प्रेरणादायक कहानी छोटी सी-
एक फकीर मरने को था। किसी ने उससे पूछा मरते वक्त कि तुमने किससे सीखा ज्ञान?
उसने कहा, बड़ा कठिन है। किस-किस के नाम लूं? जीवन में एक भी क्षण ऐसा नहीं बीता जब मैंने किसी से कुछ न सीखा हो।
एक बार रास्ते से निकलता था, एक छोटा सा बच्चा हाथ में दीया जलाए हुए कहीं जा रहा था। मैंने उस बच्चे से पूछा कि क्या बेटे तुम बता सकते हो कि दीये में जो ज्योति है यह कहां से आई है?
मैंने सोचा था कि छोटा बच्चा है, चकित होकर रह जाएगा, उत्तर न दे पाएगा। लेकिन उस बच्चे ने क्या किया? उसने फूंक मार दी और दीये को बुझा दिया और मुझसे कहा कि अब तुम ही बताओ कि ज्योति कहां चली गई है?
मैंने उस बच्चे के पैर पड़ लिए, मुझे एक गुरु मिल गया था। और मैंने जाना कि छोटे से बच्चे के प्रति भी यह भाव लेना कि वह छोटा है, गलत है। वहां भी कुछ रहस्यपूर्ण मौजूद हुआ है, वहां भी कुछ जन्मा है। केवल उम्र में पीछे होने से उसे छोटा मान लेना भूल है। मेरे पास कोई उत्तर न था।
तब मैंने जाना कि जो मैंने पूछा था वह बड़ा अज्ञानपूर्ण था। और तब मैंने जाना कि जहां तक उस प्रश्न के उत्तर का संबंध है, मैं भी उतना ही बच्चा हूं जितना वह बच्चा है। मेरे बुजुर्ग होने का भ्रम टूट गया। और यह भ्रम टूट जाना एक अदभुत शिक्षा थी जो एक छोटे से बच्चे ने मुझे दी थी, वह मेरा गुरु हो गया था।
और एक बार, उस फकीर ने कहा कि मैं एक गांव में ठहरा हुआ था। और एक औरत भागी हुई आई, उसके कपड़े अस्तव्यस्त थे, उसने न कुछ ओढ़ रखा था। उसने आकर मुझसे पूछा कि क्या आपने किसी आदमी को यहां से निकलते देखा है?
तो मैंने उससे कहा कि बदतमीज औरत, पहले अपने कपड़े ठीक कर और फिर मुझसे कुछ पूछ।
उस स्त्री ने कहा, माफ करें, मैं तो समझी कि आप परमात्मा के दीवाने और प्यारे हैं। मेरा प्रेमी इस रास्ते से निकलने वाला है, मैं उसे खोजने निकली हूं, वर्षों के बाद इधर से वह आने को है। तो मैं तो उसके प्रेम में इतनी दीवानी हो गई कि वस्त्रों की कौन कहे, मुझे अपनी देह की भी कोई सुध नहीं! लेकिन तुम परमात्मा के प्रेम में इतने भी दीवाने न हो सके कि दूसरे के वस्त्र तुम्हें दिखाई न पड़ें!
उस फकीर ने कहा, मैंने उसके पैर पड़ लिए और मैंने कहा, तेरा प्रेम मुझसे ज्यादा गहरा है। और मैं सोचता था कि मैं परमात्मा का प्रेमी हूं, तूने बता दिया कि नहीं हूं। जिसे अभी दूसरों के वस्त्र भी दिखाई पड़ते हैं, वह क्या परमात्मा का प्रेमी होगा? जो प्रेम में इतना भी नहीं, इतना भी नहीं डूब पाया जितना कि एक सामान्य स्त्री अपने प्रेमी के खयाल में डूब जाती है! तो वह स्त्री मेरी गुरु हो गई।
उस फकीर ने कहा, एक बार एक गांव में मैं आधी रात भटका हुआ पहुंचा। गांव के सारे लोग सो गए थे, सिर्फ एक आदमी एक मकान के पास, दीवाल के पास बैठा हुआ मुझे मिला। मेरे मन में खयाल हुआ कि हो न हो यह कोई चोर होना चाहिए। इतनी रात किसी दूसरे के मकान की दीवाल से यह कौन टिका है? मेरे मन में यही खयाल उठा कि कोई चोर होना चाहिए।
लेकिन उस आदमी ने मुझसे पूछा, राहगीर, भटक गए हो? चलो, कृपा करो, मेरे घर में ठहर जाओ, अब तो रात बहुत गहरी हो गई और सरायों के दरवाजे भी बंद हो चुके हैं।
वह मुझे अपने घर ले गया और मुझे सुला कर उसने कहा कि मैं जाऊं, रात्रि में ही मेरा व्यवसाय चलता है। तो मैंने पूछा, क्या है तुम्हारा व्यवसाय? उसने कहा कि परमात्मा के एक फकीर से झूठ न बोल सकूंगा, मैं एक गरीब चोर हूं।
वह चोर चला गया। और उस फकीर ने कहा कि मैं बहुत हैरान रह गया, इतनी सचाई तो मैं भी नहीं बोल सकता था। मेरे मन में भी कितनी बार चोरी के खयाल नहीं उठे! और मेरे मन में भी कौन-कौन सी बुराइयां नहीं पाली हैं! लेकिन मैंने कभी किसी को नहीं कहीं। इतना सरल तो मैं भी न था जितना वह चोर था। और रात जब पूरी बीत गई तो वह चोर वापस लौटा, धीरे-धीरे कदमों से घर के भीतर प्रवेश किया ताकि मेरी नींद न खुल जाए।
मैंने उससे पूछा, कुछ मिला? कुछ लाए? उस चोर ने कहा, नहीं, आज तो नहीं, लेकिन कल फिर कोशिश करेंगे। वह खुश था, निराश नहीं था।
फिर तीस दिन मैं उसके घर में मेहमान रहा और वह तीस दिन ही घर के बाहर रोज रात को गया और हर रोज खाली हाथ लौटा और सुबह जब मैंने उससे पूछा कि कुछ मिला? तो उसने कहा, नहीं, आज तो नहीं, लेकिन कल जरूर मिलेगा, कल फिर कोशिश करेंगे।
फिर महीने भर के बाद मैं चला आया। और जब मैं परमात्मा की खोज में गहरा डूबने लगा और परमात्मा का मुझे कोई कोर-किनारा न मिलता था और मैं थक जाता था और हताश हो जाता था और सोचने लगता था कि छोड़ दूं इस दौड़ को, खोज को, तब मुझे उस चोर का खयाल आता था जो रोज खाली हाथ लौटा,
लेकिन कभी निराश न हुआ और उसने कहा कि कल फिर कोशिश करेंगे। और उसी चोर के बार-बार खयाल ने मुझे निराश होने से बचाया। जिस दिन, जिस दिन मुझे परमात्मा की ज्योति मिली, उस दिन मैंने अपने हाथ जोड़े और उस चोर के लिए प्रणाम किया, अगर वह उस रात मुझे न मिला होता तो शायद मैं कभी का निराश हो गया था।
ऐसे उस फकीर ने बहुत सी बातें कहीं जिनसे उसने सीखा। जिंदगी चारों तरफ बहुत बड़ी शिक्षा है। जिंदगी चारों तरफ बहुत बड़ा सत्य है। जिंदगी चारों तरफ रोज-रोज खड़ी है द्वार पर। हमारी आंखें बंद हैं और हम पूछते हैं: सत्संग करने कहां जाएं? और हम पूछते हैं: किसके चरण पकड़ें, किसको गुरु बनाएं? और जिंदगी चारों तरफ खड़ी है सब कुछ लुटा देने को, सब कुछ खोल देने को और उसके प्रति हमारी आंखें एवं हृदय बंद है।
तो मैं नहीं कहता कि सत्संग करने कहीं जाएं।
वैसा हृदय बनाएं अपना कि चौबीस घंटे सत्संग हो जाए।
जिंदगी में सब कुछ ऐसा है कि जिससे सीखा जा सके, पाया जा सके, जाना जा सके। कोई दृष्टि खुल जाए, कोई अंतर्दृष्टि खुल जाए।
You may like also | इसे भी जरूर पढ़े-
प्रेरणादायक कहानी छोटी सी | Inspired Stories
प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करें यूरिक एसिड | Control Uric Acid Naturally With These 6 Fruits
यूरिक एसिड का घरेलू इलाज | यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
डायबिटीज के लक्षण और उपाय | 8 Diabetes symptoms and remedies
शुगर तुरंत कम करने के उपाय? | डायबिटीज रोगियों के लिए 1 खुशखबरी | डायबिटीज
5 ज़हरीले खाद्य पदार्थ | 5 poisonous foods | Healthy Tips
बुद्धि की विजय: बीरबल की अनोखी सीख:Victory of Wisdom: Birbal’s unique lesson
डायबिटीज में क्या खाना चाहिए | 3 Super Healthy options | डायबिटीज रोगियों के लिए खुशखबरी
अध्यात्म क्या है | What is Spirituality
जीवन से जुड़ी कुछ अच्छी बातें | Some Good Things Related to Life | मन की बात | My Experience
God’s glory and man’s pride in hindi | भगवान की महिमा और मानव का अहंकार | प्रेरणादायक कहानी
कृष्ण ज्ञान की बातें | Krishna’s Words of Wisdom | कृष्ण वाणी | Krishna Vaani
Spiritual transformation story in Hindi | भक्ति की शक्ति कहानी
Nari Shakti | नारी शक्ति | पत्नी का समर्पण | आध्यात्मिक कहानी
ओम जय शिव ओंकारा की आरती लिखी हुई | शिव आरती हिंदी में | Shiv Aarti in Hindi
इसे भी जरूर पढ़े- How to handle mental pressure in hindi | मानसिक दबाव
इसे भी जरूर पढ़े- आगे बढ़ने का मंत्र: सफलता की तीन बड़ी बाधाएं | Mantra for Progress: The Three Biggest Obstacles to Success in hindi
इसे भी जरूर पढ़े- Defying Age: 3 Amazing Superfoods in Hindi | 3 जादुई फूड्स: बुढ़ापे से बचें और यंग रहें