Adhyatma Kya hai-अध्यात्म क्या है कि यह प्रक्रिया जन्म और मृत्यु के बारे में नहीं है यह कुछ ऐसा तैयार करने के बारे में है जिसे मृत्यु ना मार सके
अध्यात्म दर्शन है अध्यात्म चिंतन धारा है विद्या है हमारी संस्कृति की परंपरागत विरासत है विष्णु मनीषियों के चिंतन का निचोड़ है
उपनिषदों का दिव्य प्रसाद है आत्मा, परमात्मा, जीव, माया, जन्म, मृत्यु ,पुनर्जन्म ,श्रजन को समझाने का प्रयत्न है अध्यात्म अध्यात्म क्या है इस विषय पर चर्चा करने से पहले मैं आपको यह बताना जरूरी समझता हूं कि अध्यात्म की जीवन में क्या आवश्यकता है
आजकल समाचार पत्रों के अधिकांश पृष्ठ धोखा अत्याचार बलात्कार और भ्रष्टाचार जैसे जघन्य अपराधों से भरे हुए होते हैं टेलीविजन पर दिन-रात दिल दहला देने वाली खबरें आती रहती है
नादान लोग देश के धर्म संस्कृति और सभ्यता का सत्यानाश कर रहे हैं आज कोई गरीबी से पीड़ित है तो कोई बीमारी का शिकार है कोई चिंता के सागर में गोते लगा रहा है
भारतीय धर्म और संस्कृति के अनुसार भारतवर्ष में पुरातन काल से ही गुरुकुल में अध्यात्म और विज्ञान दोनों की शिक्षाओं को साथ-साथ दिया जाता था
मैं कौन हूं जब मनुष्य यह जानने की कोशिश करता है कि आखिर में वह कौन है वहीं से अध्यात्म की शुरुआत होती है निश्चित मानिए आप बहुत महान है क्योंकि आप महान परमपिता परमात्मा की संतान आत्मा है
खुद को जानना और ईश्वर को पहचानना ही अध्यात्म का परम लक्ष्य है आत्मा के अनुसंधान के विज्ञान को ही अध्यात्म कहते हैं इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है केवल और केवल आत्मनिरीक्षण यानी खुद को पहचानने की जरूरत है अपनी भूमि में छुपे बैठे जन्म जन्मांतर के संस्कारों को जड़ से उखाड़ने की जरूरत मात्र है
अपने मन में ईश्वर यह सतगुरु के बीज बोने तथा उन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ तत्परता एकाग्रता इमानदारी से और बहादुरी
से सीखने की जरूरत है याद रखिए आत्मा ही अपने परिष्कृत रूप से परमात्मा है इस बात को हम जितनी गहराई से समझ कर अमल में ला सके उतनी ही हमारी आध्यात्मिक उन्नति आसान हो जाएगी
ॐ सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया