक जमीन में यूं ही पड़ी रही जब चूहों को लगा सच में बिल्ली मर चुकी है तो वहां जश्न मनाते मनाते अपने बिलों से बाहर निकलने लगे
चूहे जैसे ही बिल्ली के पास पहुंचे उस ने झपट कर दो चूहों को पकड़ लिया और इस तरह उसने अपनी भूख मिटाई लेकिन अब चूहे और भी ज्यादा सतर्क रहने लगे 2 चूहे खा कर बिल्ली अब दोबारा भूख से तड़पने लगी लेकिन चूहे इस बार कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहते थे इस बार बिल्ली ने दूसरी योजना बनाए उसने अपने आपको आटे से ढक लिया चूहों को लगाया आटा है
वह अपने बिलों से बाहर आटा खाने के लिए आने लगे तभी उनमें से एक बूढ़े चूहे ने बहुत ध्यान से देखा तो उसे आटे में बिल्ली का
आकार दिखा उसने तुरंत शोर मचाना शुरू कर दिया “कोई बाहर मत आना कोई बाहर मत आना” यह बिल्ली है आटे में बिल्ली छुपी है चूहे की बात सुनकर सभी चूहे अपने बिल में चले गए चूहे और इस प्रकार बूढ़े चूहे ने अपने अनुभव से दूसरे चूहों की जान बचाई जब बहुत देर हो गई कोई भी चूहा बिल्ली के पास नहीं पहुंचा तो वह थक कर चली गई
कहानी से शिक्षा- इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों ना हो हम अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके बच सकते हैं